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स्वच्छ भारत के निर्माण का आधार आदर्श मोहल्ला अभियान ले रहा आकार
जब प्रत्येक घर का रसोई कचरा, हमारे कचरा निस्तारण पात्र के माध्यम से न केवल घर में ही निस्तारित हो जाएगा, बल्कि उससे हमें तरल खाद भी प्राप्त होगी तो इससे नगर स्वच्छता के परिदृश्य में सुधार होगा। साथ ही तरल खाद के उपयोग से विकसित घरेलू वाटिका से प्रत्येक घर को ताजी और हरी-भरी सब्जियां प्राप्त होंगी जिनमें रसायनों का इस्तेमाल नहीं हुआ होगा। इनके उपयोग से परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य में सुधार होगा। हमें विश्वास है कि धीरे-धीरे अधिकांश परिवारों तक घरेलू कचरा निस्तारण करने और इससे तरल खाद प्राप्त करने की यह विधि पहुंच जाएगी। फिर हम गर्व से कह सकेंगे Posted on 09 Oct, 2023 02:13 PM

हमारा शहर स्वच्छ हो और सुंदर हो, यह सभी चाहते हैं लेकिन ऐसा तभी संभव है जब नगर का प्रत्येक मोहल्ला और कालोनी स्वच्छता के मानकों पर खरे उतरे। इसी दृश्टिकोण से 4  जनवरी 2023  को लोक भारती की मासिक बैठक में आदर्श मोहल्ला बनाने पर विचार किया गया। लखनऊ के इंदिरा नगर सेक्टर 11 के एक मोहल्ले को आदर्श मोहल्ले के रूप में परिवर्तित करने का विचार यहां की समाज सेविका एवं लोक भारती कार्यकर्ता श्रीमती प्राची

स्वच्छ भारत के निर्माण का आधार आदर्श मोहल्ला अभियान,Pc- लोक सम्मान
समुद्री पर्यावरण को बचाने की आवश्यकता
20 वर्षों की लंबी बातचीत के उपरांत एक  सैकड़ा से अधिक देश समुद्री जीवन को बचाने की अहम संधि पर मुहर लगाने को तैयार हो गए हैं। न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में संपन्न इस हाई सीज ट्रीट्री के तहत 2030  तक दुनिया के 30  प्रतिशत महासागरों को संरक्षित किया जाना है। संधि को लागू करने के लिए अब सभी देशों को अपनी-अपनी संसद से मंजूरी दिलानी होगी। संधि में प्रावधान है कि समुद्री जलीय जीवन को संरक्षित करने के लिए निकाय बनेगा और जलीय जीवों को हो रहे नुकसान के आंकलन के लिए नियम बनेंगे। Posted on 09 Oct, 2023 01:15 PM

यह है सुखद है कि 20 वर्षों की लंबी बातचीत के उपरांत एक  सैकड़ा से अधिक देश समुद्री जीवन को बचाने की अहम संधि पर मुहर लगाने को तैयार हो गए हैं। न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में संपन्न इस हाई सीज ट्रीट्री के तहत 2030  तक दुनिया के 30  प्रतिशत महासागरों को संरक्षित किया जाना है। संधि को लागू करने के लिए अब सभी देशों को अपनी-अपनी संसद से मंजूरी दिलानी होगी। संधि में प्रावधान है कि समुद्

समुद्री पर्यावरण को बचाने की आवश्यकता
अपने प्रदेश हों या पड़ोसी देश चहुंओर पहुंच रहा जहरमुक्त प्राकृतिक खेती का संदेश
देश के कई राज्य प्राकृतिक खेती के विस्तार में निरंतर संलग्न हैं, वहीं पड़ोसी देशों में भी प्राकृतिक खेती को अपनाने की इच्छा प्रबल हो रही है। पिछले कुछ सप्ताह में हरियाणा के कुरुक्षेत्र स्थित प्राकृतिक कृषि फार्म पर देश के पूर्व राष्ट्रपति , कई प्रदेशों के राज्यपालों सहित विदेशी प्रतिनिधिमंडल का आगमन हुआ। इन सभी ने प्राकृतिक कृषि की प्रभावोत्पादकता का स्वयं अनुभव करते हुए इसे अपनाने और प्रसारित करने का संकल्प लिया है  Posted on 09 Oct, 2023 12:56 PM

रासायनिक खेती के निरंतर परिलक्षित होते हानिकारक दुश्प्रभावों को समझकर प्राकृतिक खेती को अपनाने का आग्रह लगातार प्रबल हो रहा है। देश के कई राज्य प्राकृतिक खेती के विस्तार में निरंतर संलग्न हैं, वहीं पड़ोसी देशों में भी प्राकृतिक खेती को अपनाने की इच्छा प्रबल हो रही है। पिछले कुछ सप्ताह में हरियाणा के कुरुक्षेत्र स्थित प्राकृतिक कृषि फार्म पर देश के पूर्व राष्ट्रपति, कई प्रदेशों के राज्यपालों सहि

अपने प्रदेश हों या पड़ोसी देश चहुंओर पहुंच रहा जहरमुक्त प्राकृतिक खेती का संदेश
भूजल दोहन और भूकंप का गहरा संबंध:विनाशकारी होगी प्रकृति का धैर्य टूटने की प्रतीक्षा 
भूजल भंडार का बेलगाम दोहन हो रहा है। यदि नदियों की स्थिति बेहतर होती तो भूजल भंडार लगातार रिचार्ज होते रहते। लेकिन हमारी नदियां तो स्वयं अस्तित्व के संकट से जूझ रही हैं पिछले दिनों भूकंप के कारण धरती हिलने से देश की राजधानी दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत देश के कई शहरों में अनिष्ट की आशंका से हड़कंप मच गया। भूकंप के अनेक कारण हैं Posted on 09 Oct, 2023 11:42 AM

पिछले दिनों भूकंप के कारण धरती हिलने से देश की राजधानी दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत देश के कई शहरों में अनिष्ट की आशंका से हड़कंप मच गया। भूकंप के अनेक कारण हैं, लेकिन एक प्रमुख कारण भूजल का अंधाधुंध दोहन भी बताया जाता है। विकास की आंधी में हम हरियाली और भूमिगत जल को खोते जा रहे हैं। देखते-देखते ही महानगर ही नहीं छोटे शहर भी कंक्रीट के जंगल में तब्दील होते जा रहे हैं। इसके लिए भ

भूजल दोहन और भूकंप का गहरा संबंध
पिघलते ग्लेशियरों की निगरानी ज़रूरी
साल 2021 में एक अध्ययन से पता चला था कि दक्षिण लोनाक झील का आकार गंभीर रूप से बढ़ चुका है। इस अध्ययन में यह भी कहा गया था कि अब झील भारी बारिश जैसे चरम मौसम के प्रति संवेदनशील हो गयी है। अब क्योंकि हम यह अनुमान नहीं लगा सकते कि ग्लेशियर में बाढ़ कब आएगी, इसलिए ऐसी किसी बाढ़ के लिए तैयार रहना ही हमारे पास एकमात्र विकल्प है। जरूरत है उचित आपदा जोखिम न्यूनीकरण योजना और क्षति नियंत्रण की। Posted on 07 Oct, 2023 04:24 PM

बीते हफ्ते, सिक्किम में दक्षिण लोनाक झील पर बहुत भारी बारिश हुई। इसके चलते झील के पानी ने अपना किनारा छोड़ दिया। सब कुछ इतना अचानक हुआ कि झील के पानी ने चुंगथांग बांध को तोड़ दिया। और इसके बाद तबाही का ऐसा दौर आया कि फिलहाल चालीस से ज़्यादा लोगों की मौत की खबर है, तमाम लोग गायब हैं, अनगिनत लोग चोटिल हैं, और  सिक्किम के कई हिस्सों में बाढ़ आ चुकी गई।

पिघलते ग्लेशियर
नवीकरणीय एवं स्वच्छ ऊर्जा (Renewable and clean energy)
वर्ष 2014 में अस्तित्व में आई इस पहल का उद्देश्य भारत में सर्वोत्तम श्रेणी के विनिर्माण ढांचे को स्थापित और सुदृढ़ करने के साथ-साथ देश के विनिर्माण क्षेत्र में आर्थिक निवेश, अनुसंधान एवं विकास, नवाचार, कौशल विकास तथा बौद्धिक सम्पदा को समृद्ध करना भी था यह योजना 'जीरो डिफेक्ट जीरो इफेक्ट लक्ष्य के साथ शुरू की गई Posted on 05 Oct, 2023 05:16 PM

भारत सरकार के आर्थिक पैकेज सब्सिडी उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना आदि जैसे निर्णयों को क्रियान्वित करने के कारण देश के नवीन, नवीकरणीय एवं स्वच्छ ऊर्जा विनिर्माण क्षेत्र में अभूतपूर्व तेजी आई है। साथ ही, जीवाश्म ईंधन के उपभोग में कटौती और नवीकरणीय ऊर्जा के बढ़ते उपयोग से भारत द्वारा कार्बन उत्सर्जन में भारी कमी आएगी। इस प्रकार हम प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, जैव-विविधता हास, प्राकृतिक आपदाएं आदि

नवीकरणीय एवं स्वच्छ ऊर्जा
खाद्य प्रसंस्करण : विकास और संभावनाएं (Food Processing: Development and Prospects in Hindi)
खाद्य प्रसंस्करण के अंतर्गत वे सभी विधियां और तकनीक शामिल हैं, जो कच्चे खाद्य पदार्थ की भंडारण अवधि (शेल्फ लाइफ बढ़ाने, इसके अनेक उपयोगी व मूल्यवर्धित उत्पाद बनाने और इनकी सुरक्षित पैकेजिंग तथा परिवहन के उपयोग में आती हैं। इसके दायरे में विभिन्न प्रकार के अनाजों, सब्जियों, मसालों, मेवों आदि के साथ दूध, मांस, मछली और अंडे भी आते हैं Posted on 05 Oct, 2023 01:52 PM

खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को आधुनिक व वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धात्मक बनाने के लिए अनुसंधान व विकास संस्थानों द्वारा नवीन प्रौद्योगिकी के विकास व नवाचार को गति दी जा रही है। साथ ही शिक्षण, प्रशिक्षण और प्रसार के नेटवर्क को भी अनेक संस्थानों के सहयोग से सशक्त बनाया जा रहा है, ताकि देश में खाद्य प्रसंस्करण को एक ठोस आधार और सतत् दिशा मिल सके।

खाद्य प्रसंस्करण : विकास और संभावनाएं
ओखलकांडा के 'वाटर हीरो' पर्यावरण से ऐसा प्रेम कि जंगलों को लौटा दी हरियाली 
नयाल जी कहते हैं पेड़ पौधों की बात करूं तो वर्तमान समय में हमने लगभग 58 हजार पेड़ पौधे हमने स्वयं से लगा दिए हैं, वैसे हम फल के पौधे भी गाँव वालों को वितरित करते हैं। लगभग 60 हजार से अधिक पौधे हम लोगों को वितरित कर चुके हैं और हम खुद की नर्सरी भी तैयार करते हैं। उसके बाद अपनी आजीविका के रूप में उनका कुछ न कुछ बच जाता है। Posted on 05 Oct, 2023 12:20 PM

जंगलों में पेड़ काटने की घटनायें तो आम हैं, लेकिन जंगलों को उनकी हरियाली लौटा देना, ऐसी मिसाल कम ही दिखती है। उत्तराखण्ड के वाटर हीरो या पर्यावरण प्रेमी के नाम से मशहूर चंदन सिंह नयाल ने बिना किसी सरकारी मदद के पर्यावरण संरक्षण का शानदार उदाहरण प्रस्तुत किया है।

ओखलकांडा के वाटर हीरो,PC- द पहाड़ी एग्रीकल्चर
पुराने पड़ते बांधों के खतरे
मामला केवल बड़े बांध का नहीं, बल्कि बहुत सारी छोटी परियोजनाओं का भी है, क्योंकि वे अगर तीव्र ढाल वाली नदी और नालों में बनने लगेंगी तो स्थानीय पर्यावरण का हश्र सामने होगा। वर्ष 2013 में उत्तराखंड के केदारनाथ और 2021 में धौली गंगा की त्रासदियों समेत पर्यावरणीय क्षति की अन्य बड़ी घटनाओं को सिर्फ बर्बादी के विचलित कर देने वाले आंकड़ों और दृश्यों के रूप में नहीं, बल्कि एक स्थायी सबक की तरह भी याद रखा जाना चाहिए।

Posted on 05 Oct, 2023 11:20 AM

हाल ही में जयपुर में बांधों की सुरक्षा को लेकर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय की और से बेहद भव्य तरीके से आयोजित इस कार्यक्रम में दुनियाभर के विशेषज्ञों ने बांधों को लेकर अपनी चिंता जाहिर करते हुए कई सुझाव भी पेश किए। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में छह हजार से अधिक बड़े-छोटे बांध हैं।

पुराने पड़ते बांधों के खतरे
कृषि प्रधान देश में बेरोज़गार किसान
गांव के एक 45 वर्षीय किसान प्रेमनाथ कहते हैं कि उनके पास रोज़गार और आय के स्रोत के नाम पर ज़मीन के केवल कुछ टुकड़ा है. जिससे साल भर की आमदनी भी नहीं हो पाती है, लेकिन इसके बावजूद वह केवल इसलिए खेती करते हैं क्योंकि उनके पास स्थाई रूप से रोज़गार का कोई अन्य साधन नहीं है Posted on 04 Oct, 2023 03:41 PM

किसी देश के विकास में आने वाली समस्याओं में एक प्रमुख समस्या बेरोज़गारी है. भारत जैसे विशाल देश में आज भी कई छोटे छोटे गांव ऐसे हैं जहां नौजवानों की एक बड़ी आबादी बेरोज़गार है. नौकरी के लिए या तो उनके पास कोई स्रोत नहीं है या फिर उन्हें शहरों के लिए पलायन करनी पड़ रही है. देश की बढ़ती जनसंख्या कारण रोज़गार की मांग में भी दिन-ब-दिन इज़ाफ़ा होता जा रहा है.

कृषि प्रधान देश में बेरोज़गार किसान
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