प्रवीन कुमार भट्ट

प्रवीन कुमार भट्ट
कोका कोला के विरोध को अन्ना का समर्थन
Posted on 21 May, 2013 01:15 PM
सरकार द्वारा कोकाकोला प्लांट लगाने के मनमाने फैसले को बिना देरी किए वापस लेना चाहिए। उत्तराखंड राज्य के जल, जंगल और ज़मीन ही यहां की जनता की पूँजी है और सरकार खुले हाथों से इस पूँजी को लुटा रही है। ऐसे में तो सबकुछ जनता के हाथ से निकल जाएगा। उत्तराखंड के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हिमालय नीति, जल नीति सहित अनेक मसौदे राज्य सरकार को सौंपे हैं लेकिन उन पर सरकार ने कभी कोई पहल नहीं की। सुरेश भाई ने टीम अन्ना को छरबा गांव के लोगों के संघर्ष और सरकार द्वारा लुटाए जा रहे जंगल की उनके लिए उपयोगिता भी समझाई। देहरादून के छरबा गांव में कोकाकोला प्लांट स्थापित किए जाने के खिलाफ चल रहा संघर्ष एक और कदम आगे बढ़ गया है। 14 मई को आंदोलन को समर्थन देने छरबा गांव में पहुंचे समाजसेवी अन्ना हजारे ने ग्रामीणों के आंदोलन को हरसंभव सहयोग का भरोसा दिलाया। जनतंत्र यात्रा के दूसरे चरण के पहले दिन छरबा गांव पहुंचे अन्ना ने कहा कि लोकतंत्र का मौजूदा मॉडल फेल हो गया है। बकौल अन्ना गांधी जी ने देश की आज़ादी के समय तक ही कांग्रेस का समर्थन किया था। गांधी चाहते थे कि आज़ादी के बाद देश में दलविहीन जनतंत्र की स्थापना की जाए। अगर ऐसा होता तो देश में दलीय राजनीति और संसद के बजाय जनसंसद की भूमिका अधिक होती। आज राजनीतिक दल देश में विकास के जिस मॉडल को बढ़ावा दे रहे हैं वह भी देश की बहुसंख्यक जनता के लिए विनाश का माध्यम बन रहा है।
कोका कोला प्लांट के नाम पर उजड़ जायेगा छरबा गांव
Posted on 29 Apr, 2013 04:02 PM
छरबा गांव में लगने वाले कोकाकोला प्लांट को यमुना नदी का पानी दिया जाएगा। जबकि यमुना में पानी की पहले ही कमी है और उत्तर प्रदेश व हरियाणा राज्यों के दो दर्जन से अधिक जिले यमुना के पानी पर ही पेयजल और खेती के लिए निर्भर हैं। बैराज से बिजली उत्पादन भी कोकाकोला को पानी दिए जाने के बाद घट जाएगा। एक अनुमान के लिए कोकाकोला प्लांट को प्रतिदिन 2 लाख लीटर पानी की आवश्यकता होगी। कंपनी यमुना से पानी लेने के साथ ही ट्यूबवेल लगाकर भी पानी भूगर्भीय जल खींचेगी और गांव में पानी का जलस्तर घट जाएगा जिसका सीधा मतलब है कि गांव में खेती, पशुपालन और पानी के स्रोत चौपट हो जाएंगे। उत्तराखंड सरकार ने 17 अप्रैल को हिंदुस्तान कोकाकोला बेवरेजेज प्राइवेट लिमिटेड के साथ इस बात का समझौता किया कि कंपनी को राजधानी देहरादून के निकट छरबा गांव में 368 बीघा ज़मीन 19 लाख रुपए प्रति बीघा के हिसाब से कोकाकोला प्लांट स्थापित करने के लिए दी जाएगी। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा की मौजूदगी में हुए समझौते में सिडकुल के प्रबंध निदेशक राकेश शर्मा और कोकाकोला की ओर से एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर शुक्ला वासन ने हस्ताक्षर किए। सरकार ने इस समझौते को इतना महत्वपूर्ण समझा है कि फाइल पर हस्ताक्षर के बाद कोकाकोला के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट पैट्रिक जॉर्ज और मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने एक दूसरे को फाइल हस्तांतरित की। सरकार का दावा है कि छरबा में कोकाकोला प्लांट लगने से राज्य में 600 करोड़ का निवेश होगा और 1000 लोगों को रोज़गार मिलेगा। लेकिन विदेशी कंपनी से करार और रोज़गार के दावों के बीच सरकार ने उन ग्रामीणों को इस प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बनाया जिनसे ग्राम समाज की ज़मीन लेकर यह ताना-बाना बुना जा रहा है।
अब देवसारी प्रोजेक्ट से गुस्सा
Posted on 30 Mar, 2012 12:45 PM

‘माँटू’ जनसंगठन और ‘भूस्वामी संघर्ष समिति’ का सवाल यह है कि जिस परियोजना की जनसुनवाई तीन साल में पूरी नहीं हो पा

गंगा में खनन पर सरकार झुकी
Posted on 07 Feb, 2012 12:13 PM
स्वराज और सुशासन के मुद्दे पर वाहवाही लूट रही खंडूड़ी सरकार खनन के मामले में एक वरिष्ठ मंत्री का नाम सामने आने से बैकफुट पर है। कैबिनेट मंत्री दिवाकर भट्ट का नाम सामने आने के बाद जब विपक्षी दलों और सामाजिक संगठनों ने गंगा में खनन के विरोध पर चल रहे मातृ सदन के आंदोलन का समर्थन शुरू किया तो सरकार को गंगा में खनन रोकना पड़ा। अब सरकार ने गंगा को हुए नुकसान के आंकलन के लिए केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय
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