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तमिलनाडु
पारम्परिक कट्टा प्रणाली : जल संरक्षण का पालना
Posted on 21 Jun, 2015 11:36 AMजल संरक्षण के इस तरह के प्रयास का इतिहास सैकड़ों साल पुराना है क्यजैविक खेती से बदलती जिन्दगी
Posted on 14 Jun, 2015 03:55 PM
तमिलनाडु के एक छोटे गाँव का गरीब किसान अब समृद्ध हो गया है। ज्यादा लागत और कम उपज वाली रासायनिक खेती को छोड़कर वह जैविक खेती की ओर मुड़ा और सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ता गया। अब वह खुद ही नहीं बल्कि दूसरों को भी जैविक खेती के तौर-तरीके सिखाता है। वह एक गुमनाम किसान नहीं, जाना-माना जैविक खेती का ट्रेनर बन गया है।
तालाबों के सामुदायिक प्रबन्धन का पाठ पढ़ाते हैं ‘एरी’
Posted on 18 Apr, 2015 01:07 PMकम वर्षा वृष्टि वाले क्षेत्रों जैसे कर्नाटक, आन्ध्र और तमिलनाडु के कई हिस्सों में परम्परागत एरी ने सिंचाई और पारिस्थितिकी तन्त्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बल्कि आज भी सिंचाई की एक तिहाई जरूरत एरी से पूरी होती है। हालांकि दक्षिण भारत सिंचाई में एरी का महत्त्व को आमतौर पर सभी स्वीकार करते हैं, लेकिन कतिपय आधुनिकतावादी इसे ‘पिछड़ी’, ‘अपरिष्कृत’ और उन्नति से बहुत दूर की प्रणाली मानते रहे हैं।कौन चुकाएगा परमाणु ऊर्जा की कीमत
Posted on 05 Sep, 2013 11:41 AMतमिलनाडु के कुडनकुलम स्थित परमाणु संयंत्र ने 13 जुलाई से काम करना शुरू कर दिया है, लेकिन रेडियोएक्टिव कचरे को निस्तारित करने का कोई उपाय नहीं हुआ है, दूसरी ओर रूस से हुए समझौते और अमेरिका से हुई ‘डील’ की अस्पष्टता भी है।बूँद-बूँद से सागर - तमिलनाडु: एक मिसाल
Posted on 01 Feb, 2012 11:55 AMआई. आई. टी. में करीब 3000 छात्रों के लिए छात्रावास बनें हैं जिनके नाम भारत की प्रसिद्ध नदियों के ऊपर रखे गए हैं। पूरा कैम्पस करीब 650 एकड़ के विशाल हरे भरे प्रांगण में फैला हुआ है। उन्होंने आई. आई. टी की अपनी नियमित यात्रा के दौरान बड़ी विडंबनाओं को देखा, उनको पता चला कि हाल ही में हुई पानी की कमी के कारण संस्थान को दो महीनों के लिए बंद रखना पड़ा था। पर रामकृष्णन के द्वारा 'वर्षाजल संरक्षण' की तारीफ किये जाने के बाद छात्रावासों में धीरे-धीरे 'वर्षाजल संरक्षण संयंत्र' लगाया गया और इसका परिणाम है कि अब संस्थान को पहले की तरह पानी खरीदना नहीं पड़ता।
कहावत है बूँद-बूँद से सागर भरता है, यदि इस कहावत को अक्षरशः सत्य माना जाए तो छोटे-छोटे प्रयास एक दिन काफी बड़े समाधान में परिवर्तित हो सकते हैं। इसी तरह से पानी को बचाने के कुछ प्रयासों में एक उत्तम व नायाब तरीका है आकाश से बारिश के रूप में गिरे हुए पानी को बर्बाद होने से बचाना और उसका संरक्षण करना। शायद जमीनी नदियों को जोड़ने की अपेक्षा आकाश में बह रही गंगा को जोड़ना ज्यादा आसान है।कुडनकुलम में लोक और तंत्र की लड़ाई
Posted on 21 Jan, 2012 04:15 PMमास्को की यात्रा से लौटते हुये प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जब यह कहा कि कुडनकुलम परमाणु संयंत्र को दो सप्ताह के भीतर चालू कर लिया जायेगा तो क्या इसका मतलब यह निकाला जाये कि वहां मछुआरों द्वारा चलाया जा रहा आंदोलन खत्म हो गया ? इस सवाल का जवाब अगर गृहमंत्री पी.
ज्यादा कारगर साबित हुए हैं छोटे बांध
Posted on 04 Jan, 2012 12:59 PMबड़े बांधों से जुड़े विवादों की अंतहीन श्रृंखलाओं को देखते हुए इनकी जगह छोटे बांध प्रासंगिक बन
विवाद का बांध
Posted on 17 Dec, 2011 10:43 AMइनके मद्देनजर प्रधानमंत्री ने कई बार दोनों राज्यों के राजनीतिकों को संयम बरतने की सलाह दी है।
विनाश के विरोध में
Posted on 18 Nov, 2011 08:46 AMचूंकि रेडियोएक्टिव तत्व लंबी अवधि तक खाद्य श्रृंखला, वायु, जल, जानवर जैसे तत्वों में मौजूद रहते
सुरक्षित नहीं है कूडनकुलम का रूसी रिएक्टर
Posted on 07 Nov, 2011 08:55 AMभारतीय परमाणु वैज्ञानिकों की सक्षमता के गवाह पोकरण धमाके, और रावतभाटा (राजस्थान) में परमाणु रि