जलवायु परिवर्तन जैसे वार्षिक वर्षा में भिन्नता, औसत तापमान, गर्मी की लहरें, खरपतवार, कीट या सूक्ष्म जीवों में संशोधन, वायुमंडलीय सीओ 2 या ओजोन स्तर में वैश्विक परिवर्तन और समुद्र में उतार-चढ़ाव। स्तर,वैश्विक फसल उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही हैं जिसके कारण जलवायु परिवर्तन और खाद्य असुरक्षा 21वीं सदी के दो प्रमुख मुद्दे बन गए है जिन पर गंभीरता से विचार करना आवश्यक है|Climate changes such as variations in annual rainfall, average temperatures, heat waves, modifications in weeds, insects or micro-organisms, global changes in atmospheric CO2 or ozone levels and ocean fluctuations. levels, are negatively impacting global crop production, making climate change and food insecurity two major issues of the 21st century that need to be seriously considered.
भारत सहित ग्लोबल साउथ के देशों की जलवायु परिवर्तन में छोटी भूमिका है, लेकिन उन पर इसका प्रभाव अधिक है। संसाधनों की कमी के बगैर भी ये देश कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध हैं | COP 28 summit was historic, but climate finance still a problem