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समाचार और आलेख
पीने योग्य जल
Posted on 03 Jul, 2023 11:40 AMप्रस्तावना
जल जीवन है, मनुष्य, पशु और पेड़-पौधे इसी पर जीवित रहते हैं। इसलिए सृष्टि के अस्तित्व के लिए पर्याप्त मात्रा में शुद्ध जल की उपलब्धता अनिवार्य है। यह जरूरी है कि मनुष्य जो पानी पिए वह अवांछित अशुद्धियों और नुकसानदेह रसायनिक यौगिक और जीवाणुओं से मुक्त हो । लोगों को पर्याप्त मात्रा में शुद्ध जल उपलब्ध कराने के लिए पीने योग्य जल की आपूर्ति की योजना बनाना
नैनीताल में नदियों को बचाने को हुआ सम्मेलन
Posted on 30 Jun, 2023 04:28 PM'सूखी जुबान जिंदगी से पूछने लगी कि प्यास ही लिखी है या पानी भी लिखा है!' साथी और परिजन पाँच जून 2023 के सम्मेलन की सूचनाओं को अपने जानने वालों तक भेजिए। इसलिए नहीं कि यह किसी व्यक्ति का काम है, इसलिए क्योंकि हम मध्य हिमालय में सूखती गैर बर्फानी नदियों के बारे में बात करना चाहते हैं। हमारी चिंता है कि यदि व्यापक जन समुदाय अपनी नदियों के बारे में विचार नहीं करेगा और उनको बचाने की कोई सार्थक पहल न
कैसे होगा भूजल पुनर्भरण
Posted on 24 Jun, 2023 04:07 PMयह आह्वान सरकार की चिन्ता का तो दर्शाता ही है साथ ही सूजल की गंभीर स्थिति को भी इंगीत करता हैं। आजादी के समय भारत में प्रतिव्यक्ति सालाना जल उपलब्धता 5000 घन मीटर थी जो अब घटकर 1760 घन मीटर पर पहुंच गई है। राजस्थान, पंजाब, हरियाणा व दिल्ली-- जैसे दक्षेत्रों में तो यह 300 से 700 घन मीटर प्रति व्यक्ति पहुंच गया है। जल संसाधन मंत्रालय के वर्ष- -2004 के आकलन के अनुसार देश में 5723 ब्लॉक में से 106
जल संरक्षण में क्रांति ला रहे भारत के स्टार्ट-अप्स
Posted on 24 Jun, 2023 03:36 PMभारतीय स्टार्ट-अप देश के सामने जल की कमी की चुनौती का समाधान करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। ये अभिनव उद्यम कुशल जल उपयोग को बढ़ावा देने, अपव्यय को कम करने और पानी की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए प्रौद्योगिकी और रचनात्मक समाधानों का लाभ उठा रहे हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने 'मन की बात' के दौरान कुछ युवाओं के नेतृत्व वाले स्टार्ट-अप के माध्यम से किए जा रहे सराहन
बिना सिंचाई के खेती में सुधार नहीं हो सकता
Posted on 23 Jun, 2023 02:50 PMभारतीय गणतंत्र की प्रथम संसद के उद्घाटन पर हम आशा कर रहे थे कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में लोकहित के लिए किसी नई नीति का प्रतिपादन होगा और जनता पर आजकल जो भारी बोझ है, उसे कम करने के लिए कोई ठोस कदम प्रस्तावित किया जाएगा। किंतु हमें बहुत निराशा हुई है। भाषण में देश की उन समस्याओं को सुलझाने की, जो हमारे सम्मुख मुंह बाए खड़ी हैं, उत्कट भावना की झलक नहीं मिली।देश के सम्मुख आज अनाज की प्रबल समस्या ह
जल आधारित आंदोलन- नर्मदा
Posted on 23 Jun, 2023 12:17 PMप्रस्तावना
स्वतंत्रता के दौरान, भारत में बांधों की संख्या नगण्य थी, लेकिन आजादी के बाद से यह अत्यधिक बढ़ गई। बाढ़ नियंत्रण, जल आपूर्ति, विद्युत उत्पादन और सिंचाई करने के लिए बड़े पैमाने पर बांधों को बनाया गया। स्वतंत्रता के दौरान, भारत में तकरीबन 300 बड़े बांध थे। इसलिए बांधों को मल्टीपल रिवर वैली प्रोजेक्ट्स के रूप में जाना जाता था। वर्ष 2000 तक बांधों की संख्य
80 सेंटीमीटर पूर्व में झुक गई है पृथ्वी, वजह बेतहाशा भूजल दोहन
Posted on 23 Jun, 2023 11:01 AMअविश्वसनीय
बेतहाशा भूजल दोहन के मामले में एक नए अध्ययन के अनुसार, लोगों ने भारी मात्रा में भूजल दोहन किया है, ज़मीन से निकाल कर इसे कहीं और ले जाकर छोड़ दिया है, यानी कि भोजन जमीन इलाकों से निकाल कर के और धीरे-धीरे हम लोगों ने समुद्रों में स्थानांतरित कर दिया है, जिसकी वजह से धरती 1993 से 2010 के बीच लगभग 80 सेंटीमीटर या 31.5 इंच पूर्व की ओर
यू -पी बिहार में लू की चपेट में लोगों की मौत की संख्या बढ़ गयी है
Posted on 22 Jun, 2023 04:39 PMबिहार में लोग गर्मी से बेहाल हो रहे हैं और हर दिन कई लोगों की मौत हो रही है। अभी तक उत्तर प्रदेश के सिर्फ एक जिले में ही कम से कम 70 और बिहार के एक जिले में 50 से अधिक मौतें हो चुकी हैं। भीषण गर्मी के प्रकोप से मरने वाले लोगों की संख्या इतनी बढ़ चुकी है कि बिहार में दाह संस्कार के लिए उपयोग में लाने वाली लकड़ियों की कमी हो गयी है बक्सर के डीएम अंशुल अग्रवाल ने कहा कि सामान्य दिनों में शहर के म
हजारीबाग बरवाडीह इलाके की दुमुहानी नदी को नष्ट कर किया अवैध खनन, एनटीपीसी पर 1200 करोड़ का जुर्माना
Posted on 20 Jun, 2023 12:18 PMआरोप क्या है
पर्यावरण के मामले में देश के इतिहास में किसी भी पब्लिक सेक्टर कंपनी पर शायद अब तक का यह सबसे बड़ा जुर्माना है। बड़कागांव के मोंटू सोनी की शिकायत पर एनटीपीसी के पंकरी बरवाडीह कोल परियोजना में शर्तों के खिलाफ क्षेत्र की जीवनरेखा दुमुहानी नदी को नष्ट कर अवैध खनन के मामले में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की केंद्रीय एडवाइजरी कमेटी ने एनटीपीसी पर शर्तों का उल्लंघन क
बे-पानी बड़वानी के पड़ोस में सूखती नर्मदा
Posted on 20 Jun, 2023 12:03 PMपिछले कुछ महीनों से नर्मदा को 'मातेसरी' मानने वाली, पूजने वाली, परिक्रमावासियों का स्वागत, सम्मान करने वाली, बड़वानी जैसे नर्मदा से कुल 5 किलोमीटर दूर के शहर की जनता हैरान है। कुछ दिनों से अलग-अलग समूह 'जल' के लिए तड़पते और आवाज उठाते रहे हैं। क्या जनता पिछले 37 सालों से दी जा रही नर्मदा - आंदोलनकारियों की चेतावनी समझकर अब जागृत हुई है?