मध्य प्रदेश

Term Path Alias

/regions/madhya-pradesh-1

किसानों और खेती को बचाने का यत्न
Posted on 08 Mar, 2015 03:40 PM

सेवाग्राम, वर्धा में 8 से 10 मार्च तक आयोजित किसान सम्मेलन में देशभर के किसान अपनी रक्षा और दि

नदियों को प्रदूषण मुक्त बनाने के साथ चौथा अन्तरराष्ट्रीय नदी महोत्सव का समापन
Posted on 18 Feb, 2015 10:32 AM जीवनदायिनी नदियाँ लगतार प्रदूषित हो रही हैं: शिवराज
नर्मदा मेरे हृदय में बसी हैं : उमा भारती

Nadi mahotsava
बिजली न डीजल, फिर भी सिंचाई
Posted on 13 Feb, 2015 03:16 PM

प्रकृति, वन्य जीव और जंगल का संरक्षण करते हुए कृषि के लिए पानी की व्यवस्था करना सम्भव हुआ। इससे

irrigation
घाट बनाने में उथली हो रही क्षिप्रा
Posted on 25 Jan, 2015 02:32 PM भूखीमाता से नृसिंह घाट तक क्षिप्रा में बड़े पैमाने पर डाल दी मिट्टी कई जगह बन गए टापू, समय रहते नहीं हटाई तो सिंहस्थ में होंगे हादसे
चतुर्थ नदी महोत्सव
Posted on 25 Jan, 2015 12:40 PM तारीख : 13-15 फरवरी 2015
स्थान : बान्द्राभान, होशंगाबाद (मध्य प्रदेश)
आयोजक : नर्मदा समग्र


प्रतीक का अर्थ


. चौथे नदी महोत्सव का विषय है 'नदी जलग्रहण क्षेत्र, रसायन और समस्याएँ।' कार्यक्रम का प्रतीक चिन्ह इसे कला के माध्यम से दर्शाता है। एक पहाड़ का गहरा हरा रंग उत्तम कृषि को दर्शाता है, वहीं दूसरा हल्का हरा रंग रसायन व कीट नाशकों के प्रभाव से कृषि उत्पाद में गिरते 'रस' तत्व की कमी और भूमि में होने वाले भूमि तत्व कि गिरावट को दर्शाता है।

पेड़, जंगल का प्रतीक है और उसका अकेला होना छिदरे हुए जंगल की ओर ध्यान आकर्षित करवाता है। झोपड़ी, किसान का घर है, केकड़ा (कर्क रोग) किसान के घर में प्रवेश कर रही असाध्य बीमारियों का प्रतिनिधि है। नीली रेखा नदी है जिसमें सम्पूर्ण जलग्रहण क्षेत्र का जल आ रहा है, जो रासायनिक प्रयोग के कारण काली (मृत) हो रही है।
असली बीमारी तो लूट की है
Posted on 17 Jan, 2015 01:31 PM आज देश में कहीं भी सादा नमक नहीं मिल सकता। पशु आहार और बर्फ बनाने वाली फैक्टरियों के नाम पर कहीं सादे नमक के डले, बोरे दिख जाएं तो अलग बात, लेकिन हमारे आपके भोजन में अब आयोडीन मिला नमक ही इस्तेमाल होता है। इसकी शुरुआत सन् 1990 से हुई है। उससे पहले की परिस्थिति बता रहा है डाॅ ज्योति प्रकाश का यह लेख जो उन्होंने सन् 1986 में लिखा था- घेंघा या थायराइड रोग पर सामाजिक दृष्टि से कुछ बुनियादी काम करते हुए।

. नमक आयुक्त ने घोषणा की है कि सन् 1990 तक देश में बनने-बिकने वाले सारे नमक को आयोडीन युक्त कर दिया जाएगा। कहा जा रहा है कि यह कदम आयोडीन की कमी से होने वाले घेंघा, थायराइड रोग से लड़ने के लिए उठाया गया है।

घेंघा रोग से लड़ने की यह कोई पहली कोशिश नहीं है। पिछले 20 साल से ‘राष्ट्रीय घेंघा नियंत्रण कार्यक्रम’ इसी उद्देश्य से चलाया जा रहा है, पर वह समस्या को कुरेद तक नहीं पाया। शोषण की शिकार और कई सामाजिक कारणों से आयोडीन की कमी झेल रही गरीब आबादी को आज तक आयोडीन वाला नमक न दे पाने वाले जिम्मेदार नेताओं और अधिकारियों की आलोचना कम नहीं हुई है।
विकास संवाद मीडिया लेखन फैलोशिप 2015
Posted on 15 Jan, 2015 10:18 AM विकास संवाद की सोच उस दौर में उभरी, जब विकास की उपभोक्तावादी अवधारणा से प्रभावित मुख्यधारा के मीडिया में समाज के सबसे कमजोर तबकों से जुड़े मुद्दों के लिए जगह लगातार कम होती चली गई। विकास संवाद ने पिछले 10 सालों में मीडिया और जमीनी स्तर पर जनमुद्दों की पैरवी कर रहे संगठनों के बीच एक सेतु बनाने की कोशिश की है। इससे मीडिया के लिए मुद्दों तक पहुँच का दायरा तो व्यापक हुआ ही, विकास के मसलों पर पत्रकारों का लगातार जुड़ाव होता चला गया। विकास के मुद्दों पर लगातार संवाद ही हमारी शक्ति है। मीडिया फैलोशिप इस कार्य को और व्यापकता देने का एक माध्यम है। विकास संवाद मीडिया फैलोशिप का यह लगातार दसवाँ साल है। अभी तक इस फैलोशिप के जरिए 66 पत्रकार साथी लेखन और शोध कार्य कर चुके हैं।

विकास संवाद इस बार 4 फैलोशिप के लिए आवेदन आमन्त्रित कर रहा है।
नर्मदा का पूर्णिमा मेला
Posted on 13 Jan, 2015 03:22 PM
इस बार सोमवती पूर्णिमा पर स्नान के लिए नर्मदा गए। अमावस्या पर भी गए थे। आज छोटा मेला भी लगा था। काफी रौनक थी। भीड़ भी थी।
नर्मदा
×