Posted on 15 Feb, 2012 11:08 AMभारत विश्व का उन अग्रणी देशों में से है जहां गत 40 वर्षों में सिंचाई विकास में भारी प्रगति हुई है। जहां वर्ष 1950-51 में देश की कुल क्षमता मात्र 22.60 मिलियन हेक्टेयर थी, वह वर्ष 1991-92 में बढ़कर 81.28 मिलियन हेक्टेयर हो गयी है जिसमें से 30.98 मिलियन हेक्टेयर वृहद एवं मध्यम सिंचाई योजनाओं से 11.57 मिलियन हेक्टेयर लघु सतही योजनाओं से एवं 38.73 मिलियन हेक्टेयर भू-जल लघु योजनाओं से हुई। सिंचाई विकास
Posted on 10 Feb, 2012 09:46 AMदेहरादून (ब्यूरो)। प्रमूख पर्यावरणविद् प्रोफेसर जीडी अग्रवाल (स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद) ने गंगा को अविरल प्रवाहित होने देने व इसे राष्ट्रीय प्रतीक अधिनियम के तहत राष्ट्रीय प्रतीक के बतौर राष्ट्रीय नदी का पूर्ण सम्मान दिलाने की मांग को लेकर अपनी नए किस्म की तपस्या शुरू कर दी है। प्रो. जीडी अग्रवाल आज हरिद्वार के मातृसदन में तपस्या में बैठ गए। इसके तहत उन्होंने घोषणा की कि वे इस मांग के पूर्ण न होने तक एक माह तक नींबू पानी व शहद लेकर तपस्या जारी रहेगी।
Posted on 07 Feb, 2012 04:34 PMबंजर भूमि में बहार बिखेर कर सोर घाटी पिथौरागढ़ को हरा भरा बनाने के संकल्प के साथ पिछले 28 सालों से निरंतर पर्यावरण संरक्षण अभियान में जुटे हुए हैं ललित मोहन कापड़ी। विज्ञान स्नातक 45 वर्षीय इस शख्स ने आज से 28 साल पहले जो मुहिम शुरू की थी वह अब रंग लाने लगी है। एकला चलो से शुरू हुआ उनका अभियान अब जन अभियान में तब्दील हो रहा है। नगर के विभिन्न आयु वर्ग व विचारधारा के लोग अब उनके द्वारा शुरू वृक्षार
Posted on 07 Feb, 2012 04:06 PMटिहरी गढ़वाल में भिलंगना नदी पर आंध्रप्रदेश की स्वास्ति कंपनी द्वारा बनाई जा रही 22.5 मेगावाट की जल विद्युत परियोजना को लेकर उत्तराखंड उच्च न्यायालय में चल रहे मामले में न्यायालय ने अब अपना रुख कड़ा कर लिया है। प्रदेश सरकार और केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ना-नुकुर को देखते हुए अब न्यायमूर्ति तरुण अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति यू.सी.
Posted on 07 Feb, 2012 03:32 PMटिहरी बाँध विस्थापितों के अधिकारों के लिये सक्रिय ‘माटू जन संगठन’ और नागेन्द्र जगूड़ी, जगदीश रावत तथा रणवीर सिंह राणा आदि सामाजिक कार्यकर्ताओं ने टिहरी जिला पंचायत के अध्यक्ष रतन सिंह गुनसोला को एक पत्र लिख कर टिहरी व कोटेश्वर बाँध की झील में पर्यटन के लिये लाइसेंस स्थानीय निवासियों को देने की माँग की है। दैनिक अखबारों में पर्यटन विकास के नाम पर दिये गये विज्ञापन के संदर्भ में लिखे गये पत्र में आश
Posted on 07 Feb, 2012 01:37 PMमूलतः जैविक प्रदेश उत्तराखंड का कृषि विभाग किसानों को रासायनिक उर्वरक मुफ्त में बाँट रहा है। बगैर किसी सार्वजनिक चर्चा या सूचना के यह प्रसाद ‘पोषक सुरक्षा हेतु तदन्य मोटा अनाज विकास पहल’ के अंतर्गत चुपचाप बाँटा जा रहा है। किसानों को प्रदर्शन के तौर पर डी.ए.पी., यूरिया, जिंक जैसे रासायनिक उर्वरकों के मिनीकिट मुफ्त दिए जा रहे हैं। 2011-2012 के लिए पूरे उत्तराखण्ड में मंडुवा के रु. 3 लाख (प्रति हे.
Posted on 07 Feb, 2012 12:13 PMस्वराज और सुशासन के मुद्दे पर वाहवाही लूट रही खंडूड़ी सरकार खनन के मामले में एक वरिष्ठ मंत्री का नाम सामने आने से बैकफुट पर है। कैबिनेट मंत्री दिवाकर भट्ट का नाम सामने आने के बाद जब विपक्षी दलों और सामाजिक संगठनों ने गंगा में खनन के विरोध पर चल रहे मातृ सदन के आंदोलन का समर्थन शुरू किया तो सरकार को गंगा में खनन रोकना पड़ा। अब सरकार ने गंगा को हुए नुकसान के आंकलन के लिए केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय
Posted on 01 Feb, 2012 02:04 PMखनन, भूस्खलन एवं नदी कटाव द्वारा हिमालय के संवेदनशील क्षेत्र में अत्यधिक भूक्षरण एवं पर्यावरण क्षति हुई है, केंद्रीय भूमि एवं जल संरक्षण संस्थान देहरादून ने अपनी प्रयोगात्मक परियोजनाओं द्वारा इन भूमियों के पुर्नस्थापन हेतु जलागम प्रबंध तकनीकी पर आधारित भू एवं जल संरक्षण उपायों का विकास किया है। जिससे न केवल मलबे व भूक्षरण को रोका गया बल्कि घास, चारा लकड़ी व रेशा प्रदान करने वाले वृक्षों व घासों से