संरक्षण - जल उपयोग को कम करना

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April 4, 2024 Tackling India's water crisis: A blueprint for agricultural water efficiency
Women working in the field in India (Image: IWMI Flickr/Hamish John Appleby; CC BY-NC-ND 2.0 DEED)
March 25, 2024 Best practices and tips to reduce water consumption from Bangalore.
Saving every drop counts (Image Source: Wikimedia Commons)
May 16, 2023 For achieving real water saving through micro irrigation, a mechanism for water regulation and allocation is essential
Use of micro irrigation technology does not automatically result in a reduction in water consumption (Image: Anton: Wikimedia Commons)
April 25, 2023 पल्थरा एक छोटा सा आदिवासी गांव है, जो मध्यप्रदेश के पन्ना जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर जंगल में है। यहां समुदाय ने आगे बढ़कर जल प्रबंधन का काम अपने हाथ में ले लिया है और यहां न केवल वर्तमान में नल-जल योजना का सुचारू संचालन हो रहा है, बल्कि भविष्य में पानी की दिक्कत न हो, इस पर भी ध्यान दिया जा रहा है। यहां हर घर में नल कनेक्शन है।
जल प्रबंधन में आदर्श गांव बनने को तैयार है पल्थरा
January 1, 2023 Results show the impacts of agricultural productivity boosts in India can be highly heterogeneous
Buckingham canal near Kasturba Nagar, Adyar (Image: India Water Portal)
December 25, 2022 A study develops a prototype method by employing the remote sensing-based ecological index
rigorous post-implementation monitoring and impact assessment of assets is needed (Image: UN Women)
मालवा की जल चौपाल
Posted on 03 Jul, 2014 11:53 AM
‘जल चौपाल’ नाम की एक पुस्तक का पांचवां अध्याय है मालवा की जल चौपाल। सप्रे संग्रहालय और राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी परिषद के सामूहिक सहयोग से जल चौपाल पुस्तक तैयार की गई है।
river bank
नौला एक जल मंदिर
Posted on 26 Jun, 2014 01:16 PM संकट में उत्तराखंड के परंपरागत जल स्रोत नौलाहिमालय के गांव हों या शहर, एक समय था जब यहां पर समाज खुद अपने पीने के पानी की व्यवस्था करता था। वह राज्य या सरकार पर निर्भर नहीं रहता था। सदियों पुरानी पेयजल की यह व्यवस्था कुमाऊं के गांवों में नौला व धारे के नाम से जानी जाती है। ये नौले और धारे यहां के निवासियों के पीने के पानी की आपूर्ति किया करते थे। इस व्यवस्था को अंग्रेजों ने भी नहीं छेड़ा था।
क्षेत्रीय विकास की अवधारणा एवं उत्तराखंड
Posted on 17 May, 2014 08:47 AM अंततः मैं ये कहना चाहूंगा कि उत्तराखंड को किसी भी विकास की पद्धति स
आज सबकी निगाह हिमालय की संपदा पर है
Posted on 15 May, 2014 03:36 PM ‘प्रदीप टम्टा’ कांग्रेस के सांसद हैं। उनके भाषण का लिखित पाठ यहां प्रस्तुत है। उनका यह वक्तव्य 9 सितंबर 2011 को हिमालय दिवस के अवसर पर दिया गया था।
अग्रसेन की बावड़ी में फिर भरेगा पानी
Posted on 01 May, 2014 10:37 AM जल संरक्षण के जरिए परियोजना को मूर्त रूप देगा एएसआई
कनॉट प्लेस में भूमिगत पार्किंग की वजह से सूख गई बावड़ी

अनमोल जल
Posted on 15 Apr, 2014 11:09 AM
सुबह हो चुकी थी। सिरहाने रखा पानी से भरा जग उठाकर पानीराम जा
जल संग्रह की परंपरा
Posted on 21 Dec, 2013 01:45 PM पानी के बारे में कहीं भी कुछ भी लिखा जाता है तो उसका प्रारंभ प्रायः उसे जीवन का आधार बताने से होता है। “जल अमृत है, जल पवित्र है, समस्त जीवों का, वनस्पतियों का जीवन, विकास – सब कुछ जल पर टिका है।” ऐसे वाक्य केवल भावुकता के कारण नहीं लिखे जाते। यह एक वैज्ञानिक सच्चाई है कि पानी पर ही हमारे जीवन का, सारे जीवों का आधार टिका है। यह आधार प्रकृति ने सर्व सुलभ, यान
water conservation rajasthan
सराय एक्ट का मिट जाना
Posted on 30 May, 2012 10:38 AM

जब कोई मेहमान घर पर आता है तो उसे सबसे पहले पानी पिलाया जाता है। जेठ की दोपहरी में व चिलचिलाती गर्मी में धर्मलाभ

नई सोच और तकनीक से रोका गिरता भूजल स्तर
Posted on 24 Mar, 2012 04:48 PM

हर व्यक्ति को हर रोज 145 लीटर पानी चाहिए। खेती के लिए और भी ज्यादा पानी चाहिए। अभी मिल भी रहा है। लेकिन कब तक?

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