उत्तराखंड

Term Path Alias

/regions/uttarakhand-1

पहाड़ों को क्या पता था, होगा विकास से विनाश
Posted on 04 Aug, 2012 12:14 PM

रामगढ़ की जिस उफनती-शोर करती नदी और घाटी की हरियाली ने मुझे इसी जून महीने के आरंभ में लगभग पचीस वर्ष पहले मुग्ध

कमजोर मानसून ने बढ़ाई सरकार की चिंता
Posted on 01 Aug, 2012 05:00 PM

उत्तराखंड में कमजोर मानसून के चलते सूखे की ओर इशारा कर रहा है। राज्य सरकार ने जिलों से फसलों का ब्यौरा मांगा है।

सिर्फ फसल नहीं, कृषि संस्कृति है बारहनाजा
Posted on 23 Jul, 2012 09:47 AM

जिस तरह प्रकृति में विविधता है उसी तरह फसलों में भी दिखाई देती है। कहीं गरम, कहीं ठंडा, कहीं कम गरम और ज्यादा ठं

vijay jardhari
देवभूमि में उड़ी लोकतांत्रिक मर्यादाओं की धज्जियां
Posted on 12 Jul, 2012 01:04 PM

एक तरफ कांग्रेस का एक मंत्री धारी देवी को डुबाने वाली परियोजना को चालू करने की मांग करे और दूसरी तरफ प्रधानमंत्र

Ganga river Uttarakhand
देहरादून का पानी
Posted on 11 Jul, 2012 04:15 PM उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में पानी की समस्या इन दिनों काफी बढ़ गई है। वहां के पानी में क्लोरिन तथा फीकल कॉलीफार्म की मात्रा बहुत ज्यादा पाई गई है जिससे वहां के लोगों में बाल सफेद होना, बालों व त्वचा में खुश्की, आंखों में जलन पेट में गैस व अल्सर की बीमारियां पैदा हो रही हैं। इसके बाद भी आम पब्लिक को पानी के लिए लंबी कतार में खड़ा रहना पड़ता है। एक खास वर्ग को कार धोने, बगीचे सींचने, होटल, हॉ
मैदान में बदलता भीमताल
Posted on 05 Jul, 2012 11:08 AM

पहाड़ में फ्लैट्स और कॉटेज संस्कृति का सूत्रपात करीब दो दशक पहले भीमताल की इसी हसीन वादी से हुआ। पहाड़ की शुद्ध

bhimtal lake
अपने उद्गम पर बेदम शिप्रा नदी
Posted on 28 Jun, 2012 08:44 AM मानव समाज विकास के अंधी दौड़ में इतना पागल हो गया है कि अपने जीवनदायिनी नदियों को खत्म करता जा रहा है। जो नदियां कभी मानव समाज तथा जंगलों को अपने जल से सिंचती थीं आज अपने अस्तित्व को बचाने में लगी हैं। इसी तरह हल्द्वानी में बरसाती नदी शिप्रा अपने उद्गम स्थल श्यामखेत में ही आबादी वाले इलाके के रूप में बदल चुकी है। इन छोटे-छोटे बरसाती नदियों के वजह से ही बड़ी नदियों में हमेशा पानी रहता है। लोगों
गंगा और विज्ञान
Posted on 27 Jun, 2012 10:30 AM गंगा को बचाने के लिए उसके हिमनदों, सहायक नदियों और जलागम क्षेत्र का वैज्ञानिक प्रबंधन बहुत जरूरी है। एक वैज्ञानिक जल प्रबंधन के लिए जरूरी है कि प्राकृतिक संसाधनों की प्रबंधन में वैज्ञानिक प्रबंधन की शुरूआत करें। गंगा के लिए वैज्ञानिक प्रबंधन के जरूरत को दर्शा रहे हैं धीरेंद्र शर्मा।
जलते पहाड़
Posted on 27 Jun, 2012 09:50 AM उत्तराखंड के पहाड़ों में फिर आग लगी है। रानीखेत, कौसानी, बागेश्वर में इस समय ठंडी बयार की जगह धुआं और बदबुदार हवा नसीब हो रही है। देखने में यह आया है कि जंगलो की आग का क्षेत्रफल बढ़ा है और बारम्बारता बढ़ी है। सरकारी उदासीनता और वन माफियाओं ने जंगल की आग को और भयावह बना दिया है, बता रहे हैं गोविंद सिंह।
जलते पहाड़
बांधों की खूनी चाहत
Posted on 26 Jun, 2012 12:01 PM बांधों से अब तक 4 करोड़ से ज्यादा लोगों को विस्थापित होना पड़ा है। आजाद भारत का पहला बांध ‘भाखड़ा नांगल डैम’ के भी विस्थापित आज तक ठौर ठिकाना नहीं ढूंढ पायें। बांधों के डूब क्षेत्र में हजारों गांव डूब चुके हैं। फिर भी हमें बड़े बांध चाहिए। बांधों की इस हवस की व्याख्या कर रहे हैं महीपाल सिंह नेगी।
×