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पारिस्थितिकी और पर्यावरण
पर्यावरण प्रवाह: विकास एवं नदी जीवन के मध्य समझौता
Posted on 10 Apr, 2023 11:37 AM17 अप्रैल, 2017 को राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एन.जी.टी) ने केंद्र से यह स्पष्ट करने को कहा कि गंगा नदी में निर्वाध जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए उसमें न्यूनतम पर्यावरण प्रवाह क्या होना चाहिए। शीर्ष पर्यावरण नियामक ने यह भी कहा कि जब तक पानी को अत्यधिक निकाले जाने और प्रदूषकों को उसमें बहा दिये जाने पर नियंत्रण नहीं लगाया जाता, तब तक गंगा को पूर्णरूपेण उसके असली रूप में वापस नहीं लाया जा सकेगा। र
प्राचीन जल विज्ञान - बादलों की उत्पत्ति, वर्षा और इसका मापन (Part-I)
Posted on 25 Mar, 2023 10:18 AMवर्षा उन तीन मुख्य प्रक्रियाओं (वाष्पीकरण, संघनन, और वर्षा) में से एक है जिनके द्वारा जलविज्ञानीय चक्र, वायुमंडल और पृथ्वी की सतह के बीच पानी का निरंतर आदान-प्रदान संचालित होता है। इस अध्याय में प्राचीन भारतीय साहित्य में वर्णित विभिन्न प्रक्रियाओं जैसे कि बादलों की उत्पत्ति, सूर्य और महासागर और पृथ्वी की सतह के बीच अंतःक्रिया, संघनन और वर्षा पर चर्चा की गई है। यह अध्याय प्राचीन भारत में वर्षा
जलवायु परिवर्तन कार्य योजना के लिए महज 27 प्रतिशत निधि का ही हुआ उपयोग
Posted on 16 Mar, 2023 12:56 PMपर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय 'जलवायु परिवर्तन कार्य योजना' के लिए वर्ष 2022-23 में आवंटित धन का केवल 27 प्रतिशत ही उपयोग कर सका बुधवार को राज्यसभा में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की अनुदान मांगों (2023-2024) पर संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट में 'कार्य योजना' के तहत धन के कम उपयोग का खुलासा हुआ।
जल-जंगल-जमीन की रक्षा के लिए NAPM का राष्ट्रीय सम्मेलन
Posted on 14 Mar, 2023 12:37 PMप्रिय साथियो,
जिदाबाद!
गंगा महाबैठक का निमंत्रण
Posted on 11 Feb, 2023 12:37 PMहम सब मां गंगा की मुनाफाखोरों के हाथों हो रही निरंतर निरंकुश अवैज्ञानिक क्षति रोकने के लिए अथक कार्यरत हैं। ताकि मां गंगा की त्रासदी निवारण हो सके और आने वाली पीढ़ियों की संपदा बचाई जा सके। यह भी सत्य है कि हम सब के निजी और संस्था के प्रयत्नों का निचोड़ यही है कि मां गंगा की त्रासदी निरंकुश बढ़ती जा रही है।
राष्ट्रीय नदी गंगा का पर्यावरण और पारिस्थितिकी तंत्र
Posted on 10 Feb, 2023 02:00 PMमनीष कुमार नेमा, सुरेन्द्र कुमार चंदनीहा, प्रवाहिनी अंक 24 (2017), राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान, रुड़की
किसी नदी का पारिस्थितिकी तंत्र वह समग्र क्षेत्र होता है जिसमें उसके अपने प्राकृतिक वातावरण में उपस्थित सभी जैविक (Biotic) घटकों जैसे पौधों, जानवरों और सूक्ष्म जीवों और सभी अजैव (Abiotic) घटकों के बीच समस्त भौतिक और रासायनिक क्रियाएँ संपादित होती हैं।
पतन के कगार पर जोशीमठ
Posted on 13 Jan, 2023 04:06 PMउत्तराखंड का मशहूर पर्यटन स्थल जोशीमठ में एक भयानक सन्नाटा पसरा हुआ है। उत्तराखंड के चमोली जिले की पहाड़ियों में बसा यह पर्यटकों का सबसे पसंदीदा स्थल था लेकिन आज यहाँ के घर और होटल सुनसान पड़े है, यहाँ के निवासी राहत बचाव केंद्रों में रहने के लिए मजबूर है क्योंकि उनके पैरों के नीचे की जमीन लगातार धंस रही है। वही इस बढ़ते संकट के बीच भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा जारी प्रारंभिक
जोशीमठ के बाद कर्णप्रयाग और श्रीनगर में भी कई घरों में दरार देखने को मिली
Posted on 10 Jan, 2023 02:42 PMजोशीमठ के बाद उससे 80 किलोमीटर दूर स्थित कर्णप्रयाग में भी कई घरों में दरार देखने को मिली है। कर्णप्रयाग के बहुगुणा नगर इलाके में करीब 50 घरों में दरारें आने के बाद स्थानीय प्रशासन की और से मदद के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से संपर्क किया है। इसके अलावा कुछ क्षेत्रों में कई छोटे भूस्खलन होने अंदेशा भी जताया जा रहा है पौड़ी जिले के श्रीनगर गढ़वाल क्षेत्र में भी तबाही के संकेत दिखाई दे रह
आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित हुआ जोशीमठ
Posted on 09 Jan, 2023 12:43 PMचमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने आज जोशीमठ को आपदा क्षेत्र घोषित कर दिया है उन्होंने कहा जल्द ही केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की दो सदस्य टीम यहां पहुंचेगी और स्थिति का जायजा लेगी। वहीं जिलाधिकारी की इस घोषणा के बाद जोशीमठ और आसपास के क्षेत्रों में सभी निर्माण कार्य को रोक दिया गया है साथ ही प्रभावित लोगों को प्रशासन की ओर से लगातार मदद मुहैया कराई जा रही है।
वायु प्रदूषण: साफ सांसों की खातिर आइए, हवा बनायें मुआफिक
Posted on 09 Nov, 2022 02:37 PMऋतु परिवर्तन के इन दिनों में दिल्ली का वायु प्रदूषण फिर उसी स्तर की ओर अग्रसर है, जहां हम वर्ष 2019 में थे: पिछले चार साल में खराब हवा के दिन - 1440; बेहद खराब हवा की अवधि - तीन माह; अच्छी हवा की उपलब्धता - मात्र पांच दिन। 14 चिन्हित स्थान ऐसे, जिनकी वायु गुणवत्ता, शेष दिल्ली की तुलना में हमेशा खराब। वायु प्रदूषण के कारण इंसानी मौतों का आंकड़ा - 30,000 प्रति वर्ष। कोरोना और स्माॅग साथ-साथ होने प