तमिलनाडु

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आकाश गंगा न्यास के वर्षा-केन्द्र The rain center का केसस्टडीज
Posted on 05 Sep, 2008 08:03 PM


यह दस्तावेज आकाश गंगा न्यास, चेन्नई के श्री शेखर राघवन से प्राप्त जानकारी पर आधारित है। केस अध्ययन - , चेन्नई

परिचय

The rain Center
भौगोलीकरण का जवाब : कुटुम्बकम
Posted on 31 May, 2008 12:36 PM

भौगोलीकरण का जवाब : कुटुम्बकमतमिलनाडु़ की राजधानी चेन्नई से करीब 40 किलोमीटर दूर बसा गाँव कुटुम्बकम पिछले 15 साल से ग्राम स्वराज के रास्ते पर चल रहा है। 15 साल पहले तक यहाँ हर वो बुराई थी जो देश के किसी भी अन्य गाँव में देखी जा सकती है। शराब पीना, शराब पीकर घर में मारपीट, गाँव में आपस में झगड़े, छुआछूत, गन्दगी आदि आदि।

डोंगी से चलना होगा
Posted on 27 Sep, 2018 06:21 PM

नवम्बर 2015 में चेन्नई बाढ़ (फोटो साभार - द हिन्दू)अनगिनत कवियों के साथ प्रेम करने वाले सदियों से यह दावा करते हैं कि वेनिस एक शहर नहीं है बल्कि एक जीवन्त सपना है। ठीक इसी तरह बेअदबी से लोग यह कहते होंगे कि मानसून के समय भारतीय शहर मात्र शहर नहीं बल्कि उससे कहीं बढ़कर हैं। वेनिस के जलीय मार्गों की ख्य

नवम्बर 2015 में चेन्नई बाढ़
कावेरी विवाद - मेरा पानी तेरा पानी
Posted on 13 Sep, 2016 05:02 PM


कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच कावेरी नदी के पानी के बँटबारे का मामला लगभग 124 साल पुराना मामला है। इस विवाद को मानसून की बेरुखी हवा देती है। सन 1995 और सन 2002 में मानसून ने धोखा दिया। मानसून की बेरुखी हालात खराब किये। सन 2003 से 2006 तक के सालों में तामिलनाडु और कर्नाटक में मानसून की बरसात सामान्य हुई। पानी का बँटवारा, मुद्दा नहीं बना।

ਸਿਹਤਮੰਦ ਮਿੱਟੀ ਲਈ ਬਾਇਓਚਾਰ
Posted on 20 Jan, 2016 11:45 AM
ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤਾਂ ਦੀ ਕਮੀ ਵਾਲੀ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਕਾਰਬਨ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਵਧਾਉਣ ਲਈ ਤਾਮ
ਉਤਪਾਦਕ ਅਤੇ ਟਿਕਾਊ ਪਰਿਵਾਰਿਕ ਖੇਤੀ
Posted on 11 Aug, 2014 11:46 AM ਤਾਮਿਲਨਾਡੂ ਦੇ ਨਾਗਾਪੱਟੀਨਮ ਜ਼ਿਲੇ ਦੀ ਸਰਕਾਜ਼ੀ ਤਾਲੁਕਾ ਦੇ ਪਿੰਡ ਨਿਮੱਲੀ ਦੇ ਸ਼੍ਰੀ ਥੀਲਗਰ 7 ਏਕੜ ਖੇਤੀ ਦੇ ਮਾਲਕ ਹਨ ਅਤੇ ਆਪਣੀ ਆਜੀਵਿਕਾ ਲਈ ਪੂਰੀ ਤਰਾ ਇਸੇ ਖੇਤੀ ਉੱਪਰ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦੇ ਹਨ। ਸੰਨ 2002 ਤੋਂ ਉਸਨੇ ਆਪਣੇ ਖੇਤ ਵਿੱਚ ਖਾਧ ਉਤਪਾਦਨ ਦੇ ਟਿਕਾਊ ਤਰੀਕਿਆਂ ਦੇ ਤਜ਼ਰਬੇ ਕਰਨੇ ਸ਼ੁਰੂ ਕੀਤੇ। ਉਸਨੇ ਖੇਤੀ ਵਿੱਚ ਰਸਾਇਣਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਘਟਾ ਦਿੱਤਾ। ਪ੍ਰੰਤੂ, ਜੈਵਿਕ ਖੇਤੀ ਤਕਨੀਕਾਂ ਨੂੰ ਲਾਗੂ ਕਰਨ ਬਾਰੇ ਸਹੀ ਅਗਵਾਈ ਦੀ ਕਮੀ ਕਰਕੇ ਉਹ ਪੂਰੀ ਤਰਾ ਰਸਾਇਣਾਂ ਨੂੰ ਬੰਦ ਕਰਨ ਦਾ ਫ਼ੈਸਲਾ ਨਹੀਂ ਕਰ
टीएससी : परम्परागत प्रणाली में महत्त्वूपर्ण परिवर्तन
Posted on 07 Dec, 2010 03:02 PM पूर्ण स्वच्छता अभियान (टीएससी) ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता संबंधी सुविधाएं सुनिश्चित करने संबंधी सरकार का एक व्यापक कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य खुले में मलत्याग या शौच की आदत पर पूरी तरह रोक लगाना और स्वच्छ वातावरण बनाना है। सरकार ने ग्रामीण स्वच्छता को सर्वाधिक महत्त्व दिया है। पिछले पांच वर्षों में ग्रामीण स्वच्छता के लिए आबंटन में लगभग छ: गुना वृध्दि हुई है। मार्च 2012 ग्रामीण क्षेत्रों क
सिर से ऊपर बह रहा पानी
Posted on 30 Jul, 2010 07:51 AM धरती से पानी खत्म होता जा रहा है। नदियां, नाले और झीलें सूख रही हैं। ग्लेशियर पिघल रहे हैं। जमीनी पानी दिनोंदिन नीचे खिसकता जा रहा है। पीने के पानी की विकराल होती समस्या के कारण मारपीट, धरना-प्रदर्शन, तोड़फोड़ की नौबत आने लगी है। दूसरी ओर हर वर्ष काफी बरसाती पानी यों ही बेकार चला जाता है, उसके प्रबंधन की समुचित व्यवस्था नहीं है। पानी के कुप्रबंधन के कारण प्रकृति की पूरी संरचना ही बिगड़ती लग रही है
river
हम कावेरी के बेटे-बेटी
Posted on 08 May, 2010 08:40 AM

प्रकृति ने नदियों को बनाते, बहाते समय देश-प्रदेश नहीं देखे थे। लेकिन अब देश-प्रदेश अपनी नदियों के टुकड़े कर रहे हैं। कावेरी का विवाद तो कटुता की सभी सीमाएं पार कर गया है। यह झगड़ा आज का नहीं, सौ बरस पुराना है। लेकिन नया है इस कटु प्रसंग में सख्य, सहयोग और संवाद का प्रयास। इसे बता रहे हैं महादेवन रामस्वामि।

विश्व की सभी महान नदियां मानव-जाति की अनेक सुविख्यात सभ्यताओं की जन्म-भूमि रही हैं। इन नदियों के किनारे उभरी और विकसित हुई इन सभ्यताओं का अस्तित्व बस नदी से जुड़ा रहा है। नदी ने उन्हें दैनिक जीवन की आवश्यकताओं के लिए जल प्रदान किया है। पीने का पानी, निस्तार के लिए पानी, सिंचाई के लिए पानी, पशुओं के लिए पानी, ऊर्जा के लिए पानी क्या नहीं दिया इनने। नदी पर नाव द्वारा प्रयाण करके उन्होंने अपनी आसपास की दुनिया के बारे में जाना और अन्य क्षेत्रों, पास और दूर के समाजों के साथ संबंध बनाया। मौसम व समय के अनुसार बदलती नदी की प्रणाली को आधार बनाकर इन सभ्यताओं ने अपनी जीवन-शैली, अपने रीति-रिवाज, लोक-कथाओं व मान्यताओं को ऐसे सुंदर तरीके से रचाया कि नदी का प्रवाह जीवन के हर काम में
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