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पारिस्थितिकी और पर्यावरण
जानें जल संरक्षण, संवर्धन व जलवायु परिवर्तन का सम्बन्ध
Posted on 16 Nov, 2023 12:33 PMपूरे विश्व में जल संरक्षण व संवर्धन की मूल समस्या का समाधान तभी हो पायेगा जब हम जल के ह्रास व पेय जल की कमी की समस्या की और विस्तृत व सम्पूर्ण पहलूओं को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाएं क्योंकि स्थानीय स्तर पर जल संरक्षण व संवर्धन उतना ही आवश्यक है जितना जलवायु परिवर्तन व ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण ऋतु परिवर्तन से जुड़े मुद्दों को हल करने के प्रयास।
पर्यावरण संरक्षण में लोक भारती का योगदान रामसर साइट में डॉल्फिन संरक्षण अभियान
Posted on 13 Nov, 2023 02:55 PMडॉल्फिन का ऐतिहासिक एवं प्राचीन नाम गांगेय है। आज भी गंगा के प्रति समर्पित अनेक लोग अपने उपनाम में गांगेय शब्द का प्रयोग करते हैं। गांगेय की महत्ता सनातन धर्म में गंगा के साथ-साथ ही चलती है। आधुनिक भारत के इतिहास में इसका वर्णन लिखित रूप से सम्राट अशोक के कार्यकाल से मिलता है जिनके द्वारा बिहार के वर्तमान भागलपुर में विक्रमशिला के पास एक डॉल्फिन अभ्यारण्य का तैयार कराया जाना है। उनके समय में इस
लोक भारती की राष्ट्रीय योजना बैठक सम्पन्न गाय, गंगा एवं प्रकृति संरक्षण पर मंथन
Posted on 13 Nov, 2023 01:48 PMजब लोग भौतिकता की अंधी दौड़ में भाग रहे हैं तब हम लोग जल उत्सव माह मना रहे है एवं इसके अंतर्गत भैंसी नदी, कठिना नदी, सई नदी, रामरेखा नदी, मनोरमा नदी, कुकरेल नदी आदि पर कार्य कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के जनपद लखीमपुर खीरी स्थित वृंदारण्यम फर्म, इँटारोरा ब्लहक के सुरम्य वातावरण में लोक भारती की राष्ट्रीय योजना बैठक दिनांक 4- 5 नवम्बर, 2023 को सम्पन्न हुई जिसमें कई प्रान्तों के प्रमुख प्रतिनिधि गण
नैमिषारण्य में लोक भारती ने निकाली जल यात्रा जलमार्ग के जरिए सिल्क एवं मिल्क रोड विकसित करने की योजना
Posted on 13 Nov, 2023 01:15 PMउत्तरप्रदेश के जनपद सीतापुर स्थित तीथों के तीर्थ नैमिषारण्य की पुण्य स्थली को इसके मूल स्वरूप में विकसित करने के संकल्प के साथ सामाजिक संगठन लोक भारती एक दशक से अधिक समय से समाज के सहयोग से अपनी सामर्थ्य अनुसार अनेक योजनाओं पर कार्यरत है। चाहे नैमिषारण्य में 8 हजार ऋषियों के सम्मान में इतने ही पौधों के रोपण का कार्यक्रम रहा हो, इस पावन क्षेत्र को रासायनिक कृषि से मुक्त कराने का अभियान रहा हो,
10 जनवरी तक यमुना, हिंडन के बाढ़ क्षेत्रों का सीमांकन करें: एनजीटी
Posted on 10 Nov, 2023 01:41 PMएनजीटी ने अनियंत्रित अवैध निर्माण और अतिक्रमण के कारण हिंडन बाढ़ के मैदानों के तेजी से गायब होने का आरोप लगाने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि बाढ़ के मैदानों के सीमांकन की कवायद चल रही है यमुना और हिंडन नदियों के बाढ़ क्षेत्रों के निर्धारण का अभ्यास लंबित है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बांध और नदी के बीच का क्षेत्र बाढ़ क्षेत्र है जिसे पहचाना और निर्धारित किया जाना चाहिए।
गांगेय डाल्फिन के संरक्षण से बढ़ेगा गंगा का आकर्षण व जैव विविधता
Posted on 06 Nov, 2023 01:24 PMउत्तर प्रदेश राज्य का जलीय जीव बनी डाल्फिन
उत्तर प्रदेश में गांगेय डाल्फिन के संरक्षण की कवायद अब तेज हो गई है। इसी कारण चंद रोज पहले सरकार ने इसे राज्य का जलीय जीव घोषित कर दिया। नदी की जैव विविधता को बनाए रखने में इनकी अहम भूमिका होती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस घोषणा से लुप्तप्राय हो रहे इस स्तनधारी जीव (मैमल्स) के सुरक्षा, संरक्षण और संवर्धन पर फोकस ब
नदियों को बाजार की वस्तु बनाने की साजिश
Posted on 04 Nov, 2023 01:57 PMभूमिका :
नदी सिर्फ बहते स्वच्छ जल की धारा नहीं है। यह एक परिपूर्ण जलतंत्र, भूआकृति, पारिस्थितिकी तंत्र और जैव-विविधता संपन्न व्यवस्था होती है। यह न केवल स्वच्छ जल का प्रवाह बनाए रखने में एक अहम भूमिका अदा करती है, बल्कि वृष्टिपात (वर्षा या हिमपात के जरिए), हिम संपदा (जिसमें ग्लेशियर भी शामिल हैं), सतही पानी और भूमिगत जल-भंडारों के बीच एक आवश्यक संतुलन बनाने का
नमामि गंगे को संयुक्त राष्ट्र द्वारा शीर्ष 10 परियोजनाओं में रखने से जल विशेषज्ञ असहमत
Posted on 04 Nov, 2023 01:47 PMसंयुक्त राष्ट्र ने 13 दिसंबर को भारत की राष्ट्रीय नदी गंगा का प्रदूषण साफ़ करने वाली भारत सरकार की नमामि गंगे परियोजना को दुनिया की दस ऐसी अग्रणी पहलों में से एक के रूप में सूचीबद्ध किया है, जो प्रकृति के संरक्षण के काम में लगी हुई हैं।यह मान्यता ऐसे समय में आई है, जब पिछले कुछ वर्षों में किए गए कई अध्ययनों से पता चला है कि गंगा में पानी की गुणवत्ता अभी भी खराब है और इस मुद्दे से निपटने के लिए
चिपको आन्दोलन के पचास साल : एक थीं गौरा देवी (भाग 2)
Posted on 02 Nov, 2023 05:06 PM(पिछले भागों में आपने पढ़ा कि किस प्रकार शेखर पाठक जी अपने साथियों के साथ गौरा देवी से मिले और कैसे हुई चिपको की शुरुआत। आज जानिये चिपको आंदोलन के बाद के परिदृश्य के बारे में।)
चिपको आन्दोलन के पचास साल : एक थीं गौरा देवी (भाग 1)
Posted on 02 Nov, 2023 03:35 PMजनवरी 1974 में जब अस्कोट आराकोट अभियान की रूपरेखा तैयार हुई थी, तो हमारे मन में सबसे ज्यादा कौतूहल चिपको आन्दोलन और उसके कार्यकर्ताओं के बारे में जानने का था। 1973 के मध्य से जब अल्मोड़ा में विश्वविद्यालय स्थापना, पानी के संकट तथा जागेश्वर मूर्ति चोरी सम्बन्धी आन्दोलन चल रहे थे, गोपेश्वर, मंडल और फाटा की दिल्ली-लखनऊ के अखबारों के जरिये पहुँचने वाली खबरें छात्र युवाओं को आन्दोलित करती थीं लेकिन