कृषि उद्यमिता, नेचुरल फार्मिंग, जल प्रबंधन का सशक्त मॉडल
विश्व युवक केंद्र के मुख्य कार्यकारी अधिकारी उदय शंकर सिंह द्वारा सभी लोगों के स्वागत के साथ की गई। पहले सत्र में अतिथियों ने महाराष्ट्र के वर्धा जिले में बजाज फाउंडेशन द्वारा की गई पहल के चलते किसानों की आय में बढ़ोतरी और जल प्रबंधन के मॉडल की सराहना की। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे वर्धा के विधायक पंकज भोयर ने कहा कि देश में अगर खेती के क्षेत्र में परिवर्तन देखना हो तो महाराष्ट्र के वर्धा जिले के किसानों के खेतों में आएं
कृषि उद्यमिता, नेचुरल फार्मिंग, जल प्रबंधन का सशक्त मॉडल
तो डूब जाएगा जकार्ता
मौसम में बदलाव हो रहा है। वैश्विक तापमान में बढ़ोतरी हो रही है। इस के कारण ग्लेशियर पिघलते जा रहे हैं, जिन का पानी जा कर समुद्र में मिल रहा है। इस से समुद्र का जलस्तर बढ़ रहा है। अगर इसी रफ्तार से यह सब चलता रहा तो दुनिया के नक्शे से कई शहर मिट जाएंगे
तो डूब जाएगा जकार्ता
उत्तरकाशी की लोहारीनाग पाला जलविद्युत परियोजना रद्द
प्रोफेसर जीडी अग्रवाल (स्वामी सानंद) के गंगा आंदोलन का उद्देश्य गंगा नदी को बांधने से बचाना और उसकी अविरल प्रवाह सुनिश्चित करना था। इस आंदोलन को संतों, विभिन्न सामाजिक संगठनों और पर्यावरणविदों ने लंबे समय से नदी की रक्षा के लिए शुरू किया था। इसी तरह, पर्यावरणविद प्रोफेसर जी.डी. अग्रवाल ने हरिद्वार के मातृ सदन में भागीरथी नदी पर बन रही लोहारीनाग पाला जलविद्युत परियोजना के विरोध में अनशन किया था। इस आंदोलन को ऐतिहासिक सफलता मिली, जब केंद्र सरकार ने गोमुख से 50 किलोमीटर दूर लोहारीनाग पाला जलविद्युत परियोजना को रद्द करने का फैसला लिया था।
उत्तरकाशी की लोहारीनाग पाला जलविद्युत परियोजना रद्द,PC-Wikipedia
चिपको आन्दोलन के पचास साल : एक थीं गौरा देवी (भाग 2)
गौरा देवी चिपको आन्दोलन की सर्वाधिक सुपरिचित महिला रहीं। इस पर भी उनकी पारिवारिक या गाँव की दिक्कतें घटी नहीं। चिपको को महिलाओं का आन्दोलन बताया गया पर यह केवल महिलाओं का कितना था ? अपनी ही संपदा से वंचित लोगों ने अपना प्राकृतिक अधिकार पाने के लिए चिपको आन्दोलन शुरू किया था।
अस्कोट-आराकोट अभियान 1984,फोटो साभार:-शेखर पाठक
चिपको आन्दोलन के पचास साल : एक थीं गौरा देवी (भाग 1)
अगली सुबह रैणी के पुरुष ही नहीं, गोविन्द सिंह रावत, चंडी प्रसाद भट्ट और हयात सिंह भी आ गये। रैणी की महिलाओं का मायका बच गया और प्रतिरोध की सौम्यता और गरिमा भी बनी रही। 27 मार्च 1974 को रैणी में सभा हुई, फिर 31 मार्च को इस बीच बारी-बारी से जंगल की निगरानी की गई।
गौरा देवी अस्कोट अभियन 84 के दौरान अपने घर में,फोटो साभार- शेखर पाठक
ई-मोबिलिटी क्षेत्र में करियर (E-Mobility Jobs In Hindi)
 विकसित हो रहे मोबिलिटी क्षेत्र में कुशल लोगों की कमी को देखते हुए कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय के अधीन कार्यरत ईएसएससीआई विभिन्न ट्रेनिंग पार्टनर्स के जरिये युवाओं को प्रशिक्षित कर इंडस्ट्री के लिए तैयार कर रहा है। विभिन्न इंडस्ट्री पार्टनर्स के साथ मिलकर ई-मोबिलिटी सेक्टर के लिए करिकुलम डिजाइन किए गए हैं..
ई-मोबिलिटी क्षेत्र में करियर
भूकंप इंजीनियरिंग से बनाएं अपना सुनहरा कल(Earthquake Engineering Jobs in Hindi)
भूकंप वैज्ञानिकों का काम भूकंपीय घटनाओं की उत्पत्ति, प्रकार और माप को जानने का होता है ताकि उनका उपयोग विभिन्न संस्थाओं द्वारा किया जा सके। भूकंप विज्ञान और भूकंप इंजीनियरिंग परस्पर सम्बद्ध क्षेत्र हैं, जिनमें भूकंप वैज्ञानिकों के अलावा कंप्यूटर, भौतिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार और सिविल और संरचना इंजीनियरिंग में पेशेवर तकनीकी कर्मी भी होते हैं। भूकंपों के प्रभावों से सुरक्षा प्रदान करने के मुद्दे पर काम करने वाले लोगों में से एक हैं भूकंप इंजीनियर, जिनका काम है कि वे नए इमारतों का निर्माण करते समय भूकंप प्रतिरोधी सुविधाओं का होना सुनिश्चित करें। उनका काम दो पहलुओं से सम्बन्धित है
भूकंप इंजीनियरिंग से बनाएं अपना सुनहरा कल
जलवायु परिवर्तन और खाद्य सुरक्षा का सवाल
विकासशील देशों को समुचित अनुकूलन प्रणाली विकसित कर जलवायु परिवर्तन के प्रति अपनी कृषि की प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करने की नीतियां एवं योजनाएं बनानी प्रांरभ कर देनी चाहिए। मुक्त वैश्विक अर्थव्यवस्था एवं बाजार के विस्तार के कारण महत्त्वपूर्ण प्राकृतिक कृषि संसाधनों; जल, भूमि, मृदा, वन एवं जैव विविधता का ह्रास तथा तीव्र अवनयन हुआ है। फलस्वरूप विगत तीन दशकों में कृषि उत्पादकता में भारी गिरावट आयी है।
जलवायु परिवर्तन : संकट में कृषि, संकट में जीवन,Pc-सर्वोदय जगत
पहाड़ विध्वंस और गंगाविलास
आज उत्तराखण्ड और केन्द्र, दोनों जगह भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। भाजपा आज भी खुद को हिंदू संस्कृति का पोषक बताते नहीं थकती है। आज कोई हिंदू संगठन नहीं कह रहा है कि जोशीमठ का धारी देवी मन्दिर हो या गंगा; आस्थावानों के लिए दोनों तीर्थ हैं। गंगा स्नान, संयम, शुद्धि और मुक्ति का पथ है। गंगा विलास काम, भोग और धनलिप्सा का यात्री बनाने आया है। गंगा हमारी पूज्या हैं। हम पहाड़ों के विध्वंस और गंगा पर भोग-विलास की इजाज़त नहीं दे सकते। यह हमारी आस्था के साथ कुठाराघात है।
गंगाविलास क्रूज,Pc-सर्वोदय जगत
ग्लोबल वार्मिंग ने पैदा किया जीवन पर संकट
मानव जीवन का अस्तित्व प्रकृति के संतुलन पर आधारित है. विकास की अंधी दौड़ में मानव समाज प्रकृति को व्यापक तौर पर क्षतिग्रस्त कर चुका है. वर्तमान वस्तुस्थिति यह है कि अपनी ऐतिहासिक गलतियों को सुधारने के लिए हमारे पास ज्यादा वक्त नहीं है. भौतिक विकास के जिस आयाम तक हम अपनी प्रकृति को खींच लाये हैं, वहां से मानव जाति का अस्तित्व अंधकारपूर्ण दिख रहा है.
ग्लोबल वार्मिंग ने पैदा किया जीवन पर संकट
Factors affecting the adoption of IoT in the agri-food domain
IoT in the agri-food supply chain helps measure and monitor sustainability indicators like crop productivity, fertiliser usage, and water efficiency
Agriculture IoT with rice field background (Image: Rawpixel)
विष्णुगाड पीपलकोटी पनबिजली परियोजना से प्रभावित हाट गांव और वर्ल्ड बैंक
ग्रामीणजनों को विश्वबैंक से न्याय की उम्मीद है। हाट गांव के ग्रामीणों का कहना है कि परियोजना के कारण हाट गांव में स्थित पुरातन लक्ष्मी नारायण मंदिर बर्बाद हो जाएगा, जो कि एक ‘फिजिकल कल्चरल रिसोर्स’ है, और जिसपर ग्रामीणों की आजीविका टिकी हुई है।
विष्णुगाड पीपलकोटी पनबिजली परियोजना, Pc-IWP
भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में स्थापित शहर
पहाड़ पर बहुत सारे शहर ऐसे स्थानों पर हैं जहां जमीन खिसक सकती है और बड़ी दुर्घटनाएं हो सकती हैं। ये शहर नदियों के भी करीब हैं, जिससे भूस्खलन की समस्या और भी बदतर हो सकती है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि अधिक लोग इन खतरनाक क्षेत्रों में रहने न आएं।
नदियों के किनारे बसे लोग
नौले-धारों और नदियों को 'सारा' से मिलेगा नया जीवन
वर्षा जल संरक्षण के लिए राज्य में सभी नौले, धारे और नदियों का मानचित्र बनाकर मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। नदियों की शुरुआत से अंत तक के पानी को संग्रहित करने के उपायों में हजारों चेकडैम और जल संरक्षण के पौधे शामिल होंगे
नौले-धारे और नदियाँ
जलवायु परिवर्तन, गांधी और वैश्विक परिदृश्य
लालच, उपभोग और शोषण पर अंकुश होना चाहिए। विघटनरहित और टिकाऊ विकास का केंद्र बिंदु समाज की मौलिक जरूरतों को पूरा करना होना चाहिए। ऐसा सतत विकास के लिए गांधी जी के विचारों को पुन: समझना और लागू करना ही होगा।
जलवायु परिवर्तन, गांधी और वैश्विक परिदृश्य
सुन्दरलाल बहुगुणा हिमालय-सा व्यक्तित्व था उनका
हिमालय में सक्रिय रहीं गांधीजी की शिष्या सरला बहन (जो अपने को विश्व नागरिक मानती थीं) की शिष्या विमला बहन के सुंदरलाल बहुगुणा के जीवन में आने के बाद इनके सोच- विचार और जीवन शैली में और भी प्रखरता आयी। विमला बहन ने जिस निष्ठा, भावना, समर्पण से जीवन भर साथ निभाया और उनका ध्यान रखा, ऐसे कम ही उदाहरण मिलते हैं। बहुगुणा जी के काम में विमला बहन का विशेष योगदान रहा
सुन्दरलाल बहुगुणा,Pc-IwpFlicker
जोशीमठ त्रासदी के लिए कौन हैं ज़िम्मेदार
जोशीमठ का भू-धंसाव हाल की सबसे बड़ी पर्यावरणीय दुर्घटनाओं में से एक है। भूगर्भ वैज्ञानिकों और पर्यावरण विशेषज्ञों की चेतावनियों को दरकिनार करके जोशीमठ को एक आधुनिक शहर बनाने की होड़ लगी हुई है। बीते कुछ वर्षों में यहाँ होटल्स, माल्स और सड़कों के अलावा अब चार लेन वाली चर्चित ऑल वेदर रोड का विकास हो रहा है, यह सब विशेषज्ञों की राय को कूड़ेदान में फेंक कर केवल अपनी जिद और सनक को पूरा करने के लिए किया जा रहा है, इसी सनक ने इस त्रासदी को आमंत्रित ही किया है।
पहाड़ और जोशीमठ शहर की संरचना,Pc-सर्वोदय जगत 
दुनिया में फैशन का ब्रांड बन रही है खादी
दुनिया में सबसे टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल कपड़ा होने के कारण दुनिया में खादी की मांग बढ़ती जा रही है। खादी डेनिम दुनिया में एकमात्र दस्तकारी डेनिम फैब्रिक है, जिसने देश और विदेश में व्यापक लोकप्रियता हासिल की है। कपड़े की बेहतर गुणवत्ता, आराम, जैविक और पर्यावरण के अनुकूल गुणों के कारण प्रमुख फैशन ब्रांडों में खादी डेनिम के प्रति आकर्षण बढ़ा रहा है।
दुनिया में फैशन का ब्रांड बन रही है खादी
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