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मध्य प्रदेश
बारिश के पानी को सहेजने की अनूठी तकनीक
Posted on 15 Jun, 2015 04:33 PMआकाश पानी रोकेंगे, पाताल पानी बढ़ाएँगे....
विकास संवाद द्वारा नौवाँ नेशनल मीडिया कॉन्क्लेव
Posted on 14 Jun, 2015 12:38 PMतारीख : 17 से 19 जुलाई 2015स्थान : झाबुआ,
गरीबी की स्थितियों ने यहाँ पर पलायन को विकराल रूप में पेश किया है। पलायन ने यहाँ पर सिलिकोसिस को जानलेवा बना दिया है। बच्चे बीमार हैं, कुपोषण भयानक हैं और इसके चलते बच्चे बड़ी संख्या में हर साल मरते हैं। पीने के पानी का संकट यहाँ पर फ्लोरोसिस पैदा करता है। खेती भी अब वैसी नहीं बची, इससे इलाके की पोषण सुरक्षा लगातार घटी है और उसके चलते सबसे ज्यादा जो स्थितियाँ दिखाई देती हैं वह किसी-न-किसी तरह की बीमारी के रूप में सामने आती हैं। पिछले आठ सालों से हम हर साल राष्ट्रीय मीडिया संवाद का आयोजन कर रहे हैं। इसका मकसद है जनसरोकारों के मुद्दों पर पत्रकारों के बीच एक गहन संवाद स्थापित करना है। पचमढ़ी से शुरू होकर संवाद का यह सिलसिला बांधवगढ़, चित्रकूट, महेश्वर, छतरपुर, पचमढ़ी, सुखतवा, चन्देरी तक का सफर तय कर चुका है।
इन ऐतिहासिक जगहों पर आयोजित सम्मेलनों में हमने, पत्रकारिता, कृषि, आदिवासी आदि विषयों पर बातचीत की है। इन सम्मेलनों में कई वरिष्ठ पत्रकार साथियों ने भागीदारी की है।
शुरुआती सालों में हमने इस संवाद को किसी एक विषय से बाँधकर नहीं रखा, लेकिन आप सभी साथियों के सुझाव पर महेश्वर से हमने इस संवाद को विषय केन्द्रित रखने की शुरुआत की। इस बार हम इस संवाद को स्वास्थ्य के विषय पर बातचीत के लिये प्रस्तावित कर रहे हैं।
किसान, कारपोरेट और बाँस क्रान्ति
Posted on 14 Jun, 2015 12:27 PMमध्य प्रदेश में पर्यावरण और किसानों के लिये एक अच्छी खबर है! म.प्र.
गम्भीर जलसंकट की ओर बढ़ता मध्य प्रदेश
Posted on 14 Jun, 2015 11:20 AMहर साल गर्मी का मौसम आते-आते शहर के भूजल की स्थिति गम्भीर हो जाती हजंगलों में खत्म हो गया पानी
Posted on 13 Jun, 2015 10:37 AMप्रकृति की अनमोल देन पानी को मनुष्य ने मनमाने तरीके से दोहन किया। आज चारों तरफ से जल संकट का हाहाकार सुनाई देने लगा है। इससे हम तो जूझ ही रहे हैं, इसका खामियाजा अब जंगलों में रहने वाले बेजुबानों को भी भुगतना पड़ रहा है। भले ही इनमें इनकी कोई गलती न हो। हालात इतने बुरे हैं कि वन्यप्राणियों को अब अपने पीने के पानी की तलाश में लम्बी–लम्बी दूरियाँ तय करना पड़ रही है। इतना ही नहीं कई बार ये पानी की त
साफ़ हवा और पानी के लिए हाईकोर्ट का आसरा
Posted on 11 Jun, 2015 10:23 AMआप मेघनगर आ रहे हैं तो अपने पीने का पानी साथ लेकर आयें, फ़ोन पर पहली बार यहाँ के लोगों की यह बात सुनकर हम भी सकते में पड़ गए कि आखिर ऐसा क्यों कहा गया हमसे। कोई भी कहीं जाता है तो क्या अपना पानी साथ लेकर जाता है। क्या वहाँ इतना पानी भी नहीं या ये लोग मेहमाननवाज़ी का शिष्टाचार भी भूल गए हैं। पर जब हम मेघनगर पहुँचे तो सारी बात साफ़ हो गई। दरअसल यहाँ की आबो-हवा इतनी बुरी तरह से दूषित हो चुकी है कि न
बाँध बन्दूकों के साये में
Posted on 07 Jun, 2015 09:40 AMक्या आपने कभी सुना है कि पानी के बाँध पर किसी राजकीय खजाने की तरह से, चौकसी करनी पड़ी हो लेकिन पानी का संकट जो न कराए वो थोड़ा है। हाँ, यह सही है। उज्जैन जिले के चम्बल बाँध को हथियारबंद सिपाहियों के हवाले करना पड़ा है। सिपाही दिन–रात गश्त करते हुए इस बात की निगरानी करते हैं कि कोई टैंकर यहाँ से पानी न भर सके। स्थिति इतनी बुरी है कि इस बाँध में बहुत थोड़ा प
तालाब खत्म करने से प्यासा है बस्तर
Posted on 03 Jun, 2015 04:43 PMबस्तर अंचल में रोजगार के नए अवसर सृजित करने के लिए कल-कारखानों, खेती के नए तरीकों और पारम्परिक
चीलर नदी : क्या फिर ज़िन्दा हो सकेगी
Posted on 01 Jun, 2015 04:24 PMमध्यप्रदेश के शाजापुर शहर के बीचो-बीच से बहने वाली चीलर नदी क्या एक बार फिर अपने पुराने रूप में लौट सकेगी?