वन्यजीव

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November 13, 2019 News this week
A cyclonic storm that hit India in 2016. (Source: IWP Flickr photos)
October 18, 2019 A study using remote sensing techniques assesses significant changes in land use in Loktak lake.
A home on Loktak lake in Moirang, Manipur (Image: Sharada Prasad CS, Wikipedia Commons)
October 11, 2019 Mumbai’s citizens came out in droves to save trees from being felled in Aarey to make way for the metro. Collective action is crucial to save the green lungs of India's rapidly urbanising cities.
Aarey, the green lungs of Mumbai (Image Source: Wikimedia Commons)
September 30, 2019 The recently concluded 4 day conference in Bangalore looked at the current state of global water resource challenges & future pathways to achieve the SDGs, while ensuring equity in access to all.
Charles Vorosmarty, Chair, COMPASS Initiative, Water Future at the opening plenary on advanced water system assessments to address water security challenges of the 21st century.
September 24, 2019 Policy matters this week
Despite the ban, manual scavenging continues. (Image courtesy: The Hindu)
अब पछताये होत क्या
Posted on 11 May, 2017 01:09 PM
भारत गाँवों का देश है; बात गाँवों से ही शुरू होती है। आज से कुछ दशकों पूर्व तक हमारे गाँव बाग-बगीचों, कुओं, तालाबों, आहरों, पोखरों से भरे पड़े थे। मुझे अपने बचपन की बातें याद हैं प्रत्येक किसान का एक बगीचा अवश्य होता था, उसमें इनारा, पोखरा होते थे जोकि गर्मी के दिनों में बगीचा के पटवन एवं पशु-पक्षियों को पीने के तालाब का काम देते थे तथा गाँव आच्छादित थे। आज उन जगहों पर बड़े-बड़े भवन खड
उत्तराखण्ड के जंगलों में लगने वाली आग प्रशासन के लिये बनी चुनौती
Posted on 25 Apr, 2017 10:00 AM
देहरादून, 19 अप्रैल। उत्तराखण्ड में जंगलों में लगने वाली आग की समस्या से सूबे के वन विभाग को निजात नहीं मिल पा रही है। पिछले दो-तीन सालों से वन विभाग को सूबे के जंगलों में आग की विभीषिका से दो-चार होना पड़ रहा है। हर साल उत्तराखण्ड में 2 हजार दो सौ हेक्टेयर वन क्षेत्र आग की लपटों में सुलगता है। पिछले साल उत्तराखण्ड के जंगलों में भीषण आग फैलने से जहाँ विशालकाय पेड़ और कई जड़ी बूटियाँ जलकर खाक
लूटने के नए बहाने
Posted on 18 Apr, 2017 12:55 PM

हैरानी वाली बात तो यह है कि उत्तराखण्ड के जंगलों की सबसे ज्यादा चिन्ता अमेरिका, जर्मनी, फ

उजड़ने की कीमत पर विकास
Posted on 18 Apr, 2017 09:34 AM

आज मध्य प्रदेश में उमा भारती ने इस त्रासदी से अपना पल्लू यह कहकर झाड़ लिया कि कुछ नहीं हो

वनवासियों की व्यथा
Posted on 17 Apr, 2017 01:14 PM

सरकार की ‘उजाड़’ की नीति को इस क्षेत्र के लिये पिछले साठ सालों में किये गए विकास के आईने

खतरे में हैं प्रवासी पक्षी
Posted on 12 Feb, 2017 11:36 AM
शायद ही दुनिया का कोई आबाद कोना हो, जहाँ किसी न किसी तरह के पंछी न होते हों। यहाँ तक कि बर्फीला साइबेरिया भी पंछियों का साक्षी है। ये पंछी समय, काल और परिस्थिति के अनुसार खुद को ढाल लेते हैं। अपना जीवन बचाने के लिये ये अपने मूल स्थान से हजारों किलोमीटर दूर जाने से भी परहेज नहीं करते। ऐसी लम्बी यात्राएँ ये करते कैसे हैं, यह आज भी एक रहस्य है।
भारतीय वन सेवा (Indian Forest Service)
Posted on 30 Dec, 2016 12:19 PM
भारतीय प्रशासनिक सेवा और भारतीय पुलिस सेवा के साथ भारतीय वन सेवा (आई.एफ.एस.) तीन अखिल भारतीय सेवाओं में एक है। भारतीय वन सेवा ‘अखिल भारतीय सेवा अधिनियम 1951’ के अंतर्गत 1966 में अस्तित्व में आई। हालाँकि, यह 1865-1935 में ब्रटिश राज के दौरान अस्तित्व में रही एक सुसंगठित भारतीय वन सेवा का केवल एक पुनरुद्धार था। इस सेवा का मुख्य उद्देश्य वनों का वैज्ञानिक प्रबंधन था जिसका लाभ प्रधानतः का
भीमताल के सौंदर्य पर कंक्रीट के जंगलों का ग्रहण
Posted on 22 Dec, 2016 12:31 PM
भीमताल/भवाली। उत्तराखण्ड के सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक एवं आर्थिक विकास में जनपद नैनीताल के भीमताल क्षेत्र का महत्त्व बड़ा ही अद्वितीय रहा है। महाबली भीमसेन की यह नगरी सनातन काल से श्रद्धा व आस्था का पावन संगम रही है। नागवंशियों में महाप्रतापी नाग करकोटक नाग की तपोभूमि भीमताल का पुरातन स्वरूप आधुनिकता की आपाधापी में गुम होती जा रही है। अनुपम सुषमा को धारण किए भीमताल के सौंदर्य को भी दिन प्
ड्रैकुला आर्किड्स : फूल या बंदर
Posted on 10 Dec, 2016 03:05 PM
साधारण तौर पर जब भी हमें खतरनाक चीज दिखाई देती है तो हम उसे ड्रैकुला का नाम दे देते हैं। लेकिन जरा सोचिए कि अगर कोई फूल हो और उसे ड्रैकुला कहा जाये तो कैसा लगेगा। सामान्यत: हम फूल को कोमल और लुभावना समझते हैं। परंतु, वास्तव में ये एक प्रकार के फूल हैं जिन्हें ड्रैकुला कहा जाता है, और जब इन फूलों की शक्ल बंदर जैसी हो तो इन्हें ‘मंकी फ्लावर’ कहा जाता है। फूलों को लेकर हर व्यक्ति की अपनी-अपनी प
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