तमिलनाडु

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विनाश की ऊर्जा
Posted on 03 Nov, 2011 12:41 PM

परमाणु-तकनीक से जुड़ी संवेदनशीलता अपने आसपास आमजन से कटे, निहायत गोपनीय और अलोकतांत्रिक नीति-त

परमाणु ऊर्जा का स्वप्न भंग
Posted on 29 Sep, 2011 06:00 PM

रिएक्टरों की तीस किलोमीटर की परिधि में दस लाख से ज्यादा की सघन आबादी है, जो कि खुद परमाणु ऊर्ज

परमाणु बिजलीघरों का भविष्य
Posted on 24 Sep, 2011 03:45 PM

तमिलनाडु के कुडनकुलम में रूस के सहयोग से बने परमाणु बिजली घर के खिलाफ जिस तरह का जनसैलाब उमड़ा और सैकड़ों लोग अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे, उससे यह साफ जाहिर होता है कि परमाणु बिजली घर से जुड़ी भीषण दुर्घटना की आशंकाओं ने स्थानीय निवासियों की चेतना को झकझोर दिया है।

जापान के फुकुशिमा में हुई परमाणु दुर्घटना के बाद दुनिया भर में जो परमाणु बिजली घरों के खिलाफ माहौल बनना शुरू हुआ था, वह अब जबर्दस्त ढंग से जोर पकड़ रहा है। तमिलनाडु के कुडनकुलम में रूस के सहयोग से जल्द चालू होने वाले परमाणु बिजली घर के खिलाफ लोगों ने अपने संगठित विरोध से राज्य सरकार को झुकाया, जो एक बड़ी नजीर है। परमाणु ऊर्जा के पक्ष-विपक्ष में बंटे लोगों के बीच इस बात पर सहमति बनती नजर आ रही है कि लोगों की आशंकाओं को दूर किए बिना परमाणु बिजली घर नहीं बनने चाहिए। लिहाजा कुडनकुलन की थाप बहुत दूर तक और देर तक सुनाई देगी। वैसे भी इस समय देश भर में जहां भी नए परमाणु बिजली घर प्रस्तावित हैं, वहां उनका कड़ा विरोध चल रहा है।
ब्रह्मगिरी पहाड़ियों में बसा भारत का स्कॉटलैंड - कुर्ग
Posted on 26 Jul, 2011 06:27 PM

कुर्ग के बारे में काफी सुना था। गर्मी की छुट्टियों में वक्त मिला तो आनन-फानन में कुर्ग जाने का प्लान बना डाला। मगर रेलवे की टिकट बुक करने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। काफी भाग दौड़ और सिफारिशों के बाद मंगलौर तक की रेलवे टिकट बुक करा पाया। मंगलौर से कुर्ग की दूरी है 135 किलोमीटर। यहां से मडिकेरी तक सीधी बसें मिल जाती हैं। मडिकेरी कुर्ग जिले का हेडक्वार्टर है। मंगलौर से बस में मडिकेरी पहुंचने में स

ओंकारेश्वर मंदिर
वैगै और कावेरी
Posted on 19 Feb, 2011 04:07 PM भारतीय एकता के प्रखर समर्थक हमारे धर्माचार्यों ने और संस्कृत-कवियों ने जिन नदियों को एक श्लोक में बांध दिया और अपने पूजा-जल में जिन नदियों की सन्निधी मांग ली, उनमें कावेरी का नाम हैः

गंगे! च यमुने! चैव, गोदावरी! सरस्वति!
नर्मदे! सिन्धु! कावेरि! जलेSस्मिन् सन्निधिं कुरु।।

जल प्रबंधन का लोकतंत्रीकरण यानी सार्वजनिक जल की पुनःदावेदारी : तमिलनाडु के अनुभव
Posted on 03 Feb, 2011 10:35 AM

परिचय


बनी-बनाई लीक से अलग हटकर कुछ अभिनव प्रयोगों पर आधरित है यह लेख।
निजी कंपनी भी हो सकती है सूचना-अधिकार के दायरे में, अगर
Posted on 19 Apr, 2010 07:17 AM

एनटीएडीसीएल सूचना-अधिकार के दायरे में : मद्रास उच्च न्यायालय


हाल ही में पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप परियोजना से संबंधित एक महत्वपूर्ण फैसले में मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा न्यू तिरुपुर एरिया डिवेलपमट कार्पोरेशन लिमिटेड, (एनटीएडीसीएल) की याचिका खारिज कर दी गई है। कंपनी ने यह याचिका तमिलनाडु राज्य सूचना आयोग के उस आदेश के खिलाफ दायर की थी जिसमें आयोग ने कंपनी को मंथन अध्ययन केन्द्र द्वारा मांगी गई जानकारी उपलब्ध करवाने का आदेश दिया था।

एक हजार करोड़ की लागत वाली एनटीएडीसीएल देश की पहली ऐसी जलप्रदाय परियोजना थी जिसे प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत मार्च 2004 में प्रारंभ किया गया था। परियोजना में काफी सारे सार्वजनिक संसाधन लगे हैं जिनमें 50 करोड़ अंशपूजी, 25 करोड़ कर्ज, 50 करोड़ कर्ज भुगतान की गारंटी, 71 करोड़ वाटर शार्टेज फंड शामिल है। परियोजना को वित्तीय दृष्टि से सक्षम बनाने के लिए तमिलनाडु सरकार ने ज्यादातर जोखिम जैसे नदी में पानी की कमी
डाउज़िंग : विज्ञान या कोई जादू
Posted on 31 Dec, 2009 08:05 PM तमिलनाडु के एक गांव पालापट्टी के लोग प्यास से तड़प रहे थे। उनके यहां न तो बारिश हुई थी और न ही ट्यूबवेल थे। अंतत: गांव वालों ने एक मठवासी, ब्रदर जेम्स किंप्टन से मिलने का निर्णय लिया,जिसमें किसी खास क्षेत्र में भूजल के संबंध में भविष्यवाणी करने की विशेष कला थी। उन्होंने स्थल का भ्रमण किया और बड़ी सफलता से भविष्यवाणी की कि यहां 70 फीट की गहराई पर पानी है। ब्रदर किंम्टम की तरह और भी कई लोग हैं, जो भ
'तालाब' का असर, राहुल गांधी पर
Posted on 22 Sep, 2009 05:25 AM

कांग्रेस के महासचिव राहुल गांधी ने अपने हाल के तमिलनाडु दौरे में एक बड़ा महत्वपूर्ण बयान दिया था. राहुल गांधी ने कहा था कि वे नदियों को जोड़ने के खिलाफ हैं क्योंकि ऐसा करना प्रकृति के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ होगा जिसकी भरपाई मुश्किल होगी.

उनके इस बयान के बाद से ही हम इस पड़ताल पर लग गये थे कि आखिर राहुल गांधी ने ऐसा बयान दिया क्यों?
इकॅलॉजिकल सेनिटेशन पर राष्ट्रस्तरीय प्रशिक्षण
Posted on 01 Aug, 2009 12:49 PM
तिथि- 26-28 अगस्त, 2009
पेयजलापूर्ति विभाग और भारत सरकार द्वारा प्रायोजित यह प्रशिक्षण कार्यक्रम सीसीडीयू त्रिची, तमिलनाडु में आयोजित किया जा रहा है।केवल सरकारी अधिकारी ही कार्यक्रम में भाग ले सकते हैं।

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें- babu@washinstitute.org

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