राघवेन्द्र नारायण मिश्र

राघवेन्द्र नारायण मिश्र
बगीचों को लीलता विकास बचाने की शुरू हुई मुहिम
Posted on 03 Aug, 2012 11:44 AM

बिहार में आम उत्पादन का क्षेत्रफल लगातार घट रहा है। एक दशक में उत्पादन क्षेत्रफल में 4 फीसदी की गिरावट आई है। अब

बिहार में होगी ‘इंद्रधनुषी क्रांती’
Posted on 23 Mar, 2012 11:25 AM

फलों के रिकॉर्ड उत्पादन के बाद पूरे देश की नजर बिहार पर टिक गई है। लीची उत्पादन में बिहार को देश में पहला स्थान

खतरे में टाइगर टूरिज्म
Posted on 21 Feb, 2012 04:32 PM

बिहार के टाइगर प्रोजेक्ट से इनके पलायन की एक और महत्वपूर्ण वजह यह भी है कि उन जीवों की भी संख्या घटी है जिन पर ब

पत्थरों पर खिलाए फूल
Posted on 06 Feb, 2012 11:50 AM

सहरसा के पटुआहा में बैंक की नौकरी छोड़कर वरुण सिंह ने डेयरी उद्योग लगाया है तथा वर्मी कम्पोस्ट का व्यावसायिक उत्पादन भी शुरू किया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें भी प्रोत्साहित किया। पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ गांवों की आर्थिक हालत में बेहतरी के लिए वैसे पेड़ लगाने का माहौल बनाया जा रहा है जो कम समय में बड़े होकर किसानों को अधिक पैसे देते हैं। मधेपुरा के सिंहेश्वर में निदान बायोटेक के संचालक सुधीर कुमार सिंह द्वारा आस्ट्रेलियन टीक के उत्पादन का प्रयोग मुख्यमंत्री को इतना पसंद आया कि उन्होंने अपने आवास पर भी लगाने का निर्देश दिए। यह पौधा पांच साल में लाखों रुपए देता है।

हौसला बुलंद हो तो बाधाओं के पहाड़ भी भरभरा कर गिर जाते हैं। दृढ़इच्छा शक्ति से नामुमकिन काम भी आसान हो जाता है, पसीना पत्थरों को पिघलाने में सफल होता है और तब खिलते हैं पत्थरों पर सुगंधित फूल। पहाड़- पुरुष के नाम से विख्यात गया के दशरथ मांझी ने गेहलौर पहाड़ी काटकर रास्ता बनाया था। बिहार ने उनके नाम पर दशरथ मांझी कौशल योजना चलाकर उनके इस जज्बे को सम्मान दिया।
धरती उगले सोना
Posted on 19 Dec, 2011 10:45 AM

बिहार सरकार ने पूरे सूबे में श्री विधि से 10 प्रतिशत धान की खेती का लक्ष्य निर्धारित किया था।

नदियों के किनारे अवैध खनन से बढ़ रहा है प्रदूषण
Posted on 07 Dec, 2011 09:41 AM

खनन माफिया लगातार रेत निकाल रहा है और सोन समेत कई नदियां तबाह हो रही हैं। बिहार सरकार ने पत्थर

हरियाली और रास्ता
Posted on 26 Sep, 2011 11:15 AM

झारखंड के साथ ही बिहार से जंगलों का भी बड़ा हिस्सा अलग हो गया। कमोबेश जंगल विहीन हो गया बिहार। राजद की सरकार को पर्यावरण के इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत नहीं महसूस हुई। अब नीतीश बिहार में हरियाली के माध्यम से खुशहाली की राह निकालना चाहते हैं।

राज्य विभाजन के बाद झारखंड क्षेत्र के अलग हो जाने से वनों का हिस्सा कम हो गया और बिहार की हरियाली घट गई। राज्य में फिलहाल महज छह फीसदी क्षेत्र में जंगल है। प्रदेश के 27 जिले वनविहीन हैं। विकास और पर्यावरण संरक्षण में जंगलों और पेड़ों की खासी अहमियत रही है।
दूध के नाम पर जहर की खरीद-बिक्री
Posted on 19 Sep, 2011 03:44 PM

बिहार में सहकारिता क्षेत्र से तीन लाख 4 हजार दुग्ध उत्पादक परिवार जुड़े हैं। इनमें 14.7 प्रतिश

बाढ़ से 'बरकत'
Posted on 22 Aug, 2011 12:10 PM

बिहार में हर साल कहर बरपाने वाली बाढ़ भले ही आमजन के लिए बुरा सपना हो लेकिन सरकारी महकमों के ब

निर्मल नहीं हो सकी अविरल धारा
Posted on 20 Jun, 2011 12:02 PM
गंगा एक्शन प्लान का फेज वन फेल हो गया और अब फेज दो भी उसी ढर्रे पर चल रहा है। विश्व बैंक से कर्ज लेकर गंगा को मलरहित बनाने की इस कोशिश में भी गंगा आंदोलन से जुड़े लोगों को जोड़ा नहीं गया है। फेज दो में न तो कोई नई योजना है और न ही नई इच्छा शक्ति। गंगा बचाओ अभियान से जुड़े प्रमुख संत स्वामी गुड्डू बाबा कहते हैं कि इस बार भी धरातल से जुड़े लोग गंगा एक्शन प्लान में नजरअंदाज किए गए हैं। विश्व बैंक से 15 ह
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