जल प्रबंधन के लिए ग्रामीण श्रमशक्ति और रोजगार पर अध्ययन 'जल कौशल रिपोर्ट' जारी

जल प्रबंधन के लिए ग्रामीण श्रमशक्ति और रोजगार पर अध्ययन 'जल कौशल रिपोर्ट' जारी
जल प्रबंधन के लिए ग्रामीण श्रमशक्ति और रोजगार पर अध्ययन 'जल कौशल रिपोर्ट' जारी
  • जल प्रबंधन के लिए ग्रामीण श्रमशक्ति और रोजगार का एक अध्ययन 'जल कौशल रिपोर्ट' रिपोर्ट जारी
  • जल जीवन मिशन (जेजेएम) स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम), अटल भूजल योजना आदि जल आधारित योजनाओं के तहत 4.5 लाख करोड़ के संसाधन निर्माण के लिए प्रबंधन के लिए कुशल-श्रमशक्ति सृजन की जरूरत पर बल
  • एक दर्जन से ज्यादा संगठनों ने देश में पानी-प्रबंधन योजनाओं से किए जा रहे रोजगार सृजन की अभूतपूर्व संभावना पर प्रकाश डाला, साथ ही जल के क्षेत्र में कार्यरत श्रमशक्ति को कौशल, संसाधन प्रबंधन की ट्रेनिंग पर जोर

रोजगार, सस्टेनबिलिटी और गरीबी के मुद्दे पर 14वीं लाइवलीहुड इंडिया समिट' का आयोजन हुआ। दिल्ली के ली-मेरिडियन होटल में सम्मेलन का दो दिवसीय आयोजन का आरंभ हुआ। इस आयोजन में यूनाइटेड नेशन के कई संगठनों सहित भारत सरकार के कई मंत्रालयों के साथ ही कई देशों के राजनयिक और स्पेन की राजकुमारी प्रिंसेस क्रिस्टीना और देश के पानी से जुड़े हुए एक दर्जन से ज्यादा संगठन भागीदारी कर रहे हैं।

पानी के लिए काम करने वाला संस्था 'अर्घ्यम' की ओर से कहा गया कि जल जीवन मिशन (जेजेएम) स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम), अटल भूजल योजना आदि जल आधारित योजनाओं के तहत भारत सरकार ने 4.5 लाख करोड़ का संसाधन निर्माण हुआ है, जो कि अभूतपूर्व है, ऐसे में इसके प्रबंधन को लिए कुशल-रोजगार सृजन की जरूरत है। सम्मेलन में रोजगार का मुद्दा और पानी के लिए जो काम किए जा रहे हैं, दोनों मुद्दों को आपस में कैसे जोड़ कर देखा जाए, इस बात पर जोर दिया गया। जल जीवन मिशन के तहत 14.5 करोड़ (72.71 फीसदी) ग्रामीण परिवारों को नल से जल प्रदान करने को बेमिसाल उपलब्धि हासिल कर ली है। चार वर्षों में ग्रामीण नल कनेक्शन कवरेज को आश्चर्यजनक रूप से तीन करोड़ से बढ़ाकर 14 करोड़ कर दिया है। अब जरूरत इस बात की है कि योजना के अंतर्गत स्रोत संरक्षण, ग्रे-वॉटर मैनेजमेंट, जल संरक्षण, वर्षा जल संचय आदि के लिए भी 'नल-जल मित्र' को प्रशिक्षित किया जाए।

जस्टजॉब्स नेटवर्क और अर्घ्यम दवारा 'वाटर-वर्कफोर्स मैपिंग रिपोर्ट जारी किया गया। नल कनेक्शन और प्लंबरिंग के काम से आगे जाकर के ये वॉटर मैनेजमेंट, जल संरक्षण, वर्षा जल संचय आदि के लिए भी 'नल-जल मित्र' को तैयार किया जाए, ताकि स्रोत प्रबंधन से लेकर, भूजल जानकार, रेनवाटर हार्वेस्टिंग कर्मी की तौर पर काम कर सकें, ताकि उनके रोजगार को अहमियत मिल सके। 'जल कौशल रिपोर्ट नौकरियों, कौशल, कार्यों और ग्रामीण जल प्रबंधन के बीच के संबंध का अन्वेषण करती है। सरकार, नागरिक संगठन (सीएसओ) और गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के प्रयासों ने भारत में जल-क्षेत्र के विकास को प्रोत्साहित किया है। यह रिपोर्ट 'ग्रामीण जल प्रबंधन में नौकरियां और कार्य केंद्रीय स्तर की योजनाओं, सीएसओ और एनजीओ की पहलों में ग्रामीण जल प्रबंधन में आवश्यक और उत्पन्न नौकरियों और कार्यों को समझने में गहराई से जाती है। अधिकांश योजनाएं, चाहे वे राज्य और केंद्र सरकारों या सिविल समाज द्वारा शुरू किए गए हों, विकेंद्रीकृत हैं और उन्हें प्रबंधित और लागू करने में समाज की भूमिका पर जोर देते हैं। इसमें जल ढांचे, झीलों-ताल तलैयों और भूजल जैसे स्रोतों और जल-वितरण प्रणालियों की निगरानी भी शामिल है।"

जल प्रबंधन और रोजगार के मुद्दे पर जारी रिपोर्ट में पांच राज्यों कर्नाटक कर्नाटक महाराष्ट्र उड़ीसा मेघालय और बिहार को सम्मिलित किया गया है, और यह संभावना व्यक्त की गई है कि पूरे देश भर में एक व्यापक रिसर्च होना चाहिए की जो पानी सेक्टर में अभूतपूर्व काम हुआ है, उसकी सस्टेनेबिलिटी कैसे सुनिश्चित की जा सके। बेहतर जल प्रबंधन के लिए जल-श्रमशक्ति (Water workforce) को कुशल बनाने से रोजगार और जल सुरक्षा मिल सकती है। जल की सुरक्षा वाले (Water Secured Village) गांवों के लक्ष्य के साथ भारत में जल आपूर्ति और प्रबंधन के लिए कई कार्यक्रम हैं, जिनमें जल जीवन मिशन (जेजेएम) के माध्यम से गांवों में अच्छी गुणवत्ता वाली पाइप जलापूर्ति प्रदान करना, अटल भूजल योजना के माध्यम से भुजल प्रबंधन आदि शामिल हैं। जल-जीवन मिशन के साथ ही अन्य जल-आधारित योजनाओं के लिए ग्राम जल-स्वच्छता समितियों के साथ ही नियमित प्रशिक्षित श्रमशक्ति के सूजन के महत्व को पहचाना जाए। ताकि सृजित जल-संसाधनों की रखरखाव को सस्टेनेबिलिटी मिल सके। जारी की गई प्रारंभिक सर्वे निष्कर्ष राष्ट्रव्यापी विस्तृत शोध के लिए एक रोडमैप प्रदान करती है, जो भारत में ग्रामीण जल संसाधनों के प्रबंधन के लिए आवश्यक नौकरियों, कार्यों और कौशल में अंतर संबंध को दर्शाते हैं।

प्रेस ब्रीफ में बताया गया है कि जल प्रबंधन में स्थानीय श्रमिकों यानी श्रम-शक्ति को कुशल और उन्नत बनाने की तत्काल आवश्यकता है। ताकि देश के जल संबंधी सीमित संसाधनों के प्रबंधन की चुनौतियों का समाधान किया जा सके। इससे भारत को दो संकटों को हल करने में मदद मिल सकती है; पहला संसाधनों के खत्म होने से पानी की बढ़ती असुरक्षा, विशेष रूप से गर्म होती जलवायु के साथ, और दूसरा देश की बड़ी श्रम शक्ति के लिए लाभकारी रोजगार की कमी। जल प्रबंधन का महत्व गरीबी खादय स्रक्षा और लैंगिक समानता से लेकर स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका तक कई विकास की चुनौतियों को हल करने में है। भारत, जो जल संकट की कगार पर है, में प्रभावी जल प्रबंधन बहत आवश्यक है, खासकर उसके ग्रामीण क्षेत्रों में जहां अभी भी बड़ी संख्या में परिवारों को नल से जुड़ने की सुविधा नहीं है।
 

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Post By: Shivendra
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