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समाचार और आलेख
विश्व महासागर दिवस (World Ocean Day)2023
Posted on 08 Jun, 2023 03:17 PMविश्व महासागर दिवस(world oceans day 2023)
विश्व महासागर दिवस 8 जून को पुरे विश्व में मनाया जाता है। महासागर हमारी पृथ्वी सिर्फ जीवन का प्रतीक ही नहीं बल्कि पर्यावरण संतुलन में भी एहम भूमिका निभाता है। महासागरों में गिरने वाले प्लास्टिक प्रदुषण कि वजह से महासागर धीरे -धीरे अपशिष्ट होते जा रहे हैं। इस कारण समुद्री जीवों के स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ता है। क्यूंकि
किसानों तक नहीं पहुंच रहा कृषि योजना का पूरा लाभ
Posted on 07 Jun, 2023 04:05 PMकृषि भारतीय अर्थव्यवस्था का मेरुदंड है. कृषि से जुड़ी सरकार की रिपोर्ट के अनुसार साल 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में कृषि व वानिकी का सकल घरेलू उत्पाद में 20.2 प्रतिशत हिस्सा रहा है. देश-दुनिया में अनेक प्रकार के रोजगार के साधन हैं, लेकिन उन सभी संसाधनों को ठोस बुनियाद पर खड़ा करने वाला शक्ति का केंद्र किसान है.
जलवायु परिवर्तन और अनुकूल कृषि(वार्षिक रिपोर्ट्स-2019-20)
Posted on 07 Jun, 2023 12:54 PMभारतीय कृषि के अति संवेदनशील जिला स्तरीय मानचित्र:-
जलवायु परिवर्तन के संबंध में भारतीय कृषि के अति संवेदनशील जिला स्तरीय मानचित्रों को 5वीं मूल्यांकन रिपोर्ट (आईपीसीसी 2014 ) के साथ अद्यतन किया गया। 'रिप्रजेंटेटिव कंसंट्रेशन पाथवेज' (आरसीपी) के आधार पर ये मानचित्र जलवायु पूर्वानुमान में सहायता करते हैं। जलवायु परिवर्तन खतरे को 2020-49 की समयावधि के लिए आरपीसी
मृदा एवं जल उत्पादकता(वार्षिक रिपोर्ट्स-2019-20)
Posted on 07 Jun, 2023 12:12 PMचुनिंदा जिलों के लिए भूमि उपयोग नियोजन ब्लॉक स्तर पर भूमि उपयोग नियोजन पर कार्य करने हेतु भारत के 27 इच्छुक जिलों के लिए 1 :10,000 स्केल पर भूमि संसाधन इनवेन्ट्री (LRI) तैयार की गई असोम के बरपेटा दरांग, धुबरी, गोलपारा एवं बक्सा जिलों उत्तर प्रदेश के बहराइच, बलरामपुर, चित्रकूट श्रावस्ती तथा सोनभद्र जिलों बिहार के अररिया, बेगुसराय, कटिहार, सीतामडी तथा शेखपुरा जिलों ओडिशा के कालाहाण्डी एवं रायगढ़
जल एवं नदी घाटी प्रबंधन एक चक्रीय प्रक्रिया
Posted on 06 Jun, 2023 01:50 PMनदी घाटी प्रबंधन से अभिप्राय उन सभी प्राकृतिक अथवा कृत्रिम संरचनाओं एवं प्रक्रियाओं के प्रबंधन से है जो नदी घाटी क्षेत्र में सभी जल संसाधनों के माध्यम से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से नदी से जुड़े हैं चित्र के माध्यम से इस प्रक्रिया को समझाने का प्रयास किया गया है। सामान्य समय मे जल एवं जल संसाधन के उचित एवं सतत उपयोग के अतिरिक्त नदी घाटी प्रबंधन में निम्म कुछ बिन्दु अवश्य सम्मिलित होने चाहिए।
धीरे-धीरे निर्मल होगी धारा
Posted on 06 Jun, 2023 12:48 PMपिछले अंक में हमने नदियों की निर्मलता पर बात की और यह समझने की कोशिश की कि नदियों की निर्मलता क्यों जरूरी है? साथ ही हमनें औद्योगिक प्रदूषण, बढ़ते शहरीकरण और शहरी अपशिष्ट निदान के नदी पर दुष्प्रभाव और कृषि में रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के नदी पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में बात की। आइए इस अंक में यह समझने की कोशिश करते हैं कि नदियों की निर्मल धारा कैसी होती है?
क्यों रुक गई बहती धारा
Posted on 06 Jun, 2023 11:57 AMप्रज्ञाम्बु के पांचवें अंक में हम बात करेंगे नदियों की अविरलता के बारे में नदी का जिक्र आते ही हमारे जहन में बहते हुए पानी की तस्वीर उभरती है। बहती हुई नदियां अब हमारे इतिहास का हिस्सा बनने लगी हैं, बर्तमान में हमारे देश की कई विशाल नदियां झीलों की एक श्रृंखला में परिवर्तित हो रही है। नदी का ठहर जाना, नदी की मूलप्रवृत्ति के विपरित है। इसी क्रम में अविरलता और ठहराव को समझने के लिए प्रज्ञाम्बु का
नदी संरक्षण एवं विकास सीमाओं का महत्व
Posted on 05 Jun, 2023 04:59 PMप्रज्ञाम्बु के प्रथम संस्करण में हमने नदी घाटी प्रबंधन, नदी पुनरुद्धार एवं संरक्षण, प्राथमिकता एवं हितधारकों की भूमिका के बारे में समझने ज्ञान के आधार पर ही सक्षम स्तर पर वार्ता एवं समझौते वाले निर्णयों का एक प्रयास किया। इस क्रम मे हमने यह जाना कि नदी घाटी का निर्धारण किया जा सकता है। प्रथम संस्करण में चर्चा किये गए प्रबंधन एवं नदी संरक्षण के कार्यों में घाटी क्षेत्र की सम्पूर्ण जानकारी जो कि
परंपरा, विज्ञान, तर्क और हमारी नदियाँ
Posted on 05 Jun, 2023 04:01 PMभारतीय संस्कृति में नदियाँ जीवन के हर रंग और रस में मनुष्य का साथ निभाती हैं। माहौल उत्सव का हो या शोक का दोनों ही स्थितियों में मनुष्य नदी के सान्निध्य में पहुंच जाता है। नदियों से हम बहुत कुछ लेते हैंऔर बदले में ऐसी कई चीजें नदी को अर्पित कर देते हैं, जो कभी ईश्वर के प्रति प्रेम को व्यक्त करने का माध्यम बनी थी - जैसे फूल । त्योहारों के समय नदियों के समीप होने वाले यह क्रियाकलाप सामूहिक रूप से
कद्दू की उन्नत खेती
Posted on 05 Jun, 2023 11:33 AMभारत में कद्दू या काशीफल की खेती पुरातन काल से होती आ रही है। कददूवर्गीय सब्जियों में कद्दू एवं कुम्हड़ा का विशेष स्थान है। इसके कच्चे व पके हुए फलों से कई प्रकार की सब्जियां बनाई जाती है। उत्तर भारत में तो विवाह व त्यौहार आदि अवसरों पर इसकी सब्जी बनाने की प्रथा है। कद्दू कच्चा और पका फल सब्जी के लिए तथा पके फलों का मिठाई (पेठा) बनाने में प्रयोग होता है। कुम्हड़ा या कददू की एक किस्म मिष्ठान पेठ