इग्नू

इग्नू
जल संरक्षण एवं प्रबंधन में सर्टिफिकेट (सीडब्ल्यूएचएम)
Posted on 14 Dec, 2010 10:57 AM
न्यूनतम अवधि: 6 माह
अधिकतम अवधि: 2 वर्ष
पाठ्यक्रम शुल्क: 1,600 रुपये
न्यूनतम उम्र: 18
अधिकतम उम्र: कोई सीमा नहीं

योग्यता:


• 10वीं उत्तीर्ण
• इग्नू से संचालित बैचलर प्रिपरेटरी प्रोग्राम (बीपीपी)
पीने योग्य जल
किसी भी आपदा के बाद सबसे पहली जरूरत संकटग्रस्त लोगों के लिए पीने योग्य जल की व्यवस्था करना होता है। शुद्ध पीने योग्य जल उपलब्ध कराने से महामारी को फैलने से रोका जा सकता है
Posted on 03 Jul, 2023 11:40 AM

प्रस्तावना

जल जीवन है, मनुष्य, पशु और पेड़-पौधे इसी पर जीवित रहते हैं। इसलिए सृष्टि के अस्तित्व के लिए पर्याप्त मात्रा में शुद्ध जल की उपलब्धता अनिवार्य है। यह जरूरी है कि मनुष्य जो पानी पिए वह अवांछित अशुद्धियों और नुकसानदेह रसायनिक यौगिक और जीवाणुओं से मुक्त हो । लोगों को पर्याप्त मात्रा में शुद्ध जल उपलब्ध कराने के लिए पीने योग्य जल की आपूर्ति की योजना बनाना

पीने योग्य जल,फोटो- flicker-Indiawaterportal
कृत्रिम- भूजल पुनर्भरण
भूजल मृदा कणों तथा चट्टानों के बीच मौजूद स्थानों (रानो) और चट्टानों में पड़ी दरारों में पाया जाता है आवश्यकता पड़ने पर इसकी सुनिश्चित उपलब्धता और सामान्य रूप से श्रेष्ठ गुणवत्ता के कारण भूजल का उपयोग घरेलू आवश्यकताओं की पूर्ति तथा अन्य उद्देश्यों के लिए व्यापक रूप से किया जाता है। तथापि, क्या आपको ज्ञात है कि अत्यधिक दोहन के कारण भू-जल बहुत तेजी से कम होता जा रहा है? इसके अतिरिक्त उद्योगीकरण और शहरीकरण के कारण भूजल प्रदूषित भी हो रहा है।
Posted on 24 Jun, 2023 01:15 PM

प्रस्तावना

पिछली इकाई में आपको ताज जल की उपलब्धता के महत्वपूर्ण पहलुओं के बार में बताया गया था। देश में सिंचाई विकास के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य विभिन्न क्षेत्रों में जल की मांग तथा जल प्रदूषण संबंधी समस्या से भी आपको अवगत कराया जा चुका है।

 कृत्रिम- भूजल पुनर्भरण,Pc-Patrika
जल आधारित आंदोलन- नर्मदा
सरदार सरोवर परियोजना लंबे समय तक विवादों का विषय रही जिसने पूरे देश को झकझोर दिया और हिला कर रख दिया। नर्मदा आंदोलन कुछ समस्याओं को स्पष्ट करने और समझाने में मदद करेगा जो हमारे देश में पानी के मुद्दे की मुख्य विशेषता है। आइए हम इन मुद्दों पर गौर करें क्योंकि ये देश में बढ़ती पर्यावरणीय समस्याओं की ओर सही इशारा करते हैं।
Posted on 23 Jun, 2023 12:17 PM

प्रस्तावना

स्वतंत्रता के दौरान, भारत में बांधों की संख्या नगण्य थी, लेकिन आजादी के बाद से यह अत्यधिक बढ़ गई। बाढ़ नियंत्रण, जल आपूर्ति, विद्युत उत्पादन और सिंचाई करने के लिए बड़े पैमाने पर बांधों को बनाया गया। स्वतंत्रता के दौरान, भारत में तकरीबन 300 बड़े बांध थे। इसलिए बांधों को मल्टीपल रिवर वैली प्रोजेक्ट्स के रूप में जाना जाता था। वर्ष 2000 तक बांधों की संख्य

नर्मदा बचाओ आंदोलन के 37 वर्ष पूरे होने पर बड़वानी में निकली सत्याग्रह यात्रा, Pc-Samta Marg
बागवानी प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा (पीजीडीपीएम)
Posted on 14 Dec, 2010 04:11 PM
न्यूनतम अवधि: 1 वर्ष
अधिकतम अवधि: 4 वर्ष
पाठ्यक्रम शुल्क: 4,800 रुपये
न्यूनतम उम्र: कोई सीमा नहीं
अधिकतम उम्र: कोई सीमा नहीं

योग्यता:


• किसी भी विषय में स्नातक

कार्यक्रम सिंहावलोकन

डेयरी फार्म पर ग्रामीण किसानों के लिए जागरूकता कार्यक्रम (एपीडीएफ)
Posted on 14 Dec, 2010 04:07 PM
न्यूनतम अवधि: 2 माह
अधिकतम अवधि: 2 वर्ष
पाठ्यक्रम शुल्क: 1,000 रुपये
न्यूनतम उम्र: कोई सीमा नहीं
अधिकतम उम्र: कोई सीमा नहीं

योग्यता:


कोई औपचारिक शिक्षा नहीं

कार्यक्रम सिंहावलोकन

जैविक कृषि में सर्टिफिकेट (सीओएफ)
Posted on 14 Dec, 2010 12:01 PM
न्यूनतम अवधि: 6 माह
अधिकतम अवधि: 2 वर्ष
पाठ्यक्रम शुल्क: 3,600 रुपये
न्यूनतम उम्र: कोई सीमा नहीं
अधिकतम उम्र: कोई सीमा नहीं

योग्यता:


10+2 उत्तीर्ण / इग्नू से स्नातक तैयारी कार्यक्रम (बीपीपी)

कार्यक्रम सिंहावलोकन

जल संभर प्रबंधन में डिप्लोमा (डीडब्ल्यूएम)
Posted on 14 Dec, 2010 11:31 AM
न्यूनतम अवधि: 1 वर्ष
अधिकतम अवधि: 4 वर्ष
पाठ्यक्रम शुल्क: 9,000 रुपये
न्यूनतम उम्र: कोई सीमा नहीं
अधिकतम उम्र: कोई सीमा नहीं

योग्यता:


10+2 उत्तीर्ण/ इग्नू से बीपीपी। दसवीं उत्तीर्ण विद्यार्थी बीपीपी और डिप्लोमा कार्यक्रम के लिए एक साथ पंजीकृत हो सकते हैं।

कार्यक्रम सिंहावलोकन

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