उत्तराखंड

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हरियाली का अग्रदूत
Posted on 01 Apr, 2013 11:46 AM दामोदर राठौर के काम की सबसे बड़ी खूबी यह है कि उन्होंने अपने अभिया
पानी के लिए नौलों को सुरक्षित रहना ही होगा
Posted on 01 Apr, 2013 10:01 AM पिथौरागढ़ नगर के निकट जाखपुरान और थरकोट क्षेत्र में ऐतिहासिक नौलों
शहर में कैद एक बीमार झील
Posted on 30 Mar, 2013 01:50 PM शहर में अवशिष्ट निस्तारण के लिए बने पुराने कायदों पर चलने की यहां के लोगों को फिर से आदत डालनी होगी। इ
बड़ी संभावनाएं हैं हिमालय की परंपरा में
Posted on 30 Mar, 2013 12:35 PM औपनिवेशिक काल में अंग्रेजी प्रशासकों ने तराई-भाबर क्षेत्र में सि
‘अंतरराष्ट्रीय बड़े बाँध विरोध दिवस’ पर विष्णुगाड-पीपलकोटी बाँध का विरोध
Posted on 16 Mar, 2013 11:22 AM राज्य के बांधों में, सुरंगे पहाड़ों को 1500 कि.मी.
गंगा-अविरलता चिंतन यात्रा
Posted on 15 Mar, 2013 11:58 AM यात्रा :- 05-08 अप्रैल 2013
स्थान :- हरिद्वार से बद्रीनाथ (उत्तराखंड)
(यात्रा में शामिल होने के लिए आयोजकों से सहमति ले लें।)


सदैव ही माँ गंगा एक नदी से कहीं बढ़कर इस भारतवर्ष की पहचान, इसकी संस्कृति एवं सभ्यता का प्रवाह रही है। इसी राष्ट्रीय नदी गंगा की अविरलता, आज गंगा भक्तों व प्रेमियों में प्राथमिक रूप से चिंता व संघर्ष का विषय बनी हुई है। इस हेतु चिंता एवं विरोध के विभिन्न स्वरों से अवगत राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण एवं इसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री इस विषय की गंभीरता को स्वीकारने के बाद भी अब तक व्यवहारिक धरातल पर संवेदनहीन व उपेक्षित रवैया अपनाकर अपने आश्वासनों का सरेआम उल्लंघन कर रहे हैं। परिणामस्वरूप आने वाली 13 मई 2013 को श्रीनगर क्षेत्र की स्थानीय संस्कृति एवं आस्था का प्रतीक माँ धारी देवी सिद्ध पीठ को अलकनंदा पर बनाए जा रहे श्रीनगर बाँध परियोजना की बलि चढाए जाने की तैयारी हो चुकी है। ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में गंगा की अविरलता हेतु सरकारों, प्राधिकरण व संसद में रख चुके अपने वैचारिक एवं सैद्धांतिक स्वर को व्यावहारिक भूमि पर भी तेजी से उठाने हेतु आवश्यकता आन पड़ी है।
नदियों के पानी की लूट-खसोट से उत्तराखंड में गुस्सा है
Posted on 14 Mar, 2013 11:28 AM

पिछले विधानसभा चुनाव के बाद मार्च 2012 में विजय बहुगुणा के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद एक नई बात

टिहरी बांध प्रभावितों की नई सम्पशार्विक नीति पुराने अनुभवों के आधार पर बने
Posted on 13 Mar, 2013 10:50 AM वास्तव में जरुरत तो टिहरी बांध परियोजना जिसमें कोटेश्वर बांध भी आत
एक पहेली मानसून
Posted on 07 Feb, 2013 02:43 PM भारत में मानसून समय पर हो, यह यहां पर खेती व्यापार सबके लिए जरूरी है। भारत के मौसम विभाग के ऊपर सालाना तीन सौ करोड़ रुपये खर्च किये जाते हैं और आये दिन उनके किये जाने वाले मौसम के अनुमान गलत साबित होते हैं। हालांकि मौसम विभाग का काम ‘मौसम प्रभावित होने वाली कृषि और सिंचाई जैसी गतिविधियों के लिए मौसम संबंधी पूर्वानुमान तथा जानकारी मुहैया कराना’ है। पर देखा ये गया है कि उनके पूर्वानुमान और भविष्य
विष्णुगाड़-पीपलकोटी बांध को अभी द्वितीय चरण की वन स्वीकृति नहीं है।
Posted on 05 Feb, 2013 04:09 PM राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के 14 नवंबर 2011 के आदेश में पर्यावरण एंव वन मंत्रालय को निर्देश दिया गया था कि वो विभिन्न बांध परियोजनाओं में भौतिक, जैविक और सामाजिक दृष्टि से एक-दूसरे पर पड़ने वाले असरों पर एक उचित समिति बनाये जिसके निणर्य व सिफारिशें निश्चित समय पर आये ताकि लाभ-लागत का अनुपात निकालने में पर्यावरण एंव वन मंत्रालय को अंतिम निर्णय लेने के समय अनचाही पर्यावरणीय एवं पारिस्थितिकीय खतरे को दूर किया जा सके।उत्तराखंड में अलकनंदा गंगा पर प्रस्तावित विष्णुगाड़-पीपलकोटी बांध परियोजना पर अभी रोक जारी है। 25 जनवरी को सर्वोच्च न्यायालय के हवाले से जारी अंग्रेजी के एक अखबार में भ्रामक खबर आई और उसके बाद विश्वबैंक व अन्य सरकारी परियोजनाओं से जुड़ी देहरादून स्थित एक एनजीओ वक्तव्य जारी किया गया जिसे कई अन्य अखबारों ने छाना है। हम बताना चाहेंगे की इस तरह से फैलाई गई बातें भ्रामक, तथ्यहीन, आधारहीन है।
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