नवनीत कुमार गुप्ता

नवनीत कुमार गुप्ता
नवनीत कुमार गुप्ता 15 अगस्त, 1982 को राजगढ़ जिले (मध्य प्रदेश) के पचोर कस्बे में जन्में। उन्होंने शासकीय होंलकर विज्ञान महाविद्यालय से विज्ञान में स्नातक उपाधि प्राप्त कर देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इन्दौर से एम.एस.सी. (विज्ञान) संचार की डिग्री प्राप्त की है।

पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा मेदनी पुरस्कार से सम्मानित नवनीत कुमार गुप्ता पत्र-पत्रिकाओं एवं आकाशवाणी के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अलख जगा रहे हैं। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इन्दौर से विज्ञान संचार में एम.एस.सी. करने के बाद से ही विज्ञान संचार को समर्पित संस्था ‘विज्ञान प्रसार’ में कार्य कर रहे हैं। पर्यावरण संरक्षण, जैवविधता संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरुकता संबंधी लेखन कार्यों में सक्रिय रहे हैं।

लेखक ने तीन पुस्तकों के लेखन, ग्यारह पुस्तकों के हिंदी संपादन, करीब बीस रेडियो आलेखों एवं सैकड़ों लेखों के लेखन एवं अनुवाद के माध्यम से हिंदी में विज्ञान साहित्य की सेवा की है और उनकी यह विज्ञान साहित्य यात्रा निरंतर जारी है। Email:-ngupta@vigyanprasar.gov.in

ग्रीन क्रेडिट के क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएं
जानिए कैसे आने वाले समय में ग्रीन क्रेडिट क्षेत्र में रोजगार के असीम अवसर उपलब्ध होंगे और कैसे होगी कमाई और कैसे कार्बन क्रेडिट आपकी फैलाई गंदगी को साफ़ कर पर्यावरण को नियंत्रित करेंगे | Know how there will be immense employment opportunities created in the green credit sector and how carbon credit will control the pollution in the environment
Posted on 20 Jan, 2024 05:32 PM

वर्तमान में विकास का आधार ऊर्जा है। लेकिन ऊर्जा के परंपरागत रूप ग्रीन हाउस गैंसों के उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार हैं। ग्रीन हाउस गैंसों में से एक व कार्बन डाइऑक्साइड पृथ्वी के तापमान में वृद्धि के लिए अहम कारक है। कार्बन उत्सर्जन व इससे उपजे प्रदूषण को कम करने के लिए नई-नई युक्तियां विकसित की जा रही हैं और समाधान तलाशे जा रहे हैं। इसलिए इस क्षेत्र में रोजगार की नई संभावनाएं भी पनप रही हैं। यदि आप

ग्रीन क्रेडिट के क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएं | Employment prospects in the field of green credit
पर्यावरण से सम्बंधित गंभीर समस्याएं एवं चुनौतियाँ (Serious problems and challenges related to environment in Hindi)
प्रकृति के सजृनात्मक एवं ममतामयी रूप के चलते ही जीवन अपने सब रंग रूपों में इस धरती पर बिखरा पड़ा है। लेकिन इसी जीवनदायनी प्रकृति का एक डरावना चेहरा भी है जिसे हम आमतौर पर प्राकृतिक आपदाओं के नाम से जानते है। प्राकृतिक आपदाएं वह शक्तियां है जिनके सामने मानव पूरी तरह बेबस है। भूकंप, ज्वालामुखीय विस्फोट, बाढ़, चक्रवात, सुनामी आदि प्रकृति की ऐसी ही विध्वंसकारी ताकतें हैं जो जीवन के नामोंनिशान को पूरी तरह मिटाने में सक्षम हैं।
Posted on 29 Aug, 2023 05:04 PM

वर्तमान में मानव को प्रदूषण संबंधी अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इन समस्याओं में जलवायु परिवर्तन की भी अहम भूमिका है। मनुष्य को तरह-तरह के संकेतों से प्रकृति समझा रही है कि धरती का तापमान बढ़ रहा है। प्राकृतिक आपदाएं भी प्रकृति के ऐसे ही संकेतों का रूप है जिनके द्वारा हम समझ सकते हैं कि पृथ्वी की जलवायु में परिवर्तन हो रहा है।

झीनी होती ओजोन परत
स्वच्छ ऊर्जा का मुख्य स्रोत क्या हैं (What are the main sources of Clean Energy in Hindi)
भावी पीढ़ियों के लिए इस ग्रह को बेहतर बनाए रखने के लिए हमें प्रकृति के साथ कदम से कदम मिलाकर जलवायु परिवर्तन की समस्या का सामना करना होगा। इसके लिए कार्बन की कम मात्रा उत्सर्जन करने वाले ईंधनों के राष्ट्रीय मानक तय करने के साथ नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करके जीवाश्म ईंधन की खपत में कमी करनी होगी।
Posted on 29 Aug, 2023 02:06 PM

किसी भी कार्य को करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। पृथ्वी पर जीवाश्म ईंधन ऊर्जा के मुख्य स्रोत रहे हैं। इसीलिए काफी मात्रा में जीवाश्म ईंधन का उपयोग होता रहा है। विश्व स्तर पर अत्यधिक मात्रा में ऊर्जा की खपत होने से जीवाश्म ईंधनों का उपयोग बढ़ा है। वर्तमान में वैश्विक स्तर पर ऊर्जा के उत्पादन में जीवाश्म ईंधनों का योगदान 90 प्रतिशत है। जीवाश्म ईंधन के दहन से उत्पन्न कार्बन डाइऑक्साइड व अन्

नवीकरणीय ऊर्जा
प्रदूषण से प्रभावित होती जैव विविधता
जैव विविधता के कारण पृथ्वी जीवन के विविध रंगों को संजोए हुए है। यहां पाए जाने वाली लाखों तरह की वनस्पतियां पृथ्वी के प्राकृतिक सौंदर्य का एक अंग हैं। जहां पृथ्वी की वनस्पतियों में गुलाब जैसे सुंदर फूलदार पौधे, नागफनी जैसे रेगिस्तानी पौधे, सुगंधित चन्दन और वट जैसे विशालकाय वृक्ष शामिल हैं वहीं यहां जीव-जंतुओं की दुनिया भी अद्भुत विविधता लिए हुए है।
Posted on 28 Aug, 2023 05:22 PM

पृथ्वी पर जीवन विविध रूपों में उपस्थित है। यहां सूक्ष्मजीवों से लेकर विशालकाय हाथी एवं व्हेल जैसे जीव विद्यमान है। जीवन की यही विविधता जैव विविधता कहलाती है। जैव विविधता में पृथ्वी पर पाए जाने वाले समस्त जीव-जंतु, वनस्पतियां और सूक्ष्मजीव शामिल हैं। जैव विविधता के कारण पृथ्वी जीवन के विविध रंगों को संजोए हुए है। यहां पाए जाने वाली लाखों तरह की वनस्पतियां पृथ्वी के प्राकृतिक सौंदर्य का एक अंग है

पृथ्वी के प्राकृतिक सौंदर्य
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