मध्य प्रदेश

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प्राचीनतम नदी क्षिप्रा को प्रदूषण मुक्त बनाने की रूपरेखा तैयार
Posted on 24 Oct, 2014 12:01 PM मध्यप्रदेश के उज्जैन में वर्ष 2016 में होने वाले सिंहस्थ महापर्व के मद्देनजर देश की सबसे प्राचीनतम नदियों में से एक क्षिप्रा नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने के प्रयासों में तेजी लाई जाएगी। सबसे प्राचीन ग्रंथ स्कंद पुराण में रेखांकित करते हुए लिखा गया है कि (नास्ति वास मही पृष्ठे क्षिप्राया सदृश नदी) यानी कि इसके स्मरण मात्र से मनुष्य के जन्म जमांतर के पापों का ना
देनवा नदी के किनारे
Posted on 21 Oct, 2014 03:28 PM

होशंगाबाद जिले में दक्षिण में पूर्व से पश्चिम तक सतपुड़ा की लम्बवत की खूबसूरत पहाड़ियां हैं। दे

Denwa river
हाथ धुलाई में विश्व रिकॉर्ड के लिए मध्य प्रदेश ने किया प्रयास
Posted on 18 Oct, 2014 09:28 AM
मध्य प्रदेश में बड़े स्तर पर सही तरीके से हाथ धुलाई को बढ़ावा देने के लिए स्वच्छ मध्य प्रदेश अभियान के तहत विश्व हाथ धुलाई दिवस के दिन प्रदेश के लाखों स्कूली बच्चों के हाथ धुलवाए गए। स्वच्छता को बढ़ावा देने और स्वास्थ्य की स्थितियों में सुधार के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने मध्य प्रदेश टेक्निकल असिसटेंट सपोर्ट टीम और वाटर एड के साथ मिलकर गिनिज बुक ऑफ रिकॉर्ड
हाथ की सफाई
बैगाओं की खेती की चर्चा
Posted on 17 Oct, 2014 11:09 AM
हाल ही में बैगा आदिवासियों की खेती को इंडोनेशिया के किसान देखने आए तो वे देखते ही रह गए। एक ही खेत में डोंगर कुटकी, सलहार, मड़िया, कंगनी, सिकिया, झुंझरू, राहर, सांवा आदि फसलों को देखकर उन्हें सुखद आश्चर्य हुआ। उन्होंने न केवल बैगाओं की खेती को देखा बल्कि वे दो दिनों तक उनके साथ गांव-घर में रहे, भोजन किया और खूब बातें की।
बैगा जनजाति का भोजन
जिलाधीश नहीं बाबू उमराव तो जलाधीश हैं
Posted on 09 Oct, 2014 04:12 PM उत्तर प्रदेश के कानपुर के पास ही किसी गांव में जन्मे उमाकांत उमराव ने मध्य प्रदेश के देवास में जिलाधीश के पद पर लगभग डेढ़ साल की एक छोटी सी अवधि में यहां की पारंपरिक तालाब संस्कृति को अपने बूते जिंदा कर दिखाया जिसकी वजह से यहां के बच्चे-बूढ़े, औरतें सभी उनके दीवाने हो गए और उन्हें श्रद्धा से भरकर जलाधीश (जल देवता) कहकर पुकारने लगे।

मालवा क्षेत्र के सबसे सूखे जिले देवास में तबादले की खबर सुनते ही उनके घर-परिवार और दोस्त उन पर इस बात का दबाव बनाने लगे कि किसी तरह वे अपने तबादले का आदेश रुकवा लें। असल में देवास में 1990 से ही पीने का पानी रेलगाड़ियों में टैंकर भरकर लाया जाने लगा था।
<i>3-7 Oct 2013 in Dewas, MP by Waterkeeper India</i>
जल संरक्षण के साथ-साथ जल बचत भी आवश्यक...
Posted on 09 Oct, 2014 09:19 AM उज्जैन नगर को जलप्रदाय करने अर्थात इसकी प्यास बुझाने का एकमात्र स्रोत है यहाँ से कुछ दूरी पर बना हुआ बाँध जो 1992 वाले कुम्भ के दौरान गंभीर नदी पर बनाया गया था। उल्लेखनीय है कि गंभीर नदी, चम्बल नदी की सहायक नदी है, जो कि नर्मदा नदी की तरह वर्ष भर “सदानीरा” नहीं रहती उज्जैन नगर को जलप्रदाय करने अर्थात इसकी प्यास बुझाने का एकमात्र स्रोत है यहाँ से कुछ दूरी पर बना हुआ बाँध जो 1992 वाले कुम्भ के दौरान गंभीर नदी पर बनाया गया था। उल्लेखनीय है कि गंभीर नदी, चम्बल नदी की सहायक नदी है, जो कि नर्मदा नदी की तरह वर्ष भर “सदानीरा” नहीं रहती आधुनिक युग में जैसा कि हम देख रहे हैं, प्रकृति हमारे साथ भयानक खेल कर रही है, क्योंकि मानव ने अपनी गलतियों से इस प्रकृति में इतनी विकृतियाँ उत्पन्न कर दी हैं, कि अब वह मनुष्य से बदला लेने पर उतारू हो गई है। केदारनाथ की भूस्खलन त्रासदी हो, या कश्मीर की भीषण बाढ़ हो, अधिकांशतः गलती सिर्फ और सिर्फ मनुष्य के लालच और कुप्रबंधन की रही है। इस वर्ष की मीडिया चौपाल, नदी एवं जल स्रोत संरक्षण विषय पर आधारित है।

सीहोर जिले का डोडी पंचायत हुआ खुले में शौच से मुक्त
Posted on 04 Oct, 2014 01:40 PM
भोपाल। मध्य प्रदेश पंचायत एवं ग्रामीण विकास की अपर मुख्य सचिव सुश्री अरुणा शर्मा ने आज 2 अक्तूबर को सीहोर जिले के डोडी ग्राम पंचायत को खुले में शौच से मुक्त गांव घोषित किया। ग्रामसभा में स्वच्छ भारत अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि गांवों को स्वच्छ रखने से बीमारी नहीं होगी और खुशहाली आएगी। शौचालय एवं साफ-सफाई से ग्रामीणों को ही फायदा
खुले में शौच मुक्त हुआ डोडी पंचायत
भील अपने खेत पानी के टैंकर से सींचते हैं
Posted on 03 Oct, 2014 11:08 AM हम टीवी के रूपहले पर्दे पर भील आदिवासियों को रंग-बिरंगी पोषाकों में नाचते हुए देखते हैं और मोहित हो जाते हैं लेकिन जब हम उनसे सीधा साक्षात्कार करते हैं तो उनके कठिन जीवन की असलियत देख-सुनकर वह आकर्षण काफूर हो जाता है।

ऐसा ही अहसास मुझे तब हुआ जब मैं उनसे मिला और उनके दुख-दर्द की कहानियां सुनीं। हाल ही मुझे 31 अगस्त से 3 सितंबर तक पश्चिमी मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल अलीराजपुर में रहने का मौका मिला।

इस दौरान एक भिलाला युवक रेमू के साथ मैं डेढ़ दर्जन गांवों में गया। ये सभी गांव अलीराजपुर जिले में स्थित हैं। इनमें से कुछ हैं-खारकुआ, छोटा उण्डवा, तिति नानपुर, घोंगसा, उन्दरी, हिरापुर,फाटा इत्यादि।
Krishi
कालीबाई की आंखों में भोर की उजास
Posted on 20 Sep, 2014 09:39 AM झाबुआ के मियाटी गांव में कालीबाई कोई इकलौती नहीं, जिनको फ्लोरोसिस रोग लगा हो, यह तो यहां की घर-घर की कहानी है। अगर मियाटी को रेंगते, लुढ़कते और लड़खड़ाते हुए लोगों का गांव कहें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी

.लगभग डेढ़ दशक पहले झाबुआ जिले के मियाटी गांव के तोलसिंह का ब्याह जुलवानियां की थावरीबाई से हुआ। बाद में उसने थावरीबाई की छोटी बहन कालीबाई से “नातरा” कर लिया। मियाटी की आबोहवा में जाने क्या घुला हुआ था कि काली दिन-ब-दिन कमजोर होती चली गईं। 38 की उम्र आते-आते वह निशक्त हो गईं। हड्डियां ऐसी हो गईं जैसे वह कभी भी झर से झड़कर बिखर जाएंगी। उसके पैर टेढ़े-मेढ़े हो गए और उसके लिए दो कदम चलना भी पहाड़ जैसा हो गया था। लाठी ही उसका एक सहारा रह गई।

शादी के कुछ साल बाद काली का एक बेटा, भूरसिंह पैदा हुआ। काली को भरोसा हुआ कि बेटा बुढ़ापे का सहारा बनेगा लेकिन वह तो जवान होने से पहले ही बूढ़ा हो गया।
Kalibai
रेनवाटर हार्वेस्टिंग से बदलती गांव की तस्वीर
Posted on 13 Sep, 2014 03:38 PM

छत्तीसगढ़ के कोहका गांव के प्रत्येक घर में रेनवाटर हार्वेस्टिंग लगाने का कार्य सफलतापूर्वक गांव के ही पूर्व सरपंच श्री ‘शिवलाल भास्कर’ जी ने किया है। रेनवाटर हार्वेस्टिंग से गांव की तस्वीर ही बदल गई है। इस कार्य हेतु उन्हें सम्मानित भी किया जा चुका है। वे राष्ट्रीय लायंस क्लब, संपूर्ण साक्षरता अभियान, निशक्त जन, पोलियो, सहेली-हरेली योजना से भी जुड़े हुए हैं। जल के अत्यधिक दोहन से दिन प्रतिदिन ज

Agriculture
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