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संदूषण जलराशियों के बुढ़ापे का संकेत
आधुनिक युग में पढ़ते औद्योगीकरण व विकास की अन्य मानवीय गतिविधियों के चलते विभिन्न जल स्रोतों के जल की गुणवत्ता पर काफी मात्रा में विपरीत प्रभाव पड़ा है। अतः जल प्रदूषण पर्यावरण के लिए एक बड़ी समस्या बन चुकी है। परन्तु जलराशियों के लिए प्रदूषण के अलावा संदूषण भी एक और समस्या है Posted on 11 Apr, 2023 02:57 PM

पृथ्वी पर लगभग 70 प्रतिशत भाग में जल का आधिपत्य है जिसमें यह मुख्यतः समुद्र, ग्लेशियर, नदियों, सरोवर, झरने व भूमिगत जल के रूप में उपलब्ध है। इन सभी जल स्रोतों पर सृष्टि के समस्त जीव-जन्तु किसी न किसी प्रकार निर्भर करते हैं। इस प्रकार समस्त जीव-जन्तुओं व के लिए पानी जीवन दायक सिद्ध होता है। हालांकि जीवों के लिए सभी जल  स्रोतों से जल उपलब्ध नहीं रहता है  ना ही वे हर स्रोत से जल प्राप्त कर सकते  ह

संदूषण जलराशियों के बुढ़ापे का संकेत,Pc-Encyclopedia Britannica
बिहार में भूगर्भीय जल संदूषण से पशुओं में फ्लोरोसिस से कुप्रभाव एवं बचाव के उपाय
भूजल में फ्लोराइड का प्रदूषण चट्टानों और अवसादों का अपक्षय और उनमें फ्लोराइड युक्त खनिजों के लीचिंग के कारण होता है। इनके अतिरिक्त उर्वरक और एल्यूमीनियम फैक्टरी के अवशिष्ट जल के भूजल में मिलने से भी पानी फ्लोराइड युक्त हो सकता है। फ्लोराइड की मात्रा कुछ खाद्य पदार्थों में भी अधिक होता है जैसे की समुद्री मछली, पनीर, तुलसी एवं चाय, खाद्य-सामग्री में फ्लोराइड की मात्रा मुख्यतः मिट्टी के प्रकार, भू-पटल में उपस्थित लवणों एवं उपलब्ध पानी पर निर्भर करती हैं। पशु एवम् मनुष्य के शरीर में फ्लोराइड अथवा हाइड्रोफ्लोरिक अम्ल के अधिक प्रवेश होने से फ्लोरोसिस रोग होता है। इसके कारण पशुओं में बाँझपन, उत्पादन घाटा, दांत, हड्डियां, खुर, सींग में विकृति, और अन्य शारीरिक अंग प्रभावित हो सकते हैं।
Posted on 10 Apr, 2023 01:46 PM

जल हमारी सभी प्राकृतिक संपत्तियों में सबसे कीमती है। जल के बिना जीवन की कल्पना करना असंभव है। धरती पर जल के तीन प्राकृतिक स्रोत है। वर्षा जल, भूजल और सतही जल । पृथ्वी के समस्त जल का 96.5 प्रतिशत समुद्री जल है जो कि सतही जल के श्रेणी में आता है। पृथ्वी का 3.5 प्रतिशत जल ही ताजा पानी है जिसे धरती पर पशु और पौधे इस्तेमाल करते हैं।

बिहार में भूगर्भीय जल संदूषण से पशुओं में फ्लोरोसिस से कुप्रभाव एवं बचाव के उपाय,pc-Fluoride Action Network
पर्यावरण प्रवाह: विकास एवं नदी जीवन के मध्य समझौता
भारत में औसत वार्षिक वर्षों की 90 प्रतिशत से अधिक वर्षा वर्षा के चार महीनों (जून से सितम्बर) की अवधि के दौरान होती है तथा वर्षा का वितरण बेहद असमान है और स्थानिक रूप में इसमें बहुत अधिक भिन्नता है। जिसके कारण वर्ष भर विभिन्न क्षेत्रों की पानी की मांग को पूरा करना अत्यधिक कठिन है। Posted on 10 Apr, 2023 11:37 AM

17 अप्रैल, 2017 को राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एन.जी.टी) ने केंद्र से यह स्पष्ट करने को कहा कि गंगा नदी में निर्वाध जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए उसमें न्यूनतम पर्यावरण प्रवाह क्या होना चाहिए। शीर्ष पर्यावरण नियामक ने यह भी कहा कि जब तक पानी को अत्यधिक निकाले जाने और प्रदूषकों को उसमें बहा दिये जाने पर नियंत्रण नहीं लगाया जाता, तब तक गंगा को पूर्णरूपेण उसके असली रूप में वापस नहीं लाया जा सकेगा। र

पर्यावरण प्रवाह: विकास एवं नदी जीवन के मध्य समझौता,Pc-HT
जल गुणवत्ता जीवन के अस्तित्व का एक महत्वपूर्ण पहलू
जल प्रदूषण के लिए प्राथमिक कारण जल का अत्यधिक दोहन है जिसने जल प्रदूषण को काफी हद तक बढ़ाया है। पानी की गुणवत्ता संदूषण के विभिन्न कारणों से प्रभावित होती है, जिसमें शहरी और औद्योगिक अपशिष्टों की निकासी और खेतों से जल का बहना शामिल है नये अपशिष्ट पदार्थ इसी तरह जलमार्गों और झीलों में घुल जाते हैं। इस तरह के प्रदूषण मानव जीवन में प्राकृतिक तरीके से प्रवेश कर प्रभावित करते हैं और तब तक एकत्रित होते हैं जब तक कि वे खतरनाक स्तर तक नहीं पहुंच जाते जल प्रदूषण जलीय जीवों और कशेरुकियों की मृत्यु का भी कारण बनते हैं। Posted on 08 Apr, 2023 12:04 PM

 

 " पृथ्वी, वायु, भूमि और जल हमारे पूर्वजों से विरासत में नहीं हैं बल्कि हमारे बच्चों से हम पर ऋण हैं। इसलिए हम उन्हें उसी तरह से सौंपना होगा, जैसा हमें सौंपा गया था।" गांधी  

जल गुणवत्ता जीवन के अस्तित्व का एक महत्वपूर्ण पहलू,Pc-krishi alert
जल प्रदूषण निवारण एवं कानूनी नियंत्रण
प्रदूषण आज की एक ज्वलंत समस्या है। प्रदूषण पर्यावरण को ही दीमक की तरह खोखला कर रहा है। आज न केवल मानव जाति, अपितु पशु-पक्षी भी प्रदूषण से व्यथित एवं कुंठित हैं। जन जीवन प्रदूषण से प्रतिकूल प्रभावित हुआ है। विकलांगता, अंधापन आदि प्रदूषण के ही परिणाम है। प्रदूषण चाहे हवा हो या जल का प्रदूषण मानव जाति के लिए घातक है। यही कारण है कि उच्चतम न्यायालय को इण्डियन कौसिंल फार एन्वायरो लीगल एक्शन बनाम यूनियन ऑफ इण्डिया (ए.आई.आर. 1996 एस.सी. 1446) के मामले में यह कहना पड़ा कि अब समय आ गया है जब प्रदूषण निवारण एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए शासन, प्रशासन और स्वैच्छिक संगठनों को पहल करनी होगी।

Posted on 08 Apr, 2023 10:41 AM

प्रदूषण आज की एक ज्वलंत समस्या है। प्रदूषण पर्यावरण को ही दीमक की तरह खोखला कर रहा है। आज न केवल मानव जाति, अपितु पशु-पक्षी भी प्रदूषण से व्यथित एवं कुंठित हैं। जन जीवन प्रदूषण से प्रतिकूल प्रभावित हुआ है। विकलांगता, अंधापन आदि  प्रदूषण के ही परिणाम है। प्रदूषण चाहे हवा हो या जल का प्रदूषण मानव जाति के लिए घातक है। यही कारण है कि उच्चतम न्यायालय को इण्डियन कौसिंल फार एन्वायरो लीगल एक्शन बनाम यू

जल प्रदूषण निवारण एवं कानूनी नियंत्रण,pc-anokha gyan
पानी की खेती
भारत का तीन-चौथाई भूभाग सूखा ग्रस्त है। इसके अलावा यहां चेरापुंजी जैसे कई अन्य क्षेत्र भी हैं। जहां बारिश काफी ज्यादा होती है। फिर भी सूखा पड़ता है। बहुउद्देशीय बांध निर्माण व जलाशयों की दृष्टि से भारत का विश्व में चौथा स्थान होने के बावजूद देश भर में पानी की कमी स्पष्ट दिखाई देने लगी है। इस समस्या का काफी हद तक निवारण वॉटरशेड प्रबंधन व पानी की खेती को अपना कर किया जा सकता है। लेकिन सरकार यह कार्य अकेले नहीं कर सकती है। Posted on 07 Apr, 2023 11:11 AM

तकरीबन 100 वर्ष पहले भारत के वाइसरॉय लॉर्ड कर्जन ने कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था मॉनसून के बिसात पर हर साल खेला जाने वाला जुआ है। आज़ादी के 50 साल बाद भी यह बात एक वास्तविकता बनी हुई है। लेकिन क्यों ?

 उत्तर अर्काट जिले के आर्कोणम ताल्लुका के वेगामंगलम गांव की पालर नदी पर बनी कासम तालाब। कासम एक लम्बा तालाब है जो नदी के तल से नीचा खोदा जाता है। नदी का पानी रिसकर इसमें पहुंचता है।,PC-विशेष फीचर्स
वायु प्रदूषण कोविड वैक्सीन के प्रभाव को कर सकता है कम
शोधकर्ताओं ने 40 से 65 साल के उम्र के 927 लोगों के डेटा का विश्लेषण किया गया । जिन्होंने साल 2020 की गर्मियों में और 2021 में कोविड-19 टीकाकरण की शुरुआत के बाद अपने खून के नमूने दिए थे। इनमें से सभी ने कोविड वैक्सीन की 1 या 2 डोज ली हुई थी Posted on 06 Apr, 2023 05:32 PM

एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि वायु प्रदूषण के कारण कोविड-19 के लिए इस्तेमाल होने वाली वैक्सीन का असर कम हो सकता है।  बार्सिलोना इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ स्पेन और जर्मन ट्राईबल रिसर्च इंस्टीट्यूट ने दावा  किया है कि  हवा में पाए जाने वाले सूक्ष्म कण की मात्रा(पीएम 2.5), नाइट्रोजन डाइऑक्साइड ( No 2)  और ब्लैक कार्बन (Bc)  के संपर्क में आने से  बिना पूर्व बीमारी से ग्रस्त लोगों मे आईजीएम

वायु प्रदूषण कोविड वैक्सीन के प्रभाव को कर सकता है कम, Pc- harvard.edu
जल प्रदूषण की पर्यावरणीय सफाई में बायोफिल्म बनाने वाले बैक्टीरिया की भूमिका (Part 2)
सूक्ष्मजीव प्राकृतिक या कृत्रिम दोनों सतहों से जुड़कर और पॉलीसेकेराइड, प्रोटीन व वाह्य डीएनए से मिलकर एक जटिल मैट्रिक्स बनाते हैं। वाह्य कोशिकीय बहुलक पदार्थों की सहायता से सतहों पर इन माइक्रोबियल संयोजनों को बायोफिल्म के रूप में जाना जाता है। ये वाह्य कोशिकीय बहुलक पदार्थ बायोफिल्म बनाने वाले बैक्टीरिया को कई तरह पर्यावरणीय खतरों से बचाता है। बायोफिल्म बनाने वाले बैक्टीरिया प्रदूषण के अच्छे संकेतक माने जाते हैं और जल निकायों में प्रदूषण उपचार के लिए सबसे अच्छे उम्मीदवार भी हैं। बायोफिल्म से विभिन्न बैक्टीरिया की पहचान की गयी है जिनका उपयोग जलीय पर्यावरण से प्रदूषकों को हटाने के लिए जैविक उपचार की प्रक्रिया में सफलतापूर्वक किया गया है। Posted on 06 Apr, 2023 01:04 PM

अपशिष्ट जल उपचार संयंत्रों में बायोफिल्म बैक्टीरिया का उपयोग

जल प्रदूषण की पर्यावरणीय सफाई में बायोफिल्म बनाने वाले बैक्टीरिया की भूमिका,Pc- Frontiers
जल प्रदूषण की पर्यावरणीय सफाई में बायोफिल्म बनाने वाले बैक्टीरिया की भूमिका (Part 1)
सूक्ष्मजीव प्राकृतिक या कृत्रिम दोनों सतहों से जुड़कर और पॉलीसेकेराइड, प्रोटीन व वाह्य डीएनए से मिलकर एक जटिल मैट्रिक्स बनाते हैं। वाह्य कोशिकीय बहुलक पदार्थों की सहायता से सतहों पर इन माइक्रोबियल संयोजनों को बायोफिल्म के रूप में जाना जाता है। ये वाह्य कोशिकीय बहुलक पदार्थ बायोफिल्म बनाने वाले बैक्टीरिया को कई तरह पर्यावरणीय खतरों से बचाता है। बायोफिल्म बनाने वाले बैक्टीरिया प्रदूषण के अच्छे संकेतक माने जाते हैं और जल निकायों में प्रदूषण उपचार के लिए सबसे अच्छे उम्मीदवार भी हैं। बायोफिल्म से विभिन्न बैक्टीरिया की पहचान की गयी है जिनका उपयोग जलीय पर्यावरण से प्रदूषकों को हटाने के लिए जैविक उपचार की प्रक्रिया में सफलतापूर्वक किया गया है। बायोफिल्म बनाने वाले बैक्टीरिया पर आधारित बायोरिएक्टर इन दिनों पारंपरिक तरीकों की तुलना में प्रदूषित पानी की सफाई के लिए अधिक कुशल तरीके से उपयोग में लिये गये हैं। यह समीक्षा जलीय पारिस्थितिक तंत्र में प्रदूषक के उपचार में बायोफिल्म बनाने वाले बैक्टीरिया की क्षमता और उपयोग का वर्णन करती है।

Posted on 06 Apr, 2023 11:53 AM

पृथ्वी की सतह का एक तिहाई हिस्सा पानी से आच्छादित है, जिसमें से लगभग 98% पानी महासागरों और अन्य खारे जल निकायों में मौजूद है, जबकि अधिकांश मीठा पानी बर्फ की चादरों और ग्लेशियरों के रूप में मौजूद है। मीठे पानी के आसानी से उपलब्ध स्रोतों में नदी, झीलें, आर्द्रभूमि और जलभृत शामिल हैं। मानवजनित और अन्य गतिविधियों के कारण, जल निकायों में प्रदूषकों की मात्रा तेजी से बढ़ रही है। जल निकायों में प्रदूषक

जल प्रदूषण की पर्यावरणीय सफाई में बायोफिल्म बनाने वाले बैक्टीरिया की भूमिका,Pc-hmoob
आभासी जल (Virtual Water in Hindi)
भारत की पानी निर्यात इंडस्ट्री कितनी बड़ी है, इसका अनुमान इन आकड़ों से कर सकते हैं कि कोरोना महामारी के दौरान जब ज्यादातर देशों में एक-दूसरे के लिए अपनी सीमाएं बंद कर रखी थीं, तब भी यानी केवल कुछ ही महीनों के भीतर देश ने अलग-अलग देशों को लगभग 455.86 लाख रुपए का पानी निर्यात किया ।



Posted on 05 Apr, 2023 04:31 PM

हम आमतौर पर जल का उपयोग स्नान करने, पीने और सफाई के लिए करते है, जो हमें तरल रूप में साक्षात दिखाई देता है, वह वास्तविक जल कहलाता है। लेकिन जो जल हमें नहीं दिखाई नहीं देता है, वह आभासी जल (वर्चुअल वाटर) कहलाता है। आभासी जल हमारी दैनिक जीवन के उपयोग में आने वाली लगभग सभी वस्तुओं जैसे-अनाज, सब्जी, कागज, पेंसिल, कपड़े, मिठाई, मोबाइल, टीवी, फ्रिज इत्यादि में होता है।आभासी जल की अवधारणा सर्वप्रथम प्

आभासी जल
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