नैनीताल समाचार
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वनवासियों को उजाड़कर नहीं बचेंगे वन
Posted on 07 Aug, 2015 04:10 PMआजादी के बाद तो ऐसे वनों का क्षेत्रफल सरकार तेजी से बढ़ाती गई। ऐसे वन क्षेत्र वनों को बचाने के
हिमालय ने युद्ध छेड़ दिया है
Posted on 03 Aug, 2015 11:07 AMतवाघाट क्षेत्र के लोगों को छोटी-मोटी सहायता पहुँचाकर मरहम पट्टी कर देना उस वास्तविकता को भुला द
कैसा होगा वह पर्वतीय राज्य
Posted on 02 Aug, 2015 11:45 AMहिन्दुस्तान की सम्पदा ने कभी फिरंगियों को आकर्षित किया था, यहाँ कीपृथक उत्तराखण्ड का आधार
Posted on 02 Aug, 2015 11:28 AMकश्मीर तथा हिमाचल अपने हैंडीक्राफ्ट के कारण प्रसिद्धि पा रहे हैं, जदेहरादून का पानी
Posted on 11 Jul, 2012 04:15 PMउत्तराखंड की राजधानी देहरादून में पानी की समस्या इन दिनों काफी बढ़ गई है। वहां के पानी में क्लोरिन तथा फीकल कॉलीफार्म की मात्रा बहुत ज्यादा पाई गई है जिससे वहां के लोगों में बाल सफेद होना, बालों व त्वचा में खुश्की, आंखों में जलन पेट में गैस व अल्सर की बीमारियां पैदा हो रही हैं। इसके बाद भी आम पब्लिक को पानी के लिए लंबी कतार में खड़ा रहना पड़ता है। एक खास वर्ग को कार धोने, बगीचे सींचने, होटल, हॉमंडलसेरा के वृक्ष प्रेमी मलड़ा समाज के लिए बने मॉडल
Posted on 07 Feb, 2012 04:56 PMप्रस्तुति :- घनश्याम विद्रोही
फलेंडा जल विद्युत परियोजना : उच्च न्यायालय ने अपनाया सख्त रुख
Posted on 07 Feb, 2012 04:06 PMटिहरी गढ़वाल में भिलंगना नदी पर आंध्रप्रदेश की स्वास्ति कंपनी द्वारा बनाई जा रही 22.5 मेगावाट की जल विद्युत परियोजना को लेकर उत्तराखंड उच्च न्यायालय में चल रहे मामले में न्यायालय ने अब अपना रुख कड़ा कर लिया है। प्रदेश सरकार और केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ना-नुकुर को देखते हुए अब न्यायमूर्ति तरुण अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति यू.सी.ये खेल तो जोशीमठ को तबाह कर देंगे
Posted on 27 Dec, 2009 09:21 AMजोशीमठ के ऊपर 10,000 फीट ऊँचे ऑली में जो 200 करोड़ रुपए से अधिक का काम दक्षिण एशिया के शीत खेलों के लिये केन्द्र तथा उत्तराखंड सरकार ने किया था, उसका काफी कुछ भाग इस साल की पहली ही वर्षा में बह कर जोशीमठ शहर तथा उसके आसपास के गाँवों में आ गया। ये खेल पिछले शीत काल में होने थे, किंतु तब तक तैयारियाँ न होने के कारण इन्हें दिसंबर 2009 तक के लिये आगे बढ़ा दिया गया। काम2010 ‘नदियों को मुक्त करो वर्ष’ होगा
Posted on 25 Dec, 2009 02:34 PMओम प्रकाश भट्टदेश भर के गांधीवादी व पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने नदियों के प्रवाह को उनके प्राकृतिक परिवेश में बनाये रखने का संकल्प लिया। नदियों की पवित्रता तथा पावनता को बनाये रखने व नदियों से पलने वाले लोगों के जीवन को बचाने के लिए पूरे देष में संघर्ष की रणनीति बनायी। यह तय किया गया कि वर्ष 2010 को ‘नदियों को मुक्त करो वर्ष’ के रूप में मनाया जायेगा।