हरित छत से पर्यावरण संरक्षण

हरित छतों वाली बिल्डिंग (courtesy - needpix.com)
हरित छतों वाली बिल्डिंग (courtesy - needpix.com)

आप ऐसे घर में रहें, जिसकी छतों पर हरियाली लहलहाए. रंग बिरंगे फूल मुस्कराएं। हरे भरे लान में मुलायम सी घास हो, कुछ छोटे बड़े पेड़ पौधे हों। ऐसी छतें हमारे देश में भले ही न के बराबर हों, लेकिन अमेरिका और यूरोप में ये हकीकत बनती जा रही हैं। ये ऐसी छतें होती हैं, जिन्हें हरित छत या ग्रीन रूफ कहा जाता है। आमतौर पर हम-आप जो घर बनाते हैं, वहां छतें लंबी चौड़ी तो हो सकती हैं, लेकिन वीरान होती हैं, खाली होती हैं, उनका ज्यादा उपयोग नहीं होता। लेकिन आने वाले समय में अपने देश में भी शायद ऐसा होगा, छतों पर हरी भरी दुनिया का नया संसार । हरित छत एक वनस्पतियुक्त छत प्रणाली है, जो उपयोगकर्ताओं और पर्यावरण दोनों के लिए कई लाभ प्रदान करती है। यह एक टिकाऊ डिजाइन विकल्प है जो शहरीकरण और जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में मदद करता है। हरित छतें शहरी ताप द्वीप प्रभावों को कम करके, तूफानी जल प्रबंधन में सुधार करके और वायु की गुणवत्ता को बढ़ाकर शहरवासियों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार कर सकती हैं। वे इनडोर और आउटडोर तापमान को कम करके ऊर्जा और उत्सर्जन में कमी लाने में भी योगदान करते हैं, जिससे इमारतों की शीतलन ऊर्जा की मांग कम हो जाती है। हरित छतें शहरी क्षेत्रों में हरित स्थान प्रदान करती हैं, इमारतों की सुंदरता बढ़ाती हैं, और पर्यावरण की जैव विविधता को बढ़ाती हैं। उन्हें भवन संरचना, भार क्षमता और उपयोग की जाने वाली सामग्री जैसे कारकों पर सावधानीपूर्वक विचार करने की आवश्यकता होती है।

मानकों में कम होती जमीनों और पर्यावरण के प्रति जागरूकता ने छतों को वो महत्व प्रदान कर ही दिया है, जो बहुत पहले होना चाहिए था। ऐसा लगता है कि ईसा पूर्व हमारे पूर्वज जरूर ऐसा कुछ करते रहे होंगे, जिसके परिणामस्वरूप बेबीलोन का हैगिंग गार्डन था। प्राचीन काल में भी जब छतों को नये तरीके से देखा जा रहा है और इनका महत्व बढ़ता जा रहा है, तो ऐसा लगता है कि इसके मूल में कहीं न कहीं हजारों साल पुरानी ये हैंगिंग गार्डन झूलते बागीचे रहे होंगे। संभवतः दबदबा वो विरासत है, जिसने पर्यावरणविदों को वीरान और उजाड़ छोड़ने वाली छतों को एक नये अंदाज में बदलने की प्रेरणा दी। जब हम हरे रंग की छत यानी हरी भरी छतों की बात कर रहे हैं, तो कोई अनोखी बात नहीं कर रहे। 

यूरोप और अमेरिका में अब कोई नया घर बनना चाहता है तो घर पर ग्रीन रूफ का निर्माण रखना नहीं भूलता। वैसे ये भी सच है कि ये हरी भरी छतें इतनी अनमोल हैं कि नये ट्रेंड में बदल गई हैं। वहां के औद्योगिक शहर बदलने लगे हैं। बड़े बड़े पन्नों की आधी तिरछी और सपाट छतों पर एक नई हरित दुनिया का जन्म हो रहा है। 

शिकागो शहर को लोग दुनिया के सबसे बड़े औद्योगिक शहर के रूप में जानते हैं। दुनिया का सबसे बेहतर स्टील यहां तैयार होता है। संरचना के मामले में ये सबसे समृद्ध शहरों में जाना जाता है। इस शहर में पिछले कुछ दिनों में एक खास बदलाव आया है। यहां की ज्यादातर इमारतों में छतों पर खूबसूरत लान बनने लगे हैं, जो पर्यावरण संतुलन में विशेष भूमिका निभा रहे हैं। कुछ साल पहले जब शहर की छतों में इस तरह के बदलाव का बीड़ा उठाया गया तो लोगों को विश्वास नहीं हुआ कि उनका यह सपना शहर को इतना बदल देगा कि वह दृश्यों के लिए उदाहरण बन जाएगा। अब लोग शिकागो शहर को उत्तरी अमेरिका का हरी छतों वाला शहर कहने लगे हैं। यहां की ऊंची अट्टालिकाओं पर बने पार्क के लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने वाली आकृतियाँ हैं। 

इन हरी यानी हरी छतों के बाद यूरोपीय देशों में ये बात खूब चल निकली है कि केवल यह जरूरी नहीं है कि आदमी कैसी इमारत बनाता है, कितनी ऊंची इमारत बनाता है, बल्कि यह मानता है कि इमारत के साथ वो छत कैसी बना रहा है और उसका कैसे उपयोग करता है। हाल के दशकों में आर्किटेक्ट्स, बिल्डर्स और सिटी प्लानर्स ने इस ओर भी ध्यान देना शुरू किया। वेंकूवर पब्लिक लाइब्रेरी की विशालकाय छत की ओर पहले कभी किसी का ध्यान नहीं गया। लेकिन 1985 में इसे पूरी तरह बदल दिया गया। उसके बाद तो 20 हजार वर्ग फीट में पूरी तरह से छत बदल दी गई। यहां का सन्नाटा जिंदगी के मधुर संगीत में बदल गया। इसी शहर में एक विश्व प्रसिद्ध होटल ऐसा भी है, जो अपने फल से लेकर सबसे बढ़िया ढंग से बने हुए एजेड फार्म हाउस से मिलता जुलता है। इसमें सेब से लेकर हरी-भरी नौकरियां, हर्बल और शहद सबकी पैदावार की जाती है। इसके माध्यम से होटल हर साल सोलह हजार डालर से कहीं ज्यादा की बचत करने लगा है। 

लंदन को विश्व में सबसे प्रसिद्ध शहर माना जाता है। ब्रिटिश एक खास तरह की वास्तुकला को पसंद करते हैं और उन्हें रहना पसंद करते हैं। एकदम सीधी ऊंचाई वाले दो से तीन मंजिल वाले घर। सपाट चादरें और छत के ऊपर चिमनी वाले। लेकिन अब इस शहर में छतें अलग अंदाज में बनने लगी हैं, जिन पर छोटी-छोटी लांस और ऊर्जा भंडार का खास ख्याल रखा जाने लगा है। 

विश्व प्रसिद्ध फोर्ड फैक्ट्री का मुख्यालय मिशिगन में है, जहां फोर्ड कंपनी का दीर्घकालिक साम्राज्य फैला हुआ है। वह पहाड़ से ऊंचे स्थान पर अपने व्यापार को नियंत्रित करने का काम करते हैं। उनकी एक फैक्ट्री की 10.4 एकड़ की छत पर पहले धूप और ऊपर से भरपूर गिफ्ट का खासा असरदार था। इससे निपटने के लिए उन्होंने इस लंबे क्षेत्र को हरे भरे पार्क में बदल दिया। अब यह पार्क न केवल धूप से उन्हें ढकना है बल्कि पास के एयरपोर्ट पर रनआफ के टाइम फीस के  85% + शोरगुल और प्रमाणपत्र से निर्माता की इस इमारत की रक्षा करता है। 

शिकागो, स्टैटगार्ट, सिंगापुर और टोक्यो जैसे शहरों की तस्वीर बदल रही है। बहुत तेजी से वहां ऊंची-ऊंची इमारतों की सीमाएं और ऊपरी छतें हरी होती जा रही हैं। अमेरिका और यूरोप में ये खासा चर्चा है। स्विट्जरलैंड के बासेल शहर की तो खास विशेषता यही है कि यहां की हर छत हरी छत है। अमेरिका के कुछ शहरों में तो बिल्डरों को इस तरह के मकान बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, जो सही मायने में ग्रीन हाउस कहलाएं। जर्मनी, स्विट्जरलैंड और ऑस्ट्रिया जैसे यूरोप के कई देशों में इस तरह की छतों को लाइव रूफ यानी सजीव छतें कहा जाता है। इनके लिए कानून बने हुए हैं या घरों में ग्रीन रूफ बनाना जरूरी हो गया है। 

यूरोप में हरित छत लैब बन चुके हैं। जो लोग कहते हैं कि आप जिस इलाके में मकान बना रहे हैं, वहां के लिए आपको अपनी छत का पार्क कैसे तैयार करना चाहिए। उसकी मिट्टी कैसी होनी चाहिए। पेड़ कैसे लगाएं। साथ ही ये भी आप इनसे किस तरह वाटर हार्वेस्टिंग से लेकर ऊर्जा पैदा कर सकते हैं। इन पंक्तियों में ग्रीन छतें तैयार करने के लिए खास तरह की तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। कुछ पर्यावरणविद इसलिए इसे उपयोगी मानते हैं कि कम से कम इसी प्रकार के उद्देश्यों से तो शहरी लोग प्रकृति के फिर से करीब आने लगे हैं। यानी उनकी दृष्टि में यह प्रकृति का शहरीकरण है, जिससे भागमभाग वाली शहरी जीवनशैली में जीवन को आप प्रकृति के करीब महसूस करने लगते हैं। 

हरित छत तैयार करने की प्रक्रिया में सबसे ठोस परत वाली वायुयुक्त डेक की होती है। इसके ऊपर वाटरप्रूफ मेंबरन की परत होती है, जिसके ऊपर खासतरह की स्टोरेज कपनुमा बैरियर मैट लगाए जाते हैं, जो ऊपर से सल्फेट्स फिल्टर से चिपकते हैं। अनगिनत धातुओं को एक के ऊपर एक बिछाने का मकसद लोडिंग सिस्टम तैयार करना होता है। जो पानी को फिल्टर करके सबसे नीचे के डक्स तक लाता है और फिर शुद्ध रूप में स्टोरेज टैंक में इक्ट्ठा कर लिया जाता है। 

यह प्रासंगिक प्रणाली केवल पानी को फिल्टर करने और नीचे की स्टोरेज टंकियों तक हीटिंग का काम नहीं करती बल्कि छत और मिट्टी के बीच इंसुलेटर का काम भी करती है। ऐसा कुछ करने के बाद फिल्टर मिट्टी पर सतह बनाकर उस पर घास और पौधे बो दिए जाते हैं। और इस तरह तैयार हो जाती है ग्रीन रूफ । पुराने बैरियर मैट्स से लेकर मिट्टी के ऊपरी सतह तक की कुल ऊंचाई तीन से सात इंच तक हो सकता है। बेशक इस तरह की छतों की लागत आम छतों से है। बारिश से तिगुनी तक होती है लेकिन लंबी अवधि में देखें तो ये न केवल खास उपयोगी साबित होती हैं। 

आमतौर पर इन छतों पर सोलर पैनल बिछाने का तरीका भी चल पड़ा है यानी इसका मतलब यह होता है कि खुद का काफी हद तक बिजली का उत्पादन भी किया जाता है। अब आप खुद देखिये कि ये छतें कितने काम की हैं। सब्जी भी खाइये। पार्क का आनंद लीजिए। इको फ्रेंडली बनाएं। प्रकृति के करीब रहिये। छत को अल्ट्रा वायलेट रेज से बचाएं। ऊर्जा की बचत करें और साथ ही वाटर हार्वेस्टिंग भी। भारत में हरे रंग की छतें या हरे रंग की इमारतें अभी भी दूर की कौड़ी लगती हैं। कुछ बड़े शहरों में इसकी शुरुआत तो हो रही है लेकिन ये अभी न के बराबर है। 

लेकिन ये बात सही है कि अगर शहरी क्षेत्र की नई बिल्डिंग्स ग्रीन बिल्डिंग्स के कंसेप्ट को लागू करें तो भारत में 3400 मेगावाट बिजली बच सकती है। हमें हरित छतें चाहिए क्योंकि कार्बन कार्यों के मामले में भारत शीर्ष देशों की सूची में शामिल है। देश में बड़े पैमाने पर बिजली संकट का सामना कर रहा है, जो समय आने के साथ और बढ़ेगा। पानी के स्रोत भी अक्षय नहीं हैं। पानी के स्रोत सीमित हैं लेकिन जनसंख्या तेजी से कई गुना हो गई है।

वर्ल्ड बैंक का दावा है कि अगले गर्मियों में छत के तापमान को कम करते हैं, जबकि ठंडी सर्दियों में गर्मी को अंदर बंद करके थर्मल दक्षता में सहायता करते दो दशकों में भारत ने अगर पानी प्रबंधन के लिए गंभीर पहल नहीं की तो गहरा संकट पैदा हो सकता है। हमारे बड़े शहरों में वायु हैं। प्रदूषण भी एक बड़ी समस्या है। बड़े शहरों में जमीन खत्म हो चुकी है। बरसात के पानी व्यर्थ चला जाता है। हम इसका कोई उपयोग नहीं कर पाते हैं। हरित छतें यह अवसर प्रदान करती हैं और आपकी छत की जीवन प्रत्याशा को दोगुना या तिगुना करने में सक्षम साबित हुई हैं। हरियाली की बाधा नीचे की जलरोधी झिल्ली की रक्षा करने में मदद करती है और यह सुनिश्चित करती है कि आपकी छत की जीवन प्रत्याशा दशकों तक बनी रहे। 

निस्संदेह, हरित छत का सबसे लाभकारी लाभ थर्मल प्रदर्शन है और यह आश्चर्यजनक है कि यह कितना अंतर ला सकता है। एक सामान्य छत का सामना करने वाली सबसे बड़ी समस्याओं में से एक खराब इन्सुलेशन है, जिसके कारण सर्दियों में काफी गर्मी का नुकसान होता है और गर्मियों के महीनों में भीषण गर्मी पड़ती है। यह सब ग्रीन रूफ की सहायता से बदल जाता है। 

ग्रीन रूफ को लागू करके आप ऊर्जा दक्षता में सुधार सुनिश्चित कर सकते हैं और एयर कंडीशनिंग के उपयोग को भी सीमित कर सकते हैं। पौधे सूर्य की ऊर्जा को अवशोषित करते हैं और इसलिए हरित छतें एयर कंडीशनिंग की आवश्यकता को कम करती हैं, साथ ही सर्दियों के लिए कम गर्मी की आवश्यकता भी सुनिश्चित करती हैं। 

हरित छत प्रणाली छत के माध्यम से प्रवेश करने वाले बाहरी ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए एक इन्सुलेटर और बफर के रूप में कार्य करती है। अध्ययनों से पता चला है कि हरित छतें बाहरी योगदानकर्ताओं से इनडोर ध्वनि प्रदूषण को 10 डेसिबल तक कम कर सकती हैं। शोर-स्तर में कमी शोर- प्रभावित क्षेत्रों में इमारतों को महत्वपूर्ण लाभ प्रदान कर सकती है, जैसे कि हवाई अड्डों, राजमार्गों, निर्माण या उद्योग के करीब की साइटें। अवांछित ध्वनि प्रदूषण में यह कमी एक अधिक उत्पादक और शांतिपूर्ण कार्य वातावरण बनाती है। 

हरित छत को एक बगीचे की तरह विकसित करना चाहिए और इसे नियमित रूप से पानी देने, खाद देने और निराई करने की आवश्यकता होगी। आप इसे स्वयं कर सकते हैं या किसी को इस स्थान की देखभाल करने के लिए नियुक्त भी कर सकते हैं। किसी भी तरह से, इस शानदार हरे क्षेत्र को बनाए रखना बहुत अच्छा है। 

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Post By: Kesar Singh
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