जल संरक्षण में क्रांति ला रहे भारत के स्टार्ट-अप्स

 जल संरक्षण में क्रांति ला रहे भारत के स्टार्ट-अप्स,Pc-performindia
 जल संरक्षण में क्रांति ला रहे भारत के स्टार्ट-अप्स,Pc-performindia

भारतीय स्टार्ट-अप देश के सामने जल की कमी की चुनौती का समाधान करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। ये अभिनव उद्यम कुशल जल उपयोग को बढ़ावा देने, अपव्यय को कम करने और पानी की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए प्रौद्योगिकी और रचनात्मक समाधानों का लाभ उठा रहे हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने 'मन की बात' के दौरान कुछ युवाओं के नेतृत्व वाले स्टार्ट-अप के माध्यम से किए जा रहे सराहनीय कार्यों पर प्रकाश डाला, जो जल संरक्षण की दिशा में काम कर रहे हैं।

फ्लक्सजेन सस्टेनेबल टेक्नोलॉजीज, AI और IOT आधारित कम्पनी है, जो उद्योगों को जल सकारात्मक बनाने के लिए सम्पूर्ण जल प्रबन्धन समाधान प्रदान करती है

गणेश शंकर
गणेश शंकर

 मेरा मानना है कि जिस तरह से प्रधानमंत्री ने भारत में स्टार्ट-अप का समर्थन किया है, वह राष्ट्र को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बहुत ही दूरदर्शी दृष्टिकोण है।   यह दो समस्याओं से भी निपटता है एक तो आने वाले स्टार्ट- अप भारत के लोगों के लिए नई नौकरियाँ पैदा करके बेरोजगारी की समस्या को हल कर रहे हैं और     दूसरा यह कि वे भारत की जीडीपी वृद्धि में भी योगदान दे रहे है। आज के भारत में स्टार्ट-अप के रूप में अपने रचनात्मक विचारों को क्रियान्वित करने के अपार     अवसर है। मैं कामना करता हूँ कि प्रधानमंत्री जी ने जो ईको सिस्टम बनाया है, उसका सपना देखने वाला हर व्यक्ति पूरा लाभ उठाए। हम इस बात से बहुत   उत्साहित  है कि भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वास्तव में अपने मन की बात में हमारे काम के बारे में उल्लेख किया है। इस उल्लेख के बाद से, हमें देश के   विभिन्न कोनों से बहुत सारे  फोन आ रहे है, जहाँ लोग यह जानना चाहते है कि हम क्या करते हैं और कैसे करते है। यह हमारे कर्मचारियों के लिए भी प्रेरणा का   स्त्रोत रहा है। इससे हम सभी के बीच अपने ग्राहकों को बेहतर तरीके से सेवा देने और भारत को जल सकारात्मक देश बनाने में योगदान देने की जिम्मेदारी की   भावना भी बड़ी है।"

 

 

लिवएनसेंस टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड एक अग्रणी औद्योगिक क्लाइमेट टेक वेंचर है, जो उद्योगों को सुरक्षा और स्थिरता के भविष्य को चलाने के उद्देश्य से सेवा प्रदान करता है।

अविनाश कुमार
अविनाश कुमार

 जल वितरण और रिसाव एक वैश्विक चिन्ता का विषय है, क्योंकि विभिन्न जलवायु और पर्यावरणीय चुनौतियों के समाधान के लिए देशों के वैश्विक प्रमुख लगातार   काम कर रहे है। पानी के रिसाव की इस चुनौती का समाधान करने के लिए, लिवएनसेंस अपने IOT और Al आधारित प्लेटफॉर्म, ग्रीनोप्स के माध्यम से डेटा   संचालित रियल-टाइम इनसाइट्स के लिए सम्भावित जल रिसाव के लिए एक अभिनव दृष्टिकोण लेकर आया है। पानी के दिक्षाव की टीयल-टाइम ट्रैकिंग सेंसर   द्वारा की जाती है और एकीकृत 4जी/ 5जी नेटवर्क के साथ कई ऐज डिवाइसों से डेटा एकत्र किया जाता है और रीयल-टाइम अलर्ट और एनालिटिक्स प्राप्त करने   के लिए इसे ग्रीन ऑप्टस प्लेटफॉर्म में संसाधित किया जाता है, जिससे शुरूआती पहचान और प्लागिंग को सक्षम किया जाता है, जिससे इस प्राकृतिक संसाधन   की प्रत्येक बूंद को संरक्षित करने के प्रयास में रिसाव का शीघ्र पता लगाने और उसे बंद करने में सक्षम बनाया जा सके। हमें उम्मीद है कि हमारा योगदान भारत     को आत्मनिर्भर बनाने और स्थिरता लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगा। में प्रधानमंत्री जी को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि उन्होंने हमारे काम की सराहना की और   हमें मोटीवेट किया।"

 

 

जलकुम्भी, जिसे बेंगाल टेटर और जर्मन वीड के रूप में जाना जाता है, एक परजीवी पौधा है, जो आर्द्रभूमि पारिस्थितिक तंत्र को बाधित करता है और जल निकायों में कमल के फूलों की उपस्थिति में बाधा डालता है। कुम्भी कागज़ जलकुम्भी को बायोडिग्रेडेबल पेपर में बदलकर इस समस्या का समाधान दे रहा है।

रूपांकर भट्ठाचार्य   
रूपांकर भट्ठाचार्य   

 हमें इंडिया वॉटर पिच पायलट-स्केल स्टार्ट-अप चैलेंज के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया था। उस चुनौती से हमें जो अनुदान मिला है, उससे हमें मशीन खरीदने में मदद   मिली है, जिसके माध्यम से हम यह अनूठा और पर्यावरण के अनुकूल कागज बना रहे हैं। हम पूरे भारत में अपने उत्पादन को बढ़ाने का लक्ष्य बना रहे है। हाल ही में   प्रधानमंत्री ने हमारे संगठन कुम्भी कागज के बारे में बात की, जिससे हमारा मनोबल बढ़ा है। मैं हमारे काम की सराहना करने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद देना   चाहता हूँ।


 

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Post By: Shivendra
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