जगमोहन रौतेला
जगमोहन रौतेला
नैनीताल में नदियों को बचाने को हुआ सम्मेलन
Posted on 30 Jun, 2023 04:28 PM'सूखी जुबान जिंदगी से पूछने लगी कि प्यास ही लिखी है या पानी भी लिखा है!' साथी और परिजन पाँच जून 2023 के सम्मेलन की सूचनाओं को अपने जानने वालों तक भेजिए। इसलिए नहीं कि यह किसी व्यक्ति का काम है, इसलिए क्योंकि हम मध्य हिमालय में सूखती गैर बर्फानी नदियों के बारे में बात करना चाहते हैं। हमारी चिंता है कि यदि व्यापक जन समुदाय अपनी नदियों के बारे में विचार नहीं करेगा और उनको बचाने की कोई सार्थक पहल न
![नैनीताल में नदियों को बचाने को हुआ सम्मेलन, फोटो- बच्ची सिंह बिष्ट](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-06/%E0%A4%A8%E0%A5%80%E0%A4%A4%E0%A4%BE%E0%A4%B2%20%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82%20%E0%A4%A8%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%82%20%E0%A4%95%E0%A5%8B%20%E0%A4%AC%E0%A4%9A%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A5%87%20%E0%A4%95%E0%A5%8B%20%E0%A4%B9%E0%A5%81%E0%A4%86%20%E0%A4%B8%E0%A4%AE%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%B2%E0%A4%A8.jpg?itok=leiK7PrV)
भारी बजट के बावजूद प्यासे हैं गाँव
Posted on 28 Aug, 2010 08:35 AMघनसाली के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल का संकट इस कदर बढ़ा कि गत 17 मई 2010 को 18 घंटे तक पानी के स्रोत पर लगी लम्बी लाइन में खड़ी चार महिलायें बैशाखी देवी, छौंपाड़ी देवी, रुशना देवी तथा यशोदा देवी भूख प्यास के कारण बेहोश होकर गिर पड़ी। इसी तरह जून माह में देवप्रयाग विधानसभा क्षेत्र के एक गाँव में पेयजल की समस्या के कारण लोगों में पैदा हो रहे तनाव को देखते हुए सार्वजनिक नल में पुलिस की तैनाती