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समाचार और आलेख
प्रकृति तटस्थ होती है
Posted on 27 Apr, 2023 05:01 PMप्रकृति तथ्य होती है- तब "अम्फान" आकर गुजर गया था, अब "निसर्ग " आकर गुजर गया है। राहत की आवाज सुनाई दे रही है कि चलो गुजर गया! हिसाब यह लगाया जा रहा है कि "अम्फान " उड़ीसा से कटकर निकल गया, "निसर्ग" ने मुम्बई के चेहरे पर कोई गहरी खरोंच नहीं डाली तूफान कमजोर पड़ गया ! कैसे इसका हिसाब लगाया आपने कि तूफान कमजोर पड़ गया?
जल संरक्षण एक राष्ट्रीय दायित्व
Posted on 25 Apr, 2023 05:30 PMआज समूची दुनिया के जल संसाधन गहरे संकट में हैं। भारत भी जल संकट का सामना कर रहा है। देश के बहुत बड़े भूभाग पर जल संकट की छाया मंडरा रही है। देश के जल स्रोत सिमटते जा रहे हैं। नदियों तथा झीलों में जल की मात्रा कम होती जा रही है। जो जल शेष है, वह भी प्रदूषण की चपेट में है। शहरों में भूजल स्तर लगातार नीचे को खिसकता जा रहा है। पारंपरिक जल संरक्षण के व्यावहारिक उपायों को हमने आधुनिकता के दबाव में त्
ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव (Effects of Global Warming in Hindi)
Posted on 24 Apr, 2023 04:57 PMहमारी पृथ्वी के चारों ओर का वायुमंडल एक कांच की खिड़की की तरह है जो सूर्य से आने वाले अधिकांश विकिरण को पृथ्वी के धरातल तक प्रवेश करने तो देता है, किन्तु पृथ्वी द्वारा वापस भेजे जाने वाले लंबे विकिरण को अंतरिक्ष में जाने से रोकता है। बाहर जाने वाले इस लंबे अवरक्त विकिरण को ग्रीनहाऊस गैस द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है जो कि वायुमंडल में साधारण रूप में मौजूद रहती हैं। वायुमंडल पुनः इसके कुछ भाग क
समुद्री शैवाल की खेती और प्रसंस्करण क्षेत्र असंख्य संभावनाएं
Posted on 24 Apr, 2023 11:00 AMसमुद्री शैवाल खारे पानी में पाया जाने वाला एक वृहद शैवाल है विविध वंशावली के अंतर्गत इन्हें मूलतः तीन वर्गों जैसे क्लोरोफाइटा, फियोफाइटा और रोडोफाइटा में विभाजित किया गया है। आगार, कैरेजेनन और एल्गिनेट प्राथमिक हाइड्रोकार्बन हैं जिनकी उत्पत्ति समुद्री शैवाल से ही होती है। इन हाइड्रोकार्बन में उच्च व्यावसायिक क्षमता होती है, जिनका उपयोग दैनिक जरूरतों के उत्पादों में नियमित रूप से किया जाता है।
सीसा प्रदूषण का अर्थ, कारण और निवारण (Meaning, causes and prevention of lead pollution in Hindi)
Posted on 22 Apr, 2023 01:18 PM
आज से लगभग 4000 से 5000 वर्ष पूर्व के मानव की अपेक्षा आज के मानव में सीसे की मात्रा लगभग दस से सौ गुना अधिक हो गई है और विकसित तथा विकासशील देशों के लिए पर्यावरण में सीसे का बढ़ता प्रदूषण चिंता का विषय बन गया है।
एक जिंदगी वृक्षों के नाम प्रकृति सहचरी वंगारी मथाई
Posted on 22 Apr, 2023 11:15 AMनोबल पुरस्कारों के साथ एक विसंगति है। वर्ष 1901 से आरंभ नोबेल पुरस्कार भौतिकी रसायन, कार्यिकी (चिकित्सा) के निमित्त तो हैं लेकिन नोवल प्रतिष्ठान गणित को कोई श्रेय नहीं देता है। यह अपने आप में विस्मयकारी है क्योंकि गणित विद्या तो सारे विज्ञानों की पटरानी है। गणित विद्या न होती तो आज न राकेट होते, न मिसाइलें, न कम्प्यूटर और न ही संचार क्रांति का पदार्पण होता। बहरहाल, नोयन पुरस्कार चयन समिति अर्थ
शिक्षा, पारंपरिक ज्ञान और हमारा पर्यावरण
Posted on 20 Apr, 2023 04:35 PMआज से करीब 30 वर्ष पहले पहाड़ के दूरदराज के गांवों में, गांव के लोगों के अनुरोध पर हमने स्कूल खोले। उस समय औसतन 7-10 गांवों के बीच एक सरकारी स्कूल हुआ करता था, पहाड़ के गांव छोटे- छोटे और बिखरे हुए होते हैं, एक गांव से दूसरे गांव की दूरी तय करने में घंटों लग सकते हैं, अब तो खैर स्थिति बदल गई है, सड़कें भी बन गई हैं और सरकारी स्कूलों की तादाद भी बढ़ी है।
तकनीकी पर्यावरण का नया चेहरा
Posted on 20 Apr, 2023 03:37 PMऊपर से देखने पर लग सकता है कि हमारे देश में सूचना क्रांति बदस्तूर जारी है पर वर्तमान त्रासदी ने डिजिटल डिवाइड का एक नया चेहरा सामने ला दिया है। लॉकडाउन का पहला झटका झेलने के बाद अधिकतर शहरी मध्यवर्ग और उच्च वर्ग अपने घरों में बंद हो गया। उससे अपेक्षा भी यह की जा रही थी। उसके पास अन्य लोगों से बेहतर डिजिटल सुविधाएं थी। जिनसे यह वर्क फ्रॉम होम जैसी लग्जरी का लाभ उठा सकता था। उसके पास शायद घर में