"टिकाऊ खेती" का अंग्रेजी में अर्थ "Sustainable Agriculture" होता है. यह एक ऐसी कृषि प्रणाली है जो पर्यावरणीय सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए पौधों और जानवरों के उत्पादन को समन्वित करती है। भाग 2 में जानिए कैसे करें इस्तेमाल जैविक उर्वरकों का
टिकाऊ खेती और मृदा स्वास्थ्य के लिए जैविक उर्वरकों का इस्तेमाल हमेशा बेहतर परिणाम देता है। जैविक उर्वरकों यानी जैविक खादों के इस्तेमाल से खेत को कई तरह के फ़ायदे होते हैं। जानिए विस्तार से
अगर एक लिस्ट बनाई जाए तो यह बनती है पहली - तेज़ी से बढ़ते शहरीकरण और औद्योगीकरण से जल निकायों का प्रदूषण बढ़ा है। दूसरी - अकुशल कृषि पद्धतियों और ज़्यादा भूजल दोहन से महत्वपूर्ण जल स्रोतों का दोहन हो रहा है। तीसरी जलवायु परिवर्तन से अनियमित वर्षा पैटर्न हो रहे हैं, जिससे नदियों और जलभृतों का पुनर्भरण प्रभावित हो रहा है, इसके साथ ही खराब जल प्रबंधन और बुनियादी ढांचे की कमी भी जल संकट को बढ़ा रही है, इस मुद्दे पर लेखक की एक टिप्पणी
लेखिका सीमा मुंडोली वन के महत्व को व्यापक दृष्टिकोण से समझने की आवश्यकता पर जोर देती हैं। वन केवल कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करने वाले कार्बन सिंक नहीं हैं, बल्कि वे जैव विविधता के संरक्षण, जलवायु संतुलन, और स्थानीय समुदायों के जीवनयापन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ ज़िले के धारचूला तहसील में व्यास घाटी में स्थित ओम पर्वत पर 'ओम' अक्षर की आकृति दिखती है। यह पर्वत समुद्र तल से 5,900 मीटर की ऊंचाई पर है. ओम पर्वत को हिंदू और बौद्ध दोनों ही धर्मों में पवित्र माना जाता है। बढ़ते तापमान से ऊँ ग्लेशियर की बर्फ गायब हो गई है, पढ़िए एक टिप्पणी
अजोला एक जलीय पौधा है जो जहरमुक्त खेती के लिए एक जैविक वरदान साबित हो सकता है। यह पौधा न केवल पशुओं के लिए एक उत्कृष्ट चारा है, बल्कि फसलों के लिए भी उर्वरक के रूप में काम करता है। पढ़िए अजोला के बारे में विस्तार से
मृदा अपरदन (या मिट्टी का कटाव) किसानों के लिए वास्तव में एक गंभीर समस्या है। यह प्रक्रिया मिट्टी की ऊपरी परत को बहा ले जाती है। पढ़िए इसके विभिन्न पहुलुओं पर टिप्पणी
कार्बन खेती, जिसे कार्बन फार्मिंग भी कहा जाता है, एक ऐसी कृषि पद्धति है जो वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड को मृदा और वनस्पति में संग्रहित करने पर केंद्रित है। पढ़िए इस विषय पर एक आलेख
'क्लाइमेट एंड कॉन्स्टिट्यूशन' को केन्द्र में रखकर जलवायु परिवर्तन से बचने के कानूनी पहलुओं के क्या विकल्प हैं, इस मुद्दे पर चर्चा हुई। कार्यक्रम के प्रमुख अंश पढ़ें।
The flow of high loads of microplastics through the Najafgarh drain into the Yamuna are poisoning the river and threatening its ecosystem. Urgent action is needed!