मनीष कुमार नेमा

मनीष कुमार नेमा
नर्मदा - मध्यभारत की जीवनरेखा
Posted on 11 Mar, 2016 03:23 PM

नर्मदानर्मदा भारत में पाँचवीं सबसे बड़ी नदी है। यह 1312 कि.मी.
नदियों को जोड़ने की चुनौतियाँ
Posted on 30 Jan, 2016 01:55 PM

नदीप्रतिदिन बढ़ती जनसंख्या, शहरीकरण और बदलते जलवायु के परिप्रेक्ष
पर्वतीय क्षेत्रों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव
जलवायु परिवर्तन एक बहुत ही विस्तृत विषय है और इसके लगभग सभी क्षेत्रों पर कुछ ना कुछ प्रभाव है, पर्वतीय क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है। विश्व के सभी पहाड़ पृथ्वी की सतह के लगभग 20% के क्षेत्रफल पर फैले हुये हैं साथ ही विश्व की कुल जनसंख्या के 10% लोगों को घर और 50% लोगों को कृषि भूमि की सिंचाई हेतु जल, औद्योगिक उपयोग और घरेलू उपभोग के लिए मीठा पानी प्रदान करते हैं।
Posted on 17 Jul, 2023 04:45 PM

वन पर्वतीय पारिस्थितिक तंत्र के अभिन्न अंग हैं। हाल ही के कुछ वर्षो में भारतीय पर्वतीय प्रदेश से दावानलों की संख्या में वृद्धि देखी गयी है। जंगलों की आग की घटनाओं में वृद्धि भी जलवायु परिवर्तन के साथ जुड़े हुये प्रमुख बदलावों में से एक है । जंगलों की आग की आवृत्ति, परिमाण, तीव्रता, प्रकार आदि वनों की संरचना और प्रकार के अलावा स्थानीय मौसम और जलवायु पर भी निर्भर करती है । इन सब के अलावा जलवायु प

पर्वतीय क्षेत्रों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव,फोटो क्रेडिट :-IwpFlicker
राष्ट्रीय नदी गंगा का पर्यावरण और पारिस्थितिकी तंत्र
किसी नदी का पारिस्थितिकी तंत्र वह समग्र क्षेत्र होता है जिसमें उसके अपने प्राकृतिक वातावरण में उपस्थित सभी जैविक (Biotic) घटकों जैसे पौधों, जानवरों और सूक्ष्म जीवों और सभी अजैव (Abiotic) घटकों के बीच समस्त भौतिक और रासायनिक क्रियाएँ संपादित होती हैं। 
Posted on 10 Feb, 2023 02:00 PM

मनीष कुमार नेमा, सुरेन्द्र कुमार चंदनीहा, प्रवाहिनी अंक 24 (2017), राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान, रुड़की

किसी नदी का पारिस्थितिकी तंत्र वह समग्र क्षेत्र होता है जिसमें उसके अपने प्राकृतिक वातावरण में उपस्थित सभी जैविक (Biotic) घटकों जैसे पौधों, जानवरों और सूक्ष्म जीवों और सभी अजैव (Abiotic) घटकों के बीच समस्त भौतिक और रासायनिक क्रियाएँ संपादित होती हैं। 

राष्ट्रीय नदी गंगा, (PC-Deccan Herald)
×