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/topics/mining
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हमारे यहां सारस, लाल सुर्खाब, सफेद सुर्खाब, नीलसर, जलकाग जैसे प्रवासी पक्षी हज़ारों की संख्या में आया करते थे। महासीर जैसी दुर्लभ मछली, लालपरी, सुआ, सेवड़ा, लोंछी, किरण, गोल्डन फिश, रोहू जैसी मछलियां हजारों की संख्या में रहती थीं। हमने यहां 70-70 किलो वज़न तक के कछुए देखे हैं। जब से रेत-बजरी का खनन शुरू हुआ, नदी के भीतर से जीव-जंतु, जलीय पौधे सब घटने लगे। मशीनों के शोर ने पक्षियों को यहां से जा
सारांश : रानीगंज कोयलांचल को भारत में कोल खनन क्षेत्र के नाम से जाना जाता है। रानीगंज कोयलांचल के खदान जल की गुणवत्ता का आकलन करने के लिये खदान जल के भौतिक और रासायनिक गुणों की विशेषताओं का अध्ययन किया गया। वर्तमान अध्ययन में खदान जल को घरेलू और पेयजल में उपयोग करने हेतु खदान जल के विभिन्न प्राचल पैरामीटरों की भारतीय पेयजल मानक IS;10500 के साथ तुलना की गया। 8 खनन क्षेत्रों से ख