Posted on 15 Sep, 2016 04:34 PM बीती 5 सितम्बर को सुप्रीम कोर्ट द्वारा कर्नाटक को कावेरी नदी का 15 हजार क्यूसेक पानी तमिलनाडु के लिये रोजाना छोड़ने के आदेश के बाद से कर्नाटक जल रहा है। वहाँ किसानों और कन्नड़ समर्थक संगठनों के प्रदर्शन, रास्ता रोको आन्दोलन, तोड़फोड़, लूटपाट और आगजनी, ट्रकों को फूँके जाने के सिलसिले के चलते बंगलुरु के 16 थाना क्षेत्र में कर्फ्यू है। हाईवे बन्द हैं।
Posted on 15 Sep, 2016 12:13 PM दो राज्यों के लाखों लोगों को कुदरत का वरदान बनी कावेरी नदी निहित राजनीतिक स्वार्थों के चलते दो प्रदेशों की आबादी और संस्कृति के बीच टकराव का कारण बन गई है। सनातन भारतीय संस्कृति में पानी पिलाना पुण्य के लिये किये जाने वाले सर्वश्रेष्ठ कामों में से एक माना जाता है। लेकिन क्षुद्र सोच और ओछी राजनीति के चलते तमिलनाडु और कर्नाटक एक-दूसरे के सामने कुछ इस तरह से पेश आ रहे हैं। जैसे दो दुश्मन देशों
Posted on 13 Sep, 2016 05:12 PM कावेरी नदी के पानी को लेकर कर्नाटक और तमिलनाडु आमने-सामने हो गए हैं। अब यह विवाद फिर से हिंसक रूप लेने लगा है। पानी के नाम पर दोनों राज्यों के लोगों में नफरत की आग इस तरह फैली है कि वे एक दूसरे को मरने-मारने पर उतारू होते जा रहे हैं। आगजनी की घटनाएँ हो रही हैं। यह बहुत शर्मनाक है, उन दोनों राज्यों के लिये ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिये।
Posted on 13 Sep, 2016 12:19 PM नई दिल्ली/बंगलुरु। कावेरी निगरानी समिति की सोमवार को नई दिल्ली में होने वाली बैठक में तमिलनाडु व अन्य राज्यों को छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा तय करने पर विचार विमर्श होगा।
Posted on 09 Sep, 2016 03:42 PM कर्नाटक और तमिलनाडु की जीवनरेखा मानी जाने वाली नदी कावेरी के जल को लेकर दोनों राज्यों में एक बार फिर विवाद गहरा गया है। दरअसल तमिलनाडु में इस साल कम बारिश होने के कारण पानी की जबरदस्त किल्लत है। इस समस्या के तात्कालिक निदान के लिये तमिलनाडु ने सर्वोच्च न्यायालय से पानी देने की गुहार लगाई थी।
Posted on 21 Apr, 2016 11:15 AM In the state capital Chennai, water is scarce. Residents in many areas of the city keep vigil through the night, waiting for the water to arrive. When it does, quarrels break out to fill up the limited number of pots that each family can take. The sprawling red hills lake, and the Poondi reservoir, which feed the city, look like ponds now. (Subramanian 2004)