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वन्यजीव
संकट में है उत्तराखंड के वन्य प्राणियों का अस्तित्व
Posted on 14 Aug, 2012 09:58 AMविशेषज्ञ मानते हैं कि तस्करों द्वारा गुलदार के अवैध शिकार के साथ ही जंगलों में लगने वाली आग, विकास के नाम पर हो
उत्तराखंड जंगल की आग : कई सवाल कई आरोप
Posted on 04 Aug, 2012 02:57 PMउत्तराखंड के जंगलों में आग कुदरत की बजाय इंसानी हरकतें ज्यादा है। पिछले दस सालों में हर साल औसतन तीन हजार हेक्टेयर वन जले हैं। उत्तराखंड में जंगलों का बदस्तूर जलना कई तरह के संकटों को निमंत्रण देना है। जंगलों के जलने से उपजाऊ मिट्टी का कटाव तेजी से होता है। साथ ही जल संभरण का काम भी प्रभावित होता है। वन विभाग के मनमानेपन ने आम लोगों को उनके हक हकूकों से दूर करके इस संकट को और बढ़ा लिया है। वनागभक्षक बने रक्षक
Posted on 03 Aug, 2012 11:19 AMएक समय था, जब कहा जा रहा था कि मनास से बाघों का अस्तित्व समाप्त हो गया है। उग्रवादियों की सांठगांठ से शिकारी बिन
बिन पत्ती सब सून
Posted on 11 Jul, 2012 12:36 PMपेड़-पौधों पर पत्तियां केवल इसलिए नहीं लगतीं कि हम उनसे बंदनवार सजा लें या हरी पत्तेदार सब्जियां प्राप्त करें। प
आफत में परिंदों का जीवन
Posted on 04 Jun, 2012 11:49 AMप्रकृति की सबसे खूबसूरत सौगात पर्यावरण का जिस प्रकार हमने अपनी जरूरतों की खातिर क्रूरता से दोहन किया है। उससे उत्पन्न हो रहे खतरों की फेहरिस्त बड़ी लंबी हो गई है। पर्यावरण पर इंसानी क्रूर प्रहार और दोहन की वजह से परिंदों का बसेरा भी अब छिन गया है। पक्षियों की कई खूबसूरत प्रजातियां अब नजर नहीं आती और पर्यावरण के दोहन से हमने उनके विलुप्त होने की बुनियाद रख दी है। जाहिर सी बात है शहरीकरण और कटतेअब आजादी ढोते टांगिया
Posted on 27 Apr, 2012 11:31 AMआज से कोई 90 बरस पहले वन क्षेत्रों में काम करवाने के लिए अंग्रेजों ने कुछ लोगों को गांव से उखाड़ कर वनों के बीच
अब नहीं लौटेंगे सारस
Posted on 11 Apr, 2012 02:05 PMप्राकृतिक भोजन और पानी की कमी के कारण यहां आने वाले हर प्रकार के पक्षियों की तादाद में भारी कमी आई है। अब यहां आ
वन घायल हैं, डरी सी नदियाँ
Posted on 03 Apr, 2012 03:10 PMयदि हम चाहते हैं कि हमारी कुदरत-कायनात में जिन्दगानी बनी रहे तो हमें उगाना होगा हरा भरा जंगल अपने अंदर। एक जीवंत
असहाय हुआ राष्ट्रीय पक्षी
Posted on 24 Feb, 2012 04:09 PMयह कहना गलत नहीं होगा कि अगर फसलों में इसी प्रकार अंधाधुंध तरीके से कीटनाशकों का इस्तेमाल किया जाता रहा तो यह रा
खतरे में टाइगर टूरिज्म
Posted on 21 Feb, 2012 04:32 PMबिहार के टाइगर प्रोजेक्ट से इनके पलायन की एक और महत्वपूर्ण वजह यह भी है कि उन जीवों की भी संख्या घटी है जिन पर ब