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पारिस्थितिकी और पर्यावरण
सूरज की किरणों को अब देखा जा सकता है: एक सफलता की कहानी -इनरिम, फाउंडेशन
Posted on 06 Feb, 2024 04:25 PMकेवल इमली के पेड़ के नीचे बैठता है, जो अब 20 साल से उसका अड्डा है। उसकी मुड़ी हुई गर्दन का प्रत्येक कोण अपने आप में एक पूरी कहानी कहता है। वह अभी भी अपने खुद के गाँव में, शिक्षक बनने की दिल में दबी अपनी चाहत के निजी सपने को पालता है, उन बच्चों को लाता है जो इस दुनिया में चमक पैदा कर सकते हैं। लेकिन, उनके जीवन के लिए फ्लोरोसिस की एक अलग योजना थी। फ्लोरोसिस से पैदा होने वाली पीड़ा के लिए केवल की
रोशनी पक्षियों के जीवन में अंधकार लाती है
Posted on 24 Jan, 2024 04:50 PMभारत और दुनिया भर में पक्षियों की प्रजातियां और पक्षियों की संख्या तेज़ी से कम हो रही है। मानव गतिविधि जनित जलवायु परिवर्तन के अलावा, प्रदूषण, कीटनाशकों का उपयोग, सिमटते प्राकृतवास और शिकार इनकी विलुप्ति का कारण है। और अब इस बारे में भी जागरूकता काफी बढ़ रही है कि रात के समय किया जाने वाला कृत्रिम उजाला पक्षियों की कई प्रजातियों का बड़ा हत्यारा है।
सभी लोग पानी-पर्यावरण के लिए कार्य करें
Posted on 23 Jan, 2024 05:08 PMवरिष्ठ लेखक डॉ. खुशालसिंह पुरोहित से आशीष दशोत्तर की बातचीत
वरिष्ठ लेखक, पत्रकार एवं पर्यावरणविद् डॉ. खुशालसिंह पुरोहित पर्यावरण डाइजेस्ट के सम्पादक हैं। आपने मूर्धन्य साहित्यकार डॉ. शिवमंगल सिंह 'सुमन' के निर्देशन में पीएच.डी. की उपाधि के बाद पर्यावरण विषय में नीदरलैण्ड से डी.
हरित हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन
Posted on 23 Jan, 2024 02:51 PMहाइड्रोजन ब्रह्मांड में विपुल मात्रा में पाया जाने वाला हल्का तत्व है। जल का प्रमुख घटक है। इसके दहन से जलवाष्प ही बनता है, अतः प्रदूषण मुक्त है। भविष्य का प्रमुख ईंधन है। तभी तो प्रधानमंत्री की घोषणानुसार राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन की शुरुआत की गई है। मिशन के तहत 50लाख मीट्रिक टन (एमएमटी) स्थापित क्षमता के साथ, भारत 2030 तक 1 लाख करोड़ रुपये के जीवाश्म ईंधन के आयात को कम कर सकता है।
ग्रीन क्रेडिट के क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएं
Posted on 20 Jan, 2024 05:32 PMवर्तमान में विकास का आधार ऊर्जा है। लेकिन ऊर्जा के परंपरागत रूप ग्रीन हाउस गैंसों के उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार हैं। ग्रीन हाउस गैंसों में से एक व कार्बन डाइऑक्साइड पृथ्वी के तापमान में वृद्धि के लिए अहम कारक है। कार्बन उत्सर्जन व इससे उपजे प्रदूषण को कम करने के लिए नई-नई युक्तियां विकसित की जा रही हैं और समाधान तलाशे जा रहे हैं। इसलिए इस क्षेत्र में रोजगार की नई संभावनाएं भी पनप रही हैं। यदि आप
जल प्रबंधन के लिए ग्रामीण श्रमशक्ति और रोजगार पर अध्ययन 'जल कौशल रिपोर्ट' जारी
Posted on 17 Jan, 2024 03:43 PM- जल प्रबंधन के लिए ग्रामीण श्रमशक्ति और रोजगार का एक अध्ययन 'जल कौशल रिपोर्ट' रिपोर्ट जारी
- जल जीवन मिशन (जेजेएम) स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम), अटल भूजल योजना आदि जल आधारित योजनाओं के तहत 4.5 लाख करोड़ के संसाधन निर्माण के लिए प्रबंधन के लिए कुशल-श्रमशक्ति सृजन की जरूरत पर बल
- एक दर्जन से ज्यादा संगठनों ने देश में पानी-प्रबंधन योजनाओं से किए जा रहे रोजगार सृजन की अभूतपूर्व सं
जलवायु वित्त क्या है और इसकी आवश्यकता क्यों है
Posted on 17 Jan, 2024 11:27 AMजलवायु परिवर्तन वार्ताओं में विकसित और विकासशील देशों के बीच विश्वास बनाए रखने के लिए जलवायु वित्त (Climate Finance) महत्वपूर्ण है जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क अभिसमय (UNFCCC) के दुबई में आहूत 'कांफ्रेंस ऑफ पार्टीज' (COP 28) में जलवायु वित्त का एक प्रमुख मुद्दा बनने की उम्मीद की जा रही है. जलवायु वित्त-जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क अभिसमय के अनुसार, जलवायु वित्त
जलवायु विविधता और परिवर्तन
Posted on 15 Jan, 2024 01:50 PMभारत की जलवायु में बहुत विविधता और भिन्नता पाई जाती है जैसे कि- उष्णकटिबंधीय प्रकार से लेकर महासागरीय प्रकार तक, अत्यधिक शीत से लेकर अत्यधिक उष्ण तक, अत्यंत शुष्क से लेकर नगण्य वर्षा तक तथा अत्यधिक आर्द्रता से लेकर मूसलाधार वर्षा तक। इसलिए जलवायु को देश की परिस्थिति को ध्यान में रखकर पंद्रह कृषि क्षेत्रों में विभाजित किया गया है। भारत में तापमान में भी विविधिता दिखाई पड़ती है, जलवायु परिवर्तन क
आज बचा लें अपना कल
Posted on 05 Jan, 2024 01:32 PMवाटर इज क्लाइमेट एंड क्लाइमेट इज वॉटर की बात आज पूरी दुनिया मान रही है। बिना जल के जलवायु की बातचीत संभव ही नहीं है। दुनिया ने पहले तो इन दोनों के रिश्ते को मानने से इंकार किया, किंतु नवंबर-दिसंबर 2015 में पैरिस में दुनियाभर के देश इकट्ठा हुए तो उनकी चिंता इन्हीं दोनों के इर्द-गिर्द घूमती रही। पेरिस समझौते के बाद संयुक्त राष्ट्र ने पूरी दुनिया की सरकारों को पानी और कृषि की जोड़कर जलवायु परिवर्त
पर्यावरण अनुकूल है मिलेट्स
Posted on 05 Jan, 2024 01:30 PMधान और गेहूँ की खेती के लिए भारतीय कृषि परंपरा का एक लंबा इतिहास है। परंतु,आज के पर्यावरणीय और जलवायु संकट के युग में, हमें अधिक टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल कृषि पद्धतियों की ओर रुख करना आवश्यक है। इस संदर्भ में, 'मिलेट्स' यानी छोटे अनाज, एक महत्वपूर्ण विकल्प के रूप में उभर रहे हैं। एक स्वस्थ पर्यावरण दुनिया में सभी जीवित प्राणियों के लिए महत्तवपूर्ण है क्योंकि यह हवा, पानी, भोजन और अन्य आवश्यक ची