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नौले-धारे
नौला-धारों के पुनर्जीवन से ही टलेगा पहाड़ी लोगों का जलसंकट
Posted on 11 May, 2020 01:37 PMउत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (यूसर्क) और ‘नौला फ़ाउंडेशन’ के संयुक्त तत्वावधान में परंपरागत पहाड़ी जल स्रोतों, नौले-धारों के संरक्षण एवं संवर्धन पर ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया। ‘नौला-धारों का विज्ञान’ विषय पर आयोजित वेबिनार में लोगों ने पहाड़ के लोगों के जीवनरेखा नौले-धारों को पुनर्जीवित करने को जरूरी बताया। 10 मई 2020 को हुए आयोजन में देश भर के हिमालयी स्प्रिंग्स के जानकार
उत्तराखंड में जल समस्या के समाधान हेतु जलस्रोत अभ्यारण का विकास
Posted on 21 Feb, 2020 12:23 PMप्रस्तावना
पिथौरागढ़ के नौले-धारे
Posted on 21 Jul, 2017 09:55 AMगाड़ गधेरे, नौले, धारे के बारे में सबने सुना होगा, धीरे-धीरे सब खत्म या कम होते जा रहे हैं लेकिन पहले ऐसा नहीं था, पहले इन नौलों गाड़ों गधेरों में कई बच्चों ने अपने पहले प्यार, पहली तैराकी और पहली ट्रेकिंग की ट्रेनिंग ली थी।
सूखती जल धाराओं पर गहरी चिन्ता : पुनर्जीवन के लिये कार्ययोजना
Posted on 22 Dec, 2015 11:16 AMपिघलते गलेशियर और व्यावसायिक वनों के कटान सहित बढ़ते प्रदूषण
भारत के पर्वतीय जल स्रोतों (स्प्रिंग्स) की स्थिति और इनके सतत प्रबंधन हेतु जल शक्ति मंत्रालय के प्रयास (भाग 2)
Posted on 21 Jul, 2024 06:16 PM(पिछले से आगे)
उत्तराखंड में जल संरक्षण एवं संवर्धन की प्रासंगिकता
Posted on 20 Jun, 2024 10:10 AMजल प्रकृति का अनुपम उपहार है। मान्यता है कि पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति जल से ही हुई। जीवनदाता जल की मानव ही नहीं अपितु समस्त जीव-जंतु, वनस्पतियों के लिये कितनी अधिक उपयोगिता है, यह बात किसी से छिपी नहीं है, तभी तो कहते हैं- "जल ही जीवन है"। जल के बिना जीवन की कल्पना तक नहीं की जा सकती, जल और जीवन का अटूट सम्बन्ध है। जल तत्व वाष्प और बादल के रूप में आकाश में विद्यमान रहता है, वे बादल बरसकर पृथ्व
स्नो अपडेट रिपोर्ट-2024 : हिंदुकुश हिमालय पर इस वर्ष बर्फबारी में रिकॉर्ड स्तर की कमी, पानी बोओ शुरू करना होगा
Posted on 18 Jun, 2024 04:17 PMहिंदुकुश हिमालयी क्षेत्र में इस वर्ष हिमपात में अभूतपूर्व कमी आने से जल संकट की संभावना और भी मजबूत हो गई है। हाल ही में प्रकाशित एक शोधपत्र में वैज्ञानिकों ने इस पर गंभीर चेतावनी जारी की है। रिपोर्ट के मुताबिक, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से हिमालय पर हिमपात की मात्रा में कमी के कारण, पहाड़ों के नीचे बसे समुदायों को पेयजल की गंभीर कमी का सामना करना पड़ सकता है। 'नेपाल स्थित ‘अंतर्राष्ट्रीय पर्वतीय
पौड़ी गढ़वाल के सुमाड़ी के गौरीकुंड पुनर्जीवन का एक भगीरथ प्रयास
Posted on 12 Jun, 2024 06:30 PMरहिमन पानी राखिये बिन पानी सब सून पानी गये न ऊबरे, मानुष मोती चून ।।
पर्वतों में जल समस्या
Posted on 12 Jun, 2024 06:55 AMहाल ही में एक शोध में पर्वतीय क्षेत्र में पानी की बढ़ती समस्या पर चिंता व्यक्त की गई है। हिंदू-कुश क्षेत्र (यह चार देशों-भारत, नेपाल, पाकिस्तान और बांग्लादेश में विस्तारित है) में किये गए इस अध्ययन में पाया गया कि इस क्षेत्र के 8 शहरों में पानी की उपलब्धता आवश्यकता के मुकाबले 20-70% ही थी। रिपोर्ट के अनुसार, मसूरी, देवप्रयाग, सिंगतम, कलिमपॉन्ग और दार्जलिंग जैसे शहर जलसंकट से जूझ रहे हैं। प्राकृ
प्रकृति का अनुपम उपहार हैं पहाड़ी नौले-धारे
Posted on 11 Jun, 2024 08:31 AMपेयजल के भरोसेमंद स्रोत नौला मनुष्य द्वारा विशेष प्रकार के सूक्ष्म छिद्र युक्त पत्थर से निर्मित एक सीढ़ीदार जल भण्डार है, जिसके तल में एक चौकोर पत्थर के ऊपर सीढ़ियों की श्रृंखला जमीन की सतह तक लाई जाती है। सामान्यतः तल पर कुंड की लम्बाई- चौड़ाई 5 से 8 इंच तक होती है, और ऊपर तक लम्बाई-चौड़ाई बढ़ती हुई 4 से 8 फीट (लगभग वर्गाकार) हो जाती है। नौले की कुल गहराई स्रोत पर निर्भर करती है। आम तौर पर गहर