पारिस्थितिकी और पर्यावरण

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July 10, 2024 Millions of trees are fast disappearing from India's farmlands. What are its implications for agriculture and the environment?
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Green startups: Powering a sustainable future (Image: Needpix)
June 7, 2024 Scientists question effectiveness of nature-based CO2 removal using the ocean
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May 19, 2024 The surprising connection between Wikipedia, beaches, and your water bottle.
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May 11, 2024 Deforestation, expansion of agricultural land, encroachment into forested areas, and unplanned urbanisation alter landscape connectivity, fragment habitats, and increase fire ignition sources.
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May 8, 2024 What is the ecosystem based approach to water management? How can it help in solving the water woes of states in the Deccan Plateau?
An ecosystem based approach to water management (Image Source: India Water Portal)
पानी के बिना संकट में जिंदगानी
जानें भारत के शहर पानी की किल्लत से क्यों जूझ रहे है Posted on 03 Apr, 2024 02:16 PM

अच्छा कमा रहे हैं, करोड़ों की कीमत वाला फ्लैट है। खाते में हर महीने मोटी तनख्वाह आ रही है। घर का बाथरूम ऐसा है कि उसमें महंगे शावर और नल भी लगे हैं, मगर उन लग्जरी बाथरूम के हाल यह है कि नल सूखे पड़े हैं। फ्लश करने के लिए भी मुंबई के चाल की तरह बाल्टी भरकर पानी लाना पड रहा है। इनकम टैक्स के कागजों में मोटा टैक्स दे रहे हैं, लेकिन टैंकर के आगे पानी के लिए हाथ में बाल्टी लिए लाइन लगा रहे हैं। यह द

पानी के बिना संकट में जिंदगानी
सिंचाई की पारंपरिक विधि में तकनीक और कानून की स्थिति
जानिए सिंचाई की पारंपरिक विधि में तकनीक और कानून के बारे में
Posted on 03 Apr, 2024 11:21 AM

परंपरागत सिंचाई की वर्तमान प्रणालियाँ

चर्चा प्रारंभ करने के पूर्व मगध की सीमा एवं परंपरा के अर्थ को समझ लेने से चर्चा को आगे बढ़ाने में सुविधा होती है। परंपरा शब्द का प्रयोग करते ही अतीत से लेकर वर्तमान की कड़ियाँ सामने आने लगती हैं। मगध की सीमा कई बार घटती-बढ़ती रही है। वस्तुतः यह मगध साम्राज्य की सीमा का बढ़ना या घटना हुआ है। सांस्कृतिक दृष्टि से मगध की सीमा

सिंचाई की पारंपरिक विधि में तकनीक और कानून की स्थिति
दक्षिण बिहार भौगोलिक संरचना वाला क्षेत्र
जाने दक्षिण बिहार की भौगोलिक संरचना और संक्षिप्त जानकारी


Posted on 02 Apr, 2024 03:14 PM

दक्षिण बिहार की बनावट और चौहद्दी

दक्षिण बिहार मिश्रित भौगोलिक संरचना वाला क्षेत्र है। इसके दक्षिण भाग में झारखंड का पठार है। इनसे निकलने वाली नदियों का अंत दक्षिण बिहार के मैदानों में या गंगा में होता है। गंगा से दक्षिण की ओर अधिकतम 110 कि.मी. के लगभग पहुँचते ही पठारी क्षेत्र आ जाता है। कई स्थानों पर यह दूरी 50 कि.मी. से भी कम है।

दक्षिण बिहार की भौगोलिक संरचना
अध्याय एक आहर-पइन शंका समाधान
जाने आहर-पइन के बारे और इससे जुडी धारणाओं एवं सच्चाई के बारे में
Posted on 02 Apr, 2024 02:11 PM

आहर-पइन पर चर्चा करने के पहले जरूरी है कि इसके बारे में बनी गलत धारणाओं एवं सच्चाई से भी रूबरू हुआ जाय। इसलिये मैं शुरू में ही कुछ ऐसी बातें कर रहा हूँ ताकि अगर मन में कोई दुविधा या शंका हो तो मिट जाये। आदमी के मन में शंका हो तो पहले उसका समाधान करना जरूरी होता है। किसानों के मन में उभरे सवालों एवं शंकाओं का समाधान जरूरी है। तभी महसूस होगा कि यह काम करना सही है और जरूरी भी, और फलाँ बात बेतुकी त

अध्याय एक आहर-पइन शंका समाधान
हिमालय : भारतीय उप महाद्वीप के जल चक्र का नियामक
जानिए हिमालय का महत्व और भारत के लिए इसका महत्व Posted on 01 Apr, 2024 11:30 AM

हिमालय का संबंध केवल भारत से ही नहीं है। इससे निकलने और बहने वाली नदियां केवल भारतीय भूभाग में ही नहीं बहतीं बल्कि एशिया महाद्वीप के कई देशों में बहती हैं।भारतीय उपमहाद्वीप की अति विशिष्ट पारिस्थितिकी की कुंजी हिमालय का भूगोल है लेकिन पिछले दो सौ बरसों में हिमालय के बारे में हमारे अज्ञान का निरंतर विस्तार हुआ है। हिमालय जितना पराया फिरंगियों के लिए था, आज हमारे लिए उससे भी अधिक पराया हो गया है।

गंगा की पवित्रता और नदियों की मृत्यु
जाने गंगा और उसकी सहायक नदियों के अस्तित्व के बारे में Posted on 28 Mar, 2024 11:08 AM

गंगा किसी एक अकेली नदी का नाम नहीं है। गंगा नाम से कई नदियां मिलेंगी। राम गंगा, बाण गंगा तो हैं ही अन्य नदियों को भी लोग गंगा के नाम से पुकारते हैं, जैसे- गया की फल्गु को गंगा कहा जाता है। जब गंगा की पवित्रता की बात हो रही हो तो समझना चाहिए कि इस अर्थ की व्यापकता समस्त पवित्र जल तक जायेगी, जिसका नेतृत्व हिमालय की गंगा करती है।

गंगा की पवित्रता और नदियों की मृत्यु
जल दर्शन एवं विज्ञान
इस ब्लॉग में जानिए आधुनिक जीव विज्ञान (Zoology) के अनुसार भी प्राणी मात्र में 78 प्रतिशत पानी है, उसमें एक प्रतिशत भी घटेगा तो जीवन के लिए संकट खड़ा हो सकता है Posted on 27 Mar, 2024 05:37 PM

पृथ्वी पर रहने वाले प्राणी मात्र में चार हिस्सा जल और शेष पांचवा हिस्सा अन्य सभी तत्त्वों का होता है। आधुनिक जीव विज्ञान (Zoology) के अनुसार भी प्राणी मात्र में 78 प्रतिशत पानी होता है। उसमें एक प्रतिशत भी घटे तो जीवन के लिए संकट खड़ा हो जाता है। पानी चैतन्य का भी प्रतीक है। मनुष्य शरीर के जिन अवयवों में जल नहीं होता, जैसे-लोम, केश, नाखून आदि निर्जीव सामग्री हैं, इन्हें काटने से किसी पीड़ा का अ

जल दर्शन एवं विज्ञान
भारत,दक्षिण एशिया में जल सुरक्षा की स्थिति
जाने भारत,दक्षिण एशिया में जल सुरक्षा की स्थिति के बारे में विस्तार से जाने Posted on 27 Mar, 2024 03:25 PM

जम्बूद्वीप स्थित हिंदुस्तान का एक नाम भारत वर्ष है। भारत वर्ष एक समुचित अर्थपूर्ण मुहावरा है। भारत का अर्थ है- भरत (यानी शकुंतला और दुष्यन्त के पुत्र) से संबंधित, 'वर्ष' बहु अर्थीय शब्द है। वर्ष वर्षा को भी कहते हैं और धरती के भू-भाग को भी कहते हैं। वर्ष उस कालावधि को भी कहते हैं, जिसमें पृथ्वी सूर्य की निर्धारित परिक्रमा को पूरा करती है। भारत वर्ष के मुहावरे में वर्ष के ये तीनों अर्थ समाहित है

भारत,दक्षिण एशिया में जल सुरक्षा की स्थिति
जल ईश्वर का अमूल्य उपहार है
जानिए जल क्या है जल के प्रकार जल की अवस्थाएं के बारे में
Posted on 27 Mar, 2024 12:37 PM

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जल ईश्वर का अमूल्य उपहार है
जो एक सौ बीस दिनों तक उत्तराखण्ड में घूमते रहे
जानिए चिपको आन्दोलन में पदयात्रा निकालने का क्या कारण था Posted on 26 Mar, 2024 03:10 PM

मण्डल और फाटा में चिपको आन्दोलन शुरू हुआ, ती सुन्दर लाल बहुगुणा को लगा कि यह बात पूरे उत्तराखण्ड में फैलानी चाहिए। अतः स्वामी रामतीर्थ के निर्वाण दिवस के अवसर पर उन्होंने उत्तराखण्ड की पदयात्रा शुरू कर दी। स्वामी रामतीर्थ ने दीपावली के अवसर पर टिहरी के समीप सिमलासू के नीचे भिलंगना नदी में जल-समाधि ले ली थी। सुंदर लाल बहुगुणा ने 25 अक्टूबर सन् 1973 को सिमलासू से अपनी पदयात्रा शुरू की। उनकी पदयात

जो एक सौ बीस दिनों तक उत्तराखण्ड में घूमते रहे
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