सोलर पैनल से चलाई जाती है पानी की मोटर

सोलर पैनल
सोलर पैनल


सोलर पैनलधार। सौर उर्जा के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति के लिए एक नई कवायद की जा रही है। दरअसल हैण्डपम्प पर सौर उर्जा पम्प स्थापित करके पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। इस तरह की योजना जिले के अनेक ग्रामों में चल रही है। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह सामने आई है कि जो सौर ऊर्जा पैनल लगाई जा रही है उसकी सुरक्षा की कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है। ऐसे में यह पैनल जल्द ही खराब हो जाएँगी और बाद में पानी खींचने की मोटर चला पाना सम्भव नहीं होगा। इस तरह की स्थिति नालछा विकासखण्ड के ग्राम मेघापुरा में देखने को मिली है।

गौरतलब है कि जिले के लगभग सभी विकासखंडों में मॉडल के तौर पर 20 से अधिक स्थानों पर सौर उर्जा पैनल लगाई गई है। जिससे कि उत्पन्ना होने वाली उर्जा यानी बिजली से मोटर चलाई जाती है और पानी निकाला जाता है। इस तरह का प्रयोग दो कारणों से किया गया है। सौर उर्जा को बढ़ावा देने के साथ-साथ बिजली की कमी होने पर वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर भी इसे अस्तित्व में लाया गया है।

 

 

ठंड में भी है उपयोगी


मेघापुरा में जब इस व्यवस्था को अस्तित्व में लाया गया था तो यह कल्पना की जा रही थी कि ठण्ड में यह नहीं चल पाएगी। सौर उर्जा से चलने वाली मोटर को इन दिनों सही तरीके से उपयोग किया जा रहा है। कहीं भी ठण्ड के कारण सूरज के ताप कम होने का भी असर नहीं पड़ रहा है। इससे यह सिद्ध हो गया है कि यदि मौसम सामान्य भी रहे तो सौर उर्जा की पैनल का उपयोग किया जा सकता है।

सोलर पैनल

 

 

बच्चे खेलने के लिए चढ़ जाते हैं


मेघापुरा में जो संयन्त्र लगा है उसे देखकर सभी जगह की स्थिति पता की जा सकती है। सबसे बड़ी चिन्ता उन सोलर पैनलों की है जिनके माध्यम से ऊर्जा यानी बिजली तैयार होती है। ये ऐसे स्थान पर लगा दी गई है जिससे कि उनके खराब होने का डर तो है ही साथ ही टूट-फूट की सम्भावना रहती है। कई बार तो स्कूल के बच्चे खेल-खेल में इस पर चढ़ जाते हैं। इसलिए सुरक्षा घेरा जरूरी है।

जिले में हमने यह नई सुविधा उपलब्ध कराई है। ग्रामीण क्षेत्र में इसके लिए लोगों को ही सहयोग करना होगा।
राजीव खुराना, कार्यपालन यन्त्री लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी विभाग
 

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Post By: Shivendra
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