पल्थरा एक छोटा सा आदिवासी गांव है, जो मध्यप्रदेश के पन्ना जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर जंगल में है। यहां समुदाय ने आगे बढ़कर जल प्रबंधन का काम अपने हाथ में ले लिया है और यहां न केवल वर्तमान में नल-जल योजना का सुचारू संचालन हो रहा है, बल्कि भविष्य में पानी की दिक्कत न हो, इस पर भी ध्यान दिया जा रहा है। यहां हर घर में नल कनेक्शन है।
Posted on 04 Sep, 2015 11:38 AM जिस पानी को हम स्रोत नदी या जमीन के अंदर से निकालकर पीते और नाना प्रकार से उपयोग करते हैं, उसे क्या हम पैदा कर सकते हैं? यह सवाल जितने सरल शब्दों में किया जा सकता है, इसका उत्तर उतना ही कठिन है।
Posted on 03 Sep, 2015 12:33 PMउत्तरांचल में जल स्रोत की भौगोलिक संरचना के आधार पर विभिन्न प्रकार के जल संग्रहण ढाँचे हैं। लम्बे समय से इन स्रोतों की उपेक्षा व कुप्रबन्धन के कारण अधिकतर जल स्रोतों की स्थिति दयनीय हो गई है तथा अधिकतर जल स्रोत प्रदूषित हो गये हैं। इन स्रोतों से स्वच्छ जल का निरन्तर प्रवाह बनाये रखने के लिए इन स्रोतों का जीर्णोद्धार व रख-रखाव अति आवश्यक है।
Posted on 28 Aug, 2015 12:39 PMयह शर्म की बात है, क्योंकि इस तालाब के किनारे कई मन्दिर और पूजा स्थल हैं जो इसी जल का उपयोग करते हैं। आज भी बहुत सारे निवासी इसके जल से आचमन करते हैं।