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सभी के लिए शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने की लागत और लाभ
73वें संविधान संशोधन ने पेयजल को संविधान की 11वीं अनुसूची में डाल कर उसके प्रबंधन की ज़िम्मेदारी ग्राम पंचायतों को सौंप दी है। वैसे तकनीकी रूप से देखा जाए तो पेयजल पूर्णतः सार्वजनिक माल नहीं है, क्योंकि पेयजल की सीमित मात्रा को देखते हुए इसे लेकर प्रतिद्वंदिता तो चलती ही रहती है। इस दृष्टिकोण से तो पेयजल को वास्तव में एक साझा संसाधन माना जाना चाहिए। Posted on 13 Sep, 2023 04:35 PM

पृष्ठभूमि 

भारत जैसे कल्याणकारी देश में पेयजल को अक्सर सार्वजनिक माल (पब्लिक गुड्स) की श्रेणी में गिना जाता है, और जल आपूर्ति योजनाओं के बल पर चलाई जाने वाली सरकारी नीतियों को बाज़ार की किसी भी नाकामयाबी से निपटने के अमोघ अस्त्र के रूप में देखा जाता है। इसके अलावा 73वें संविधान संशोधन ने पेयजल को संविधान की 11वीं अनुसूची में डाल कर उसके प्रबंधन की ज़िम्मेदारी ग

सभी के लिए शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने की लागत और लाभ
भागीरथी के उद्गम की खोज में
यह यात्रा वृत्तात्मक लेख महान वैज्ञानिक और भारत में आधुनिक विज्ञान के जनक जगदीश चंद्र बोस ने सन् 1895 में लिखा था जिसे उनकी पुस्तक 'अव्यक्त' में शामिल किया गया था। इस समय जगदीश चंद्र बोस अपने जीवन के संक्रमण काल से गुजर रहे थे। अब तक उनके माता-पिता की मृत्यु हो चुकी थी और जगदीश चंद्र बोस की पारिवारिक जिम्मेदारियां भी कम हो गई थीं। इसी बीच वह गंगोत्री की यात्रा करने गए थे। वहाँ से लौटकर उन्होंने यह लेख लिखा था। इसी समय उन्होंने अपनी शोधयात्रा शुरू की थी जिसके बाद उन्होंने वैज्ञानिक शोध में महानता की ऊंचाइयों की प्राप्त किया था। Posted on 13 Sep, 2023 12:04 PM

गंगा हमारे रिहायशी घर के पीछे से बहती है। बचपन से ही मैंने उसके साथ एक मजबूत रिश्ता बनाया था। साल के एक खास समय में नदी आवेश में आ जाती और दूसरे समय में सूख भी जाती मैं उसे ज्वार और भाटे दोनों की स्थिति में रोज देखता था। नदी मेरे लिए किसी जीव की तरह थी जो हमेशा परिवर्तनशील रहती। शाम के समय में उसके किनारे पूरे मन से बैठता था। नदी की लहरें किनारों को तोड़ती रहती थीं। और बहते हुए मधुर गीत गुनगुना

भागीरथी  के उद्गम की खोज में
ध्रुवीय समुद्र और उनकी जैवविविधता
दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र, जिसे अंटार्कटिका कहा जाता है, में अंटार्कटिका महाद्वीप और उसके आस-पास का दक्षिणी महासागर शामिल है। अंटार्कटिका महाद्वीप पर भी दुनिया के किसी एक देश का अधिकार नहीं है। बल्कि यहाँ दुनिया के विभिन्न देश मिल-जुलकर केवल वैज्ञानिक अनुसंधान करते हैं। Posted on 12 Sep, 2023 04:29 PM

पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव के आस-पास के क्षेत्र 'ध्रुवीय क्षेत्र' कहलाते हैं। उत्तर ध्रुवीय क्षेत्र, जिसे 'आर्कटिक' कहा जाता है, जिसमें पृथ्वी का उत्तरी ध्रुव, ध्रुव के आस-पास का उत्तरी ध्रुवीय महासागर और इससे जुड़े आठ आर्कटिक देश कनाडा, ग्रीनलैंड, रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका ( अलास्का), आइसलैंड, नार्वे, स्वीडन और फिनलैंड के भूखंड शामिल हैं। अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत वर्तमान में

ध्रुवीय समुद्र और उनकी जैवविविधता
हरियाली गुरु का हरित अभियान
प्रदूषण मुक्त भारत की सफलता में योगदान देने के लिए साइकिल से चलते हुए उन्होंने उस जमीन पर दौड़ लगाई है, जो बंजर है, उदास है, जहाँ पेड़ ही नहीं है। हरियाली गुरु पिछले 10 वर्षों में कई हजार पौधे अपनी साइकिल में लादकर लगा चुके हैं। Posted on 12 Sep, 2023 02:30 PM

हरियाली गुरु का हरित अभियान
कामायनी महाकाव्य में जलवायु परिवर्तन
पृथ्वी की जलवायु कालांतर से ही परिवर्तनशील रही है। भौमिकीय काल-क्रम के विभिन्न विधियों में हुए जलवायु परिवर्तन नाटकीय तो थे ही, साथ ही इन्होंने पृथ्वी के प्राणियों तथा वनस्पतियों के उद्भव, विकास तथा विनाश के इतिहास को भी निरंतर प्रभावित किया है। इसके अतिरिक्त विभिन्न भूगतिकी प्रक्रियाएँ भी जलवायु परिवर्तनों द्वारा नियंत्रित होती रही हैं। पृथ्वी पर मानव के अस्तित्व से जुड़े इन जलवायु परिवर्तनों के संबंध में विगत कुछ वर्षों से उल्लेखनीय कार्य हुए हैं। Posted on 12 Sep, 2023 02:07 PM

भूमंडल के मौसम और जलवायु के प्रति मानव हमेशा से जिज्ञासु रहा है। यह केवल मानव ही नहीं, वरन् पृथ्वी के विभिन्न प्रकार के प्राणियों और वनस्पतियों के अस्तित्व से भी जुड़ा रहा है। यह सत्य है कि जिज्ञासा विज्ञान की जननी है। प्रश्न से ही उत्तर मिलता है और उत्तर तक पहुँचने के लिए कई चरणों से होकर गुजरना पड़ता है। जब प्रश्न का उत्तर मिल जाता है तो जिज्ञासा शांत हो जाती है, परंतु हमेशा नई-नई जिज्ञासाएँ

कामायनी महाकाव्य में जलवायु परिवर्तन
पर्यावरण जागरूकता विकसित करने में सोशल मीडिया की भूमिका
बारिश के मौसम में ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के घरों में सांपो का घुस आना एक बेहद सामान्य सी बात है लेकिन यही सामान्य सी लगने वाली बात लाखों लोगों को हमेशा भयग्रस्त बनाये रखती है और हजारों लोगों के लिए जानलेवा साबित होती है। सांप ही धरती ग्रह पर एकमात्र ऐसा प्राणी है जिससे इंसान सबसे ज्यादा डरता है जो कि सहज और स्वाभाविक है। सांपो का नाम मात्र सुनने से ही कई लोगों की रूह कांप जाती है जिसका कारण भी बिल्कुल स्पष्ट है Posted on 12 Sep, 2023 12:34 PM

पर्यावरण जागरूकता की दिशा में आज भारत सहित दुनियाभर की अनेकों सरकारी तथा गैर-सरकारी संस्थाएँ प्रयास कर रहीं हैं। लोगों में पर्यावरण के प्रति जन-जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए आज इंटरनेट तथा सोशल मीडिया भी एक महत्वपूर्ण जरिया साबित हुआ है। व्यापक पैमाने पर जीव-जंतुओं का दस्तावेज रखने वाली आईयूसीएन (IUCN) जैसी तमाम वेबसाइटों पर लोग आसानी से दुनिया के दुर्लभ जीव जंतुओं के बारे में जानकारी हासिल कर

पर्यावरण जागरूकता विकसित करने में सोशल मीडिया की भूमिका,Pc-Wikipedia
आक्रामक स्लग : भारतीय कृषि एवं स्थानीय प्रजातियों के लिए खतरा(Invasive slugs: a threat to Indian agriculture and local species)
पिछले कुछ वर्षों से बारिश के मौसम में आपने अपने आस-पास के परिवेश में नमीयुक्त स्थानों, गीली मिट्टी, बाग-बगीचों और नर्सरी में अक्सर एक जोंक की तरह दिखाई देने वाला एक जीव अवश्य देखा होगा। जमीन पर चलते हुए ये जीव अपने पीछे-पीछे चिपचिपा द्रव पदार्थ भी छोड़ता जाता है अतः लोग और भी हैरत में पड़ जाते हैं। Posted on 12 Sep, 2023 12:28 PM

हमारे आस-पास के पर्यावरण में बहुत सारे ऐसे जीव-जंतु पाये जाते हैं जिनके बारे में अभी ज्यादातर लोग अनजान है। हम ऐसे जीवों को अक्सर आस-पास के वातावरण में देखते तो हैं लेकिन हमें ये नहीं पता होता कि आखिर इनकी पहचान क्या है? क्या ये कोई आक्रामक प्रजाति है? हमारे पर्यावरण एवं कृषि हेतु ये हानिकारक हैं अथवा लाभदायक?

आक्रामक स्लग
ग्रेवॉटर प्रबंधन के लिए कार्य योजना
ग्रेवॉटर का तात्पर्य घरेल अपशिष्ट जल से है जो बिना मल संदूषण के घरों या घरेलू गतिविधियों से उत्पन्न होता है। इसमें रसोई से निकलने वाला गंदा पानी, नहाने और कपड़े धोने से निकलने वाला गंदला पानी शामिल है लेकिन इसमें शौचालयों का गंदला पानी या मल का पानी शामिल नहीं है। Posted on 11 Sep, 2023 03:24 PM

विडंबना यह है कि पानी, इस ग्रह पर सबसे प्रचुर संसाधन, सबसे अधिक मांग वाला भी है !

ग्रेवॉटर प्रबंधन के लिए कार्य योजना
जनजातीय गाँव में पेयजल आपूर्ति
आज सभी 32 परिवारों को उनके घर, स्कूल, आंगनबाडी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और पंचायत भवन में प्रतिदिन 55 एलपीसीडी स्वच्छ नल का पानी मिल रहा है। फील्ड टेस्ट किट (एफटीके) का उपयोग करके स्रोत और जल वितरण बिंदुओं पर पानी की गुणवत्ता का बार- बार परीक्षण करने के लिए एक पांच सदस्यीय महिला उप-समिति का गठन किया गया है Posted on 11 Sep, 2023 03:16 PM

जल जीवन मिशन के तहत आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू जिले के एक सुदूर जनजातीय गांव पंतलचिंटा में जलापूर्ति उपलब्ध कराई गई है। गांव में 136 आबादी वाले 32 परिवार हैं, जहां एक घर को छोड़कर अन्य सभी परिवार जनजातीय हैं जो आजीविका के लिए पोडु की खेती पर निर्भर हैं (भारत में जनजातियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली खेती की एक पारंपरिक प्रणाली, जिसके तहत फसलों के लिए भूमि तैयार करने के लिए हर साल जंग

जनजातीय गाँव में पेयजल आपूर्ति,Pc-जल-जीवन संवाद
साहिबज़ादा अजित सिंह नगर : उपयोग-शुल्क संग्रहण के लिए टेक्नोलॉजी
राज्य में ग्रामीण उपभोक्ता अपने पंजीकृत मोबाइल नंबरों पर एसएमएस के माध्यम से अपने जलापूर्ति बिल प्राप्त करने और एक सुरक्षित लिंक के माध्यम से भुगतान करने के विकल्प की सुविधा का लाभ उठा रहे हैं। इस पहल के पीछे प्रेरक शक्ति बिल भुगतान प्रक्रिया को उपभोक्ता के दरवाजे पर सुलभ बनाना था- ताकि वे परंपरागत विधियों में लगने वाले समय और प्रयास से बच सकें। इस प्रणाली के तहत, ईडीसी मशीनों का उपयोग बिल बनाने, नकद में या यूपीआई, डेबिट या क्रेडिट कार्ड के डिजिटल मोड के माध्यम से भुगतान एकत्र करने और भुगतान रसीदें तैयार करने के लिए भी किया जाता है। Posted on 11 Sep, 2023 02:48 PM

जल बिल निर्माण और संग्रह में संचालन और रिकॉर्ड रखने को आसान बनाने के लिए, पंजाब में जल आपूर्ति और स्वच्छता विभाग (डीडब्ल्यूएसएस) ने एसएएस नगर, पंजाब में 157 गांवों के लिए एक ऑनलाइन बिलिंग और भुगतान प्रणाली शुरू की है। इससे राज्य में जल बिल संग्रह प्रणाली का व्यवस्थित रूप से कायाकल्प होने की उम्मीद है, जिससे यह सरल, प्रभावी, तेज और सुरक्षित हो जाएगी।

स्मार्ट पीओएस मशीनों का उपयोग,Pc-जल-जीवन संवाद
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