डॉ. सुनील कुमार अग्रवाल

डॉ. सुनील कुमार अग्रवाल
जल न्यास और प्यास
Posted on 09 Aug, 2015 11:18 AM
पानी हर जीव की प्यास बुझाता है। पानी स्वयं दानी हैं। दानी-पानी का दान तो महादान होता है। पानी प्रकृति को सरसाता है। प्रकृति के नैसर्गिक विलायक के अधिष्ठाता विनायक हैं इसीलिए सर्वे मंगलकारी एवं विघ्नहारी होता है जलदान। जल ही तो है हमारा जीवन प्राण। ऐसा नहीं कि केवल सजीव ही जल के प्यासे होते हैं। जल तत्व अन्य प्राकृतिक उपादानों में भी निहित रहता है। प्रकृति की
वन घायल हैं, डरी सी नदियाँ
Posted on 03 Apr, 2012 03:10 PM

यदि हम चाहते हैं कि हमारी कुदरत-कायनात में जिन्दगानी बनी रहे तो हमें उगाना होगा हरा भरा जंगल अपने अंदर। एक जीवंत

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