मनोहर अरोड़ा
डाउनस्केलिंग विधियाँ एवं जलविज्ञानीय निदर्शन पद्धति (Downscaling methods and hydrological modeling approach)
Posted on 15 Sep, 2016 03:31 PMसारांश:
सुदूर संवेदन तकनीक का हिम जलविज्ञान में उपयोग
Posted on 01 May, 2012 03:12 PMहिमालय में स्थित हिम व हिमनद प्राकृतिक जलाशय का कार्य करते हैं। हिम व हिमनद गलन द्वारा उत्तर भारत की प्रमुख नदियों में ग्रीष्म काल में जल उपलब्ध होता है। हिम गलन से हिम आवरण में मार्च से अक्टूबर तक प्रतिवर्ष परिवर्तन होता है। हिम आवरण में परिवर्तन की जानकारी जलविज्ञानीय अनुकरण व निदर्श में सहायक है। जल अपवाह के आधार पर जल संसाधन व जल विद्युत परियोजनाओं की योजना, प्रबंधन व परिचालन होता है। जल आवरणजल की बढ़ती हुई मांग को पूरा करने के लिए अपशिष्ट जल का पुनः उपयोग
Posted on 12 Jan, 2012 11:56 AMविकसित तथा विकासशील देशों के समुदायों में जनसंख्या में वृद्धि, आर्थिक एवं सामाजिक उन्नति के कारण उपभोग दर में वृद्धि तथा विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ती हुई मांग के कारण जल की कमी की समस्या प्रमुख हो गई है या होने वाली है। पुराने रूढ़िवादी तरीकों को फिर से छांटकर तथा स्वच्छ जलाशयों के नियतन का इष्टतमीकरण करके समुदाय अपने जल के कुछ और वैकल्पिक स्रोतों को खोजने के कार्यक्रम को टाल सकता है परन्तु कुछ समयभारत में जल प्रबंधन की संभावनाएं और चुनौतियां : एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण (Prospects and challenges of water management in India: A scientific approach)
Posted on 14 Oct, 2023 01:25 PMसारांश
पूरे भू-गर्भीय युग में भारत एक जल कुशल देश रहा है। लेकिन पिछले कुछ दशकों के दौरान देश के कई हिस्सों में पानी की कमी के कारण अभूतपूर्व घटनाएँ हुई हैं। सामाजिक-आर्थिक प्रक्रियाओं में बदलाव और जनसंख्या में वृद्धि के कारण पिछले कुछ दशकों में भारत में पानी की मांग बढ़ रही है। भू-जल संसाधनों का अत्यधिक दोहन हो रहा है, जिससे जल स्तर गिरता जा रहा है और भूजल की
पर्यावरण प्रवाह: विकास एवं नदी जीवन के मध्य समझौता
Posted on 10 Apr, 2023 11:37 AM17 अप्रैल, 2017 को राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एन.जी.टी) ने केंद्र से यह स्पष्ट करने को कहा कि गंगा नदी में निर्वाध जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए उसमें न्यूनतम पर्यावरण प्रवाह क्या होना चाहिए। शीर्ष पर्यावरण नियामक ने यह भी कहा कि जब तक पानी को अत्यधिक निकाले जाने और प्रदूषकों को उसमें बहा दिये जाने पर नियंत्रण नहीं लगाया जाता, तब तक गंगा को पूर्णरूपेण उसके असली रूप में वापस नहीं लाया जा सकेगा। र