शिवेन्द्र कुमार पांडे

शिवेन्द्र कुमार पांडे
भारतीय जलवायु परिवेश के अंतर्गत जल भंडारण में स्वजलधारा - एक युक्तिसंगत, प्रमाणित व्यावहारिक कार्यक्रम
Posted on 08 Aug, 2017 03:28 PM

वर्तमान परिदृश्य में राजा व जमींदार का स्थान सरकार व उद्योगपतियों ने ले लिया है। इसलिये इ

Water
वन्य जीवन संरक्षण का महत्त्व
Posted on 15 Nov, 2015 12:02 PM
वनस्पतियाँ प्रकृति की अनुपम देन हैं और पृथ्वी पर पारिस्थितिकी सन्त
कृषि और औषधि क्षेत्र में गोबर व गोमूत्र का आर्थिक महत्त्व
Posted on 15 Nov, 2015 10:42 AM
भारत में आज भी ‘गोबर’ को शुद्ध मानते हुए धार्मिक अनुष्ठानों एवं पूज
मैंग्रोव संरक्षण
Posted on 20 Oct, 2015 11:35 AM
स्वजलधारा : जनता को स्वयं अपनाने होंगे भू-जल समृद्धि कार्यक्रम
Posted on 02 Jul, 2015 11:26 AM
पारिस्थितिकी-अनुकल व्यवस्था स्थापित करने हेतु भारतीय ऋषि-मुनियों न
पानी की खेती
भारत का तीन-चौथाई भूभाग सूखा ग्रस्त है। इसके अलावा यहां चेरापुंजी जैसे कई अन्य क्षेत्र भी हैं। जहां बारिश काफी ज्यादा होती है। फिर भी सूखा पड़ता है। बहुउद्देशीय बांध निर्माण व जलाशयों की दृष्टि से भारत का विश्व में चौथा स्थान होने के बावजूद देश भर में पानी की कमी स्पष्ट दिखाई देने लगी है। इस समस्या का काफी हद तक निवारण वॉटरशेड प्रबंधन व पानी की खेती को अपना कर किया जा सकता है। लेकिन सरकार यह कार्य अकेले नहीं कर सकती है।
Posted on 07 Apr, 2023 11:11 AM

तकरीबन 100 वर्ष पहले भारत के वाइसरॉय लॉर्ड कर्जन ने कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था मॉनसून के बिसात पर हर साल खेला जाने वाला जुआ है। आज़ादी के 50 साल बाद भी यह बात एक वास्तविकता बनी हुई है। लेकिन क्यों ?

 उत्तर अर्काट जिले के आर्कोणम ताल्लुका के वेगामंगलम गांव की पालर नदी पर बनी कासम तालाब। कासम एक लम्बा तालाब है जो नदी के तल से नीचा खोदा जाता है। नदी का पानी रिसकर इसमें पहुंचता है।,PC-विशेष फीचर्स
सूक्ष्म जीवाणुओं की विलक्षण क्षमता
Posted on 25 Jul, 2015 08:03 AM
वर्ष 1970 के बाद से वैज्ञानिकों ने कई प्रकार के नए सूक्ष्म जीवाणुओं
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