पारिस्थितिकी और पर्यावरण

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Featured Articles
April 1, 2024 Decoding the problems and solutions related to stubble burning
Burning of rice residues after harvest, to quickly prepare the land for wheat planting, around Sangrur, Punjab (Image: 2011CIAT/NeilPalmer; CC BY-SA 2.0 DEED)
February 14, 2024 आइये इस ब्लॉग में हम आपको बताएँगे कि क्यों आज बिहार के राजगीर नगर के गर्म कुण्ड का अस्तित्व संकट में है | In this blog know why today the existence of the hot springs of Rajgir city of Bihar is in trouble
गर्म पानी के कुंड
February 5, 2024 Navigating sustainable development in the wake of legal battles and environmental challenges
The heavy rains and landslides in 2023 have highlighted the city's inability to bear the burden of additional population (Image: Vincent Desjardins; CC BY 2.0 DEED)
November 5, 2023 Honeywell’s environmental sustainability index, a quarterly index reveals a growing number of organisations globally are boosting annual sustainability investments by at least 50%, and are optimistic about achieving short- and long-term objectives
Environmental Sustainability Index gauges movement in corporate sentiment and investment on the sustainability front. (Image: Needpix)
October 8, 2023 While the current push for legal personhood for rivers is facing obstacles and is stalled, it holds potential as a viable long-term strategy for the preservation of India's rivers
River quality deteriorates as demand for hydropower to support economic growth continues to expand. (Image: Yogendra Singh Negi, Wikimedia Commons; CC BY-SA 4.0 DEED)
September 15, 2023 शिकागो यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट एयर क्वालिटी लाइफ इंडेक्स-2023 भयावह तस्वीर प्रस्तुत करती है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत दुनिया का दूसरा सर्वाधिक प्रदूषित देश और दिल्ली सर्वाधिक प्रदूषित शहर है। रिपोर्ट के मुताबिक पूरे भारत में एक भी जगह ऐसी नहीं है जो विश्व स्वास्थ्य संगठन के स्वच्छ हवा के मानकों पर खरी उतरती हो ।
वायु प्रदूषण घटा रहा है उम्र
दक्षिण बिहार भौगोलिक संरचना वाला क्षेत्र
जाने दक्षिण बिहार की भौगोलिक संरचना और संक्षिप्त जानकारी


Posted on 02 Apr, 2024 03:14 PM

दक्षिण बिहार की बनावट और चौहद्दी

दक्षिण बिहार मिश्रित भौगोलिक संरचना वाला क्षेत्र है। इसके दक्षिण भाग में झारखंड का पठार है। इनसे निकलने वाली नदियों का अंत दक्षिण बिहार के मैदानों में या गंगा में होता है। गंगा से दक्षिण की ओर अधिकतम 110 कि.मी. के लगभग पहुँचते ही पठारी क्षेत्र आ जाता है। कई स्थानों पर यह दूरी 50 कि.मी. से भी कम है।

दक्षिण बिहार की भौगोलिक संरचना
अध्याय एक आहर-पइन शंका समाधान
जाने आहर-पइन के बारे और इससे जुडी धारणाओं एवं सच्चाई के बारे में
Posted on 02 Apr, 2024 02:11 PM

आहर-पइन पर चर्चा करने के पहले जरूरी है कि इसके बारे में बनी गलत धारणाओं एवं सच्चाई से भी रूबरू हुआ जाय। इसलिये मैं शुरू में ही कुछ ऐसी बातें कर रहा हूँ ताकि अगर मन में कोई दुविधा या शंका हो तो मिट जाये। आदमी के मन में शंका हो तो पहले उसका समाधान करना जरूरी होता है। किसानों के मन में उभरे सवालों एवं शंकाओं का समाधान जरूरी है। तभी महसूस होगा कि यह काम करना सही है और जरूरी भी, और फलाँ बात बेतुकी त

अध्याय एक आहर-पइन शंका समाधान
हिमालय : भारतीय उप महाद्वीप के जल चक्र का नियामक
जानिए हिमालय का महत्व और भारत के लिए इसका महत्व Posted on 01 Apr, 2024 11:30 AM

हिमालय का संबंध केवल भारत से ही नहीं है। इससे निकलने और बहने वाली नदियां केवल भारतीय भूभाग में ही नहीं बहतीं बल्कि एशिया महाद्वीप के कई देशों में बहती हैं।भारतीय उपमहाद्वीप की अति विशिष्ट पारिस्थितिकी की कुंजी हिमालय का भूगोल है लेकिन पिछले दो सौ बरसों में हिमालय के बारे में हमारे अज्ञान का निरंतर विस्तार हुआ है। हिमालय जितना पराया फिरंगियों के लिए था, आज हमारे लिए उससे भी अधिक पराया हो गया है।

गंगा की पवित्रता और नदियों की मृत्यु
जाने गंगा और उसकी सहायक नदियों के अस्तित्व के बारे में Posted on 28 Mar, 2024 11:08 AM

गंगा किसी एक अकेली नदी का नाम नहीं है। गंगा नाम से कई नदियां मिलेंगी। राम गंगा, बाण गंगा तो हैं ही अन्य नदियों को भी लोग गंगा के नाम से पुकारते हैं, जैसे- गया की फल्गु को गंगा कहा जाता है। जब गंगा की पवित्रता की बात हो रही हो तो समझना चाहिए कि इस अर्थ की व्यापकता समस्त पवित्र जल तक जायेगी, जिसका नेतृत्व हिमालय की गंगा करती है।

गंगा की पवित्रता और नदियों की मृत्यु
जल दर्शन एवं विज्ञान
इस ब्लॉग में जानिए आधुनिक जीव विज्ञान (Zoology) के अनुसार भी प्राणी मात्र में 78 प्रतिशत पानी है, उसमें एक प्रतिशत भी घटेगा तो जीवन के लिए संकट खड़ा हो सकता है Posted on 27 Mar, 2024 05:37 PM

पृथ्वी पर रहने वाले प्राणी मात्र में चार हिस्सा जल और शेष पांचवा हिस्सा अन्य सभी तत्त्वों का होता है। आधुनिक जीव विज्ञान (Zoology) के अनुसार भी प्राणी मात्र में 78 प्रतिशत पानी होता है। उसमें एक प्रतिशत भी घटे तो जीवन के लिए संकट खड़ा हो जाता है। पानी चैतन्य का भी प्रतीक है। मनुष्य शरीर के जिन अवयवों में जल नहीं होता, जैसे-लोम, केश, नाखून आदि निर्जीव सामग्री हैं, इन्हें काटने से किसी पीड़ा का अ

जल दर्शन एवं विज्ञान
भारत,दक्षिण एशिया में जल सुरक्षा की स्थिति
जाने भारत,दक्षिण एशिया में जल सुरक्षा की स्थिति के बारे में विस्तार से जाने Posted on 27 Mar, 2024 03:25 PM

जम्बूद्वीप स्थित हिंदुस्तान का एक नाम भारत वर्ष है। भारत वर्ष एक समुचित अर्थपूर्ण मुहावरा है। भारत का अर्थ है- भरत (यानी शकुंतला और दुष्यन्त के पुत्र) से संबंधित, 'वर्ष' बहु अर्थीय शब्द है। वर्ष वर्षा को भी कहते हैं और धरती के भू-भाग को भी कहते हैं। वर्ष उस कालावधि को भी कहते हैं, जिसमें पृथ्वी सूर्य की निर्धारित परिक्रमा को पूरा करती है। भारत वर्ष के मुहावरे में वर्ष के ये तीनों अर्थ समाहित है

भारत,दक्षिण एशिया में जल सुरक्षा की स्थिति
जल ईश्वर का अमूल्य उपहार है
जानिए जल क्या है जल के प्रकार जल की अवस्थाएं के बारे में
Posted on 27 Mar, 2024 12:37 PM

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जल ईश्वर का अमूल्य उपहार है
जो एक सौ बीस दिनों तक उत्तराखण्ड में घूमते रहे
जानिए चिपको आन्दोलन में पदयात्रा निकालने का क्या कारण था Posted on 26 Mar, 2024 03:10 PM

मण्डल और फाटा में चिपको आन्दोलन शुरू हुआ, ती सुन्दर लाल बहुगुणा को लगा कि यह बात पूरे उत्तराखण्ड में फैलानी चाहिए। अतः स्वामी रामतीर्थ के निर्वाण दिवस के अवसर पर उन्होंने उत्तराखण्ड की पदयात्रा शुरू कर दी। स्वामी रामतीर्थ ने दीपावली के अवसर पर टिहरी के समीप सिमलासू के नीचे भिलंगना नदी में जल-समाधि ले ली थी। सुंदर लाल बहुगुणा ने 25 अक्टूबर सन् 1973 को सिमलासू से अपनी पदयात्रा शुरू की। उनकी पदयात

जो एक सौ बीस दिनों तक उत्तराखण्ड में घूमते रहे
जब चिपको आन्दोलन के गर्भपात की नौबत आयी
जानिए क्यों चिपको आन्दोलन महिलाओं के एक बड़ी चुनौती बन गया Posted on 26 Mar, 2024 11:37 AM

जनवरी, 1979 को सुन्दरलाल बहुगुणा ने हिमालय के वनों को संरक्षित वन घोषित करवाने के लिए 24 दिनों का उपवास किया था। लिहाजा उत्तर-प्रदेश सरकार ने फरवरी के अन्तिम सप्ताह में नये शासनादेश जारी कर हरे पेड़ों की कटाई पर पूर्ण पाबंदी लगा दी। सो गाँव वालों को निःशुल्क और पी. डी.

जब चिपको आन्दोलन के गर्भपात की नौबत आयी
हिमालय का नूतन अभिषेक करें
जाने हिमालय जो कभी तपस्या की भूमि थी, अब वह भोग भूमि और सीमा के खतरे की भूमि कैसे बन गई है। Posted on 23 Mar, 2024 05:22 PM

मैं स्वः पं. गोविन्द वल्लभ जी पंत के प्रति, जिनकी स्मृति में इस व्याख्यान का आयोजन किया गया है, अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूँ। हिमालय में जन्म लेकर उन्होंने देश के लिये जो सेवाएँ की हैं, उससे हिमालय का गौरव बढ़ा है। दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों के लोगों में आत्म-विश्वास बढ़ा है।

हिमालय का नूतन अभिषेक करें
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