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समाचार और आलेख
खाद्यान्न सुरक्षा और बदलता पर्यावरण
Posted on 06 Jul, 2023 12:11 PMधरती की आबोहवा बदल रही है और भविष्य की खाद्यान्न सुरक्षा खतरे में है। 132 करोड़ की जनसंख्या वाले देश के नीति-निर्माता और वैज्ञानिक परेशान हैं कि बढ़ती आबादी, शहरीकरण, जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण के गिरते स्तर के कारण फसलोत्पादन में होने वाली गिरावट को कैसे रोका जाए।
![खाद्यान्न सुरक्षा औ बदलता पर्यावरण:-फोटो क्रेडिट:-IWP Flicker](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-07/food%20security%20and%20changing%20environment.png?itok=9EKGRxuN)
क्या यमुनोत्री में केदारनाथ जैसी बाढ़ सम्भव है
Posted on 05 Jul, 2023 04:13 PMविगत दशकों में वर्षा ऋतु में दोनों क्षेत्रों केदारनाथ एवं यमुनोत्री में अतिवृष्टि की अनेक घटनाएं भारी वर्षापात के रूप में हो चुकी हैं। 18-19 अगस्त 1998 को केदार घाटी में मन्दाकिनी नदी की सहायक नदियों जैसे मद्यमहेश्वर तथा कालीगंगा में हुई भारी वर्षा से सक्रिय हुए भस्खलनों में 100 से अधिक जानें गई थीं तथा 16 जुलाई, 2001 के भारी वर्षापात से मन्दाकिनी घाटी में गौरीकुण्ड से लगभग 15 किमी डाउनस्ट्रीम
![क्या यमुनोत्री में केदारनाथ जैसी बाढ़ सम्भव है,फोटो क्रेडिट-IWP Flicker](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-07/%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%20%E0%A4%AF%E0%A4%AE%E0%A5%81%E0%A4%A8%E0%A5%8B%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80%20%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82%20%E0%A4%95%E0%A5%87%E0%A4%A6%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%A5%20%E0%A4%9C%E0%A5%88%E0%A4%B8%E0%A5%80%20%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%A2%E0%A4%BC%20%E0%A4%B8%E0%A4%AE%E0%A5%8D%E0%A4%AD%E0%A4%B5%20%E0%A4%B9%E0%A5%88%2C%E0%A4%AB%E0%A5%8B%E0%A4%9F%E0%A5%8B%20%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%A1%E0%A4%BF%E0%A4%9F-IWP%20Flicker.png?itok=crM3cH41)
बाँध हिमालय की पुष्ठभूमि में
Posted on 05 Jul, 2023 01:40 PMसम्पूर्ण भारत को वर्षा के रूप में जितना जल मिलता है उसका लगभग 5 प्रतिशत पड़ोसी देशों से आने वाली नदियाँ अपने साथ लाती है। यदि । हम केवल भारत की भूमि पर बरसने वाले औसत वार्षिक जल को देखें, तो यह लगभग 1215 मिलीमीटर है। यह वर्षा जल भी विश्व की ओसत वर्षा से कहीं अधिक है। समस्या यह है कि स्थान विशेष ओर मात्रा के परिपेक्ष में इसका बंटवारा अत्यंत विषम है। उत्तर-पूर्वी भारत में 2500 मिलीमीटर वार्षिक वर
![टेहरी बांध भारत का सबसे ऊंचा बांध है,फोटो क्रेडिट- wikipedia](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-07/%E0%A4%9F%E0%A5%87%E0%A4%B9%E0%A4%B0%E0%A5%80%20%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%A7%20%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A4%20%E0%A4%95%E0%A4%BE%20%E0%A4%B8%E0%A4%AC%E0%A4%B8%E0%A5%87%20%E0%A4%8A%E0%A4%82%E0%A4%9A%E0%A4%BE%20%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%A7%20%E0%A4%B9%E0%A5%88.png?itok=3-r4oI8w)
अम्लीय वर्षा पर्यावरण के लिए चुनौती
Posted on 04 Jul, 2023 04:15 PMजब वर्षा जल में कार्बन डाइऑक्साइड के साथ वायुमंडल में प्रदूषित हवा में मौजूद सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड की मात्रा मिश्रित होती है, तो यह वर्षा जल से क्रिया करके सल्फ्यूरिक एसिड और नाइट्रिक एसिड में बदल जाती है और यही जल जब पृथ्वी पर गिरता है, तो इसे एसिड रेन अथवा अम्लीय वर्षा कहते है । वर्षा जल में अमूलों की बड़ी मात्रा को या उपस्थिति को अम्लीय वर्षा कहा जाता है। प्राकृतिक कारणों से
![अम्लीय वर्षा का प्रभाव,फोटो क्रेडिट- IWP Flicker](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-07/ACID%20RAIN.png?itok=BFmTBY9T)
जल प्रबंधन आज और कल
Posted on 04 Jul, 2023 03:04 PMसारांश
मनुष्य के शरीर का लगभग 70 प्रतिशत जल ही होता है। जल को लेकर ही हमारे देश ही नहीं अपितु विश्व में एक बहुत बढ़ी समस्या उत्पन्न हो गई है। आज इसका निवारण ढूँढना प्राथमिकता के आधार पर अति आवश्यक हो गया है। हमारे देश में कुल जल का लगभग 76 प्रतिशत भाग मानसून के मौसम में बरसात से प्राप्त होता है। वर्तमान में भारत में प्रति व्यक्ति पानी की उपलब्धता 22 घन मीटर है,
![जल प्रबंधन आज और कल,फोटो क्रेडिट- IWP Flicker](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-07/%E0%A4%9C%E0%A4%B2%20%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%AC%E0%A4%82%E0%A4%A7%E0%A4%A8%20%E0%A4%86%E0%A4%9C%20%E0%A4%94%E0%A4%B0%20%E0%A4%95%E0%A4%B2.png?itok=11aZxl--)
भूमि जल में वृद्धि के लिए वर्षा जल के संचयन की तकनीकें
Posted on 03 Jul, 2023 03:28 PMप्रस्तावना
प्रगतिशील युग में जल की बढ़ती खपत बहुत ही स्वाभाविक प्रक्रिया है। हमारे देश की समस्याएं विविध एवं जटिल है क्योंकि भारतवर्ष में जल की उपलब्धता क्षेत्रीय वर्षा एवं भौगोलिक परिस्थितियों पर आधारित है। इसके साथ बढ़ती हुई जनसंख्या, शहरीकरण का बढ़ता क्षेत्र अपना प्रभाव जल की उपलब्धि एवं गुणवत्ता पर डाल रहे हैं।
![भूमि जल में वृद्धि के लिए वर्षा जल के संचयन की तकनीकें, फोटो क्रेडिट- wikipedia](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-07/Rain%20water%20harvesting%20techniques.png?itok=j_Qnd-Oz)
पीने योग्य जल
Posted on 03 Jul, 2023 11:40 AMप्रस्तावना
जल जीवन है, मनुष्य, पशु और पेड़-पौधे इसी पर जीवित रहते हैं। इसलिए सृष्टि के अस्तित्व के लिए पर्याप्त मात्रा में शुद्ध जल की उपलब्धता अनिवार्य है। यह जरूरी है कि मनुष्य जो पानी पिए वह अवांछित अशुद्धियों और नुकसानदेह रसायनिक यौगिक और जीवाणुओं से मुक्त हो । लोगों को पर्याप्त मात्रा में शुद्ध जल उपलब्ध कराने के लिए पीने योग्य जल की आपूर्ति की योजना बनाना
![पीने योग्य जल,फोटो- flicker-Indiawaterportal](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-07/%E0%A4%AA%E0%A5%80%E0%A4%A8%E0%A5%87%20%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%97%E0%A5%8D%E0%A4%AF%20%E0%A4%9C%E0%A4%B2.png?itok=Vh8YXPpD)
नैनीताल में नदियों को बचाने को हुआ सम्मेलन
Posted on 30 Jun, 2023 04:28 PM'सूखी जुबान जिंदगी से पूछने लगी कि प्यास ही लिखी है या पानी भी लिखा है!' साथी और परिजन पाँच जून 2023 के सम्मेलन की सूचनाओं को अपने जानने वालों तक भेजिए। इसलिए नहीं कि यह किसी व्यक्ति का काम है, इसलिए क्योंकि हम मध्य हिमालय में सूखती गैर बर्फानी नदियों के बारे में बात करना चाहते हैं। हमारी चिंता है कि यदि व्यापक जन समुदाय अपनी नदियों के बारे में विचार नहीं करेगा और उनको बचाने की कोई सार्थक पहल न
![नैनीताल में नदियों को बचाने को हुआ सम्मेलन, फोटो- बच्ची सिंह बिष्ट](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-06/%E0%A4%A8%E0%A5%80%E0%A4%A4%E0%A4%BE%E0%A4%B2%20%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82%20%E0%A4%A8%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%82%20%E0%A4%95%E0%A5%8B%20%E0%A4%AC%E0%A4%9A%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A5%87%20%E0%A4%95%E0%A5%8B%20%E0%A4%B9%E0%A5%81%E0%A4%86%20%E0%A4%B8%E0%A4%AE%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%B2%E0%A4%A8.jpg?itok=leiK7PrV)
कैसे होगा भूजल पुनर्भरण
Posted on 24 Jun, 2023 04:07 PMयह आह्वान सरकार की चिन्ता का तो दर्शाता ही है साथ ही सूजल की गंभीर स्थिति को भी इंगीत करता हैं। आजादी के समय भारत में प्रतिव्यक्ति सालाना जल उपलब्धता 5000 घन मीटर थी जो अब घटकर 1760 घन मीटर पर पहुंच गई है। राजस्थान, पंजाब, हरियाणा व दिल्ली-- जैसे दक्षेत्रों में तो यह 300 से 700 घन मीटर प्रति व्यक्ति पहुंच गया है। जल संसाधन मंत्रालय के वर्ष- -2004 के आकलन के अनुसार देश में 5723 ब्लॉक में से 106
![भूजल पुनर्भरण,Pc-Agro Star](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-06/Feed_water%20harvest.jpg?itok=IctPYseO)
जल संरक्षण में क्रांति ला रहे भारत के स्टार्ट-अप्स
Posted on 24 Jun, 2023 03:36 PMभारतीय स्टार्ट-अप देश के सामने जल की कमी की चुनौती का समाधान करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। ये अभिनव उद्यम कुशल जल उपयोग को बढ़ावा देने, अपव्यय को कम करने और पानी की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए प्रौद्योगिकी और रचनात्मक समाधानों का लाभ उठा रहे हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने 'मन की बात' के दौरान कुछ युवाओं के नेतृत्व वाले स्टार्ट-अप के माध्यम से किए जा रहे सराहन
![जल संरक्षण में क्रांति ला रहे भारत के स्टार्ट-अप्स,Pc-performindia](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-06/WATER.jpg?itok=2PTKT9Jd)