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समाचार और आलेख
10 करोड़ ग्रामीण घर : प्रधानमंत्री ने जल जीवन मिशन द्वारा हासिल इस पड़ाव को 'सबका प्रयास' का अनुपम उदाहरण बताते हुए सराहा
Posted on 16 Sep, 2023 12:58 PMआज़ादी का अमृत महोत्सव' की अनुपम छटा में एक और प्रकाशपुंज जोड़ते हुए देश ने 19 अगस्त, 2022 को 10 करोड़ से ज़्यादा (52.50%) ग्रामीण घरों में नल से शुद्ध पेयजल पहुंचा कर एक और पड़ाव पार कर लिया। देशभर में फैले इन ग्रामीण घरों के लोग अब अपने ही घर में बैठे-बैठे शुद्ध पेयजल की नियमित सप्लाई का भरपूर आनंद उठा रहे हैं, और इस सुविधा के हो जाने से अब वे भी शहरी लोगों की तरह बेहतर और सुखमय जीवन की कल्पन
जेजेएम कर रहा है WASH क्षेत्र में प्रगति के लिए दुनिया का मार्गदर्शन
Posted on 16 Sep, 2023 12:40 PMपीने के पानी को संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन का अधिकार) के एक भाग के रूप में एक बुनियादी मानव अधिकार के रूप में मान्यता दी गई है। समुदाय के लिए आसानी से उपलब्ध पीने योग्य पेयजल जन स्वास्थ्य को बनाए रखता है और उसमें सुधार लाता है। पानी के संग्रह की कठिनाइयाँ समाप्त हो जाती हैं और लोगों.
पर्यावरण चेतना के बुनियादी आधार
Posted on 15 Sep, 2023 04:54 PMआजकल विश्व भर में पर्यावरण और इसके संतुलन की बहुत चर्चा है। पर्यावरण क्या है, इसके संतुलन का क्या अर्थ है, यह संतुलन क्यों नहीं है, ये प्रश्न समय-समय पर उठते रहे हैं, लेकिन आज इन प्रश्नों का महत्व बढ़ गया है, क्योंकि वर्तमान में पर्यावरण विघटन की समस्याओं ने ऐसा विकराल रुप धारण कर लिया है कि पृथ्वी पर प्राणी मात्र के अस्तित्व को लेकर भय मिश्रित आशंकाएं पैदा होने लगी हैं।
भारत में 2080 तक भूजल में तीन गुना कमी का खतरा
Posted on 15 Sep, 2023 03:31 PMसंयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी नई वर्ल्ड वाटर डेवलेपमेंट रिपोर्ट 2023 में जारी आंकड़ो से पता चला है कि 2050 तक शहरों में पानी की मांग 80 फीसद तक बढ़ जाएगी। वहीं यदि मौजूदा अकड़ों पर गौर करें तो दुनिया भर में शहरों में रहने वाले करीब 100 करोड़ लोग सकट से जूझ रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक इससे भारत सबसे ज्यादा प्रभावित होगा जहां पानी को लेकर होने वाली खींचातानी कहीं ज्यादा गंभीर रूप ले लेगी।
भारत के वनों और शहरी हरियाली के संरक्षण द्वारा ही पर्यावरण बचाना संभव
Posted on 15 Sep, 2023 02:36 PMआज जरूरत इस बात की है कि हम जलवायु परिवर्तन संकट निदान की दिशा में "थिंक ग्लोबली, एक्ट लोकली की नीति पर चलें" । वैश्विक अनुबंध आमतौर पर विकसित देशों के हितों के अनुरूप होती हैं लेकिन हमारी रिपोर्ट हमारे स्थानीय खतरों और निदान पर विमर्श करती है।
सीसा एक खतरे अनेक (Lead Poisoning Causes and Prevention in Hindi)
Posted on 15 Sep, 2023 01:05 PMआज से लगभग 4000 से 5000 वर्ष पूर्व के मानव की अपेक्षा आज के मानव में सीसे की मात्रा लगभग दस से सौ गुना अधिक हो गई है और विकसित तथा विकासशील देशों के लिए पर्यावरण में सीसे का बढ़ता प्रदूषण चिंता का विषय बन गया है।
पर्यावरण के दुश्मन सैनेटरी पैडस
Posted on 14 Sep, 2023 06:26 PMटेलीविज़न पर विज्ञापनों द्वारा इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया जाता है। विज्ञापन एजेंसियां इस प्रचार पर करोड़ों रुपया खर्च करती हैं, लेकिन इनके सही निस्तारण के साथ पर्यावरण और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले इनके हानिकारक प्रभावों से बचाव की दिशा में अब तक किसी कम्पनी ने कोई कदम नहीं उठाया है। मोटे तौर पर एक महिला हर महीने 12-14 सैनेटरी पैड्स का उपयोग करती हैं और इस तरह अपने जीवन में लगभग 16,800 सैने
जलवायु परिवर्तन का मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव एवं वर्तमान प्रदूषण रहित, चुनौतियों
Posted on 14 Sep, 2023 01:41 PMजलवायु परिवर्तन से मिट्टी पर पड़े प्रभाव का सीधा असर मानव स्वास्थ्य पर पड़ता है। जलवायु परिवर्तन के कारण तापमान में वृद्धि होती है और वाष्पीकरण का संतुलन खराब हो जाता है व हमारी मिट्टी की आर्द्रता असंतुलित हो जाती है। इसके परिणाम स्वरूप हमें सूखे की मार झेलनी पड़ सकती है। अगर यह स्थिति लगातार बनी रही तो मिट्टी मरूस्थल में तब्दील हो जाती है। मिट्टी एक समय में ऊसर व बंजर हो जाती है। अर्थात हमारे
सरकार और अध्ययन संस्थान के आपसी सहयोग का अनूठा उदाहरण
Posted on 13 Sep, 2023 05:06 PMपृष्ठभूमि
दक्षिण 24 परगना के बिशनपुर-II ब्लॉक के 14 गांवों के लगभग 50,000 लोगों को हुगली नदी का शोधित जल पाइप से उपलब्ध कराने की योजना 2003 में शुरू की गई थी। यह 30 लाख लोगों को नदी जल पाइप द्वारा पहुंचाने की विशाल योजना का हिस्सा थी। लेकिन आबादी में तीव्र वृद्धि और पाइपलाइन से अंधाधुंध कनेक्शन लिए जाने के कारण 10 वर्षों में ही पाइपलाइन के अंतिम छोर के घरों में
जेजेएम-महिलाओं का सशक्तिकरण,जीवन हुआ आसान
Posted on 13 Sep, 2023 04:57 PMघरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए पानी ढोकर लाने का संघर्ष जीवन भर का संघर्ष रहा है। जब से मैं शादी के बाद इस गांव में आई हूं, सुबह जल्दी उठना, मटका लेकर बाहर निकलना और इसे लेकर चलना मेरी दिनचर्या रही है। मैं यह कार्य वर्षों से कर रही हूँ। मेरी जवानी के सभी दिन परिवार के सदस्यों की प्यास बुझाने के लिए पानी से भरे बर्तनों को घर लाने में बीते हैं। मुझे यह देखकर बहुत खुशी हुई कि यह अग्निपरीक्षा सम