छोटे-छोटे प्रयासों से करें पर्यावरण की रक्षा

छोटे-छोटे प्रयासों से करें पर्यावरण की रक्षा
छोटे-छोटे प्रयासों से करें पर्यावरण की रक्षा

आज के दौर में यदि सबसे बड़ी समस्या के बारे में बात की जाए तो वह ग्लोबल वॉर्मिग है, जिससे पृथ्वी का तापमान निरंतर चढ़ता ही जा रहा है और यह हर किसी की जिम्मेदारी है कि पर्यावरण को बचाया जाए। लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए हर साल 5 जून को पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। सही मायने में देखा जाए तो महिलाएं पर्यावरण बचाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है, यूं भी किसी भी योगदान की शुरूआत पहले घर से ही होती है, तभी तो उसकी सफलता की गारंटी भी बढ़ जाती है।

महिलाएं ऐसे दे सकती हैं योगदान

महिलाओं के नाजुक हाथों में इतनी ताकत है कि वे मुश्किल से मुश्किल काम को भी पूरी जिम्मेदारी से कर सकती हैं। तो आप भी पर्यावरण बचाने में न केवल घर पर रहते हुए ही योगदान दे सकती हैं, बल्कि बच्चों एवं परिवार में एक नई परंपरा की शुरूआत भी कर सकती हैं। 

  • पॉलीथीन से प्रदूषण फैलता है, अतः पॉलीथीन की बजाय न्यूजपेपर से बने लिफाफे या फिर कपड़े से बने बैग्स का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा किया जा सकता है।
  • प्लास्टिक बोतलों की बजाय आप स्टील या कांसे की बोतलें ही इस्तेमाल करें। इसी तरह से आप दालों इत्यादि के लिए भी स्टील के कंटेनर इस्तेमाल कर सकती हैं।
  • प्रतिदिन घर में पोंछा लगाने के बाद उस पानी को गमलों में डाल दें परंतु यदि आप पोंछा लगाते समय उसमें फिनाइल इत्यादि डालती हैं तो फिर वह पानी गमलों में न डालें।
  • आंगन का फर्श हर रोज धोने की बजाय झाडू लगा कर पोंछा लगा दें, इससे आप पानी की बचत कर पाएंगी।
  •  इसी प्रकार दाल, सब्बी एवं चावल धोने के बाद उस पानी को गमलों एवं क्यारियों में डालें, आपके पौधों को पोषण मिलेगा।
  • ब्रश करते समय नल खुला न छोड़ें।
  • गाड़ियों को धोने की बजाय बाल्टी में पानी लेकर कपड़े से उन्हें साफ करें।
  • कमरे से बाहर निकलते समय लाइट एवं पंखें बंद करें। एक ही कमरे में ए.सी. एवं टी.वी. इत्यादि चलाएं।
  • सार्वजनिक नलों को बहता देखें तो खुद ही उन्हें बंद कर दें।
  • मेहमानों को पानी छोटे गिलासों में हैं, ताकि पानी बेस्ट न हो।
  • बर्तन धोते समय पानी को किफायत से इस्तेमाल करें।
  • कपड़े धोते समय ध्यान रखें कि कम से कम साबुन-सर्फ डालना है ताकि कम पानी में कपड़े घुल सकें। 
  • न तो नल को टपकने न दें और न ही टंकी बहने दें, लीकेज होने पर प्लंबर बुला कर तुरंत ठीक करवाएं।
  • नहाने के लिए शॉवर के नीचे नहाने से अच्छा है बाल्टी में पानी भर कर मग से नहाएं, ऐसा करने से पानी की बचत होगी।
  • ऑफिस एवं घर में बिजली किफायती ढंग से इस्तेमाल करें।
  • घर का कचरा सब्जी, फल एवं अनाज।
  • कूड़े में फेंकने की बजाय पशुओं को खिलाएं।
  • अन्न का दुरुपयोग न करें, बल्कि बचा हुआ खाना खराब होने से पहले गरीबों में बांट दें।
  • वाहन का कम से कम इस्तेमाल करें तथा जोर से हॉर्न न बजाएं, ताकि वायु प्रदूषण के साथ-साथ ध्वनि प्रदूषण पर भी रोक लग सके।

इनका भी रखें ध्यान

  • अंधाधुंध जंगलों की कटाई से प्रकृति का संतुलन विगड़ रहा है। अतः खेती, वन तथा जंगलों की उचित देखभाल करें।
  • अपने आसपास छोटे पौधे या बड़े वृक्ष लगाएं। धरती की हरियाली बढ़ाए रखने तथा लगे हुए पेड़-पौधों का अस्तित्व बनाए रखने का प्रण लें।
  • अपना या बच्चों का जन्मदिन हो या कोई भी अन्य यादगार क्षण, पेड़ लगा कर सैलिब्रेट करें, ताकि हमेशा यह आपकी यादों में रहे। मेहमानों को भी पौधे देकर सम्मानित करें।

अपने घर-आंगन में भी थोड़ी-सी जगह पेड़-पौधों के लिए रखें। जहां ये हरियाली देंगे, वहीं तापमान भी कम करेंगे तथा हरियाली से आपके मन को खुशी एवं सुकून भी मिलेगा। प्रिंटर इस्तेमाल करते समय कागज को दोनों तरफ से इस्तेमाल करें। - हेमा शर्मा, चंडीगढ़

स्रोत :- पंजाब केसरी,नारी  

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Post By: Shivendra
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