खनन

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September 9, 2022 Highlights from a new report released by iFOREST
An old coal-fired power plant has been dumping vast quantities of ash out in the open for many years. (Image: Lundrim Aliu/ World Bank; CC BY-NC-ND 2.0)
December 16, 2020 While sandmining is increasingly killing rivers in India, what is the state of rivers in western India?
River sand continues to be plundered for the construction industry (Source: P Jeganathan/Wikimedia Commons)
October 21, 2013 Policy matters this week: One-third of the Western Ghats declared eco-sensitive zone, Narmada canals' water to go to industry and the government to construct godowns for food grains under MNREGA.
Shola grasslands in Western Ghats Source:Wikipedia
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की धज्जियाँ उड़ा रहे मौरंग खनन माफिया
Posted on 27 May, 2013 10:33 AM यह माना जाता है कि लोगों के बुनियादी मौलिक अधिकार सिर्फ तीन हैं -
कहानी का अंत ऐसा न हो!
Posted on 05 Feb, 2013 03:09 PM लोगों की ज़मीन, जंगल, जल और जीविका का क्या होगा, इसकी कोई चिंता नहीं दिख रही थी। इसके बाद मैंने रिपोर्ट देखी। रिपोर्ट में एक नक्शा तक नहीं था, जिसमें बसाहट या खेतों को दिखाया गया हो। रिपोर्ट में बड़े ही लापरवाह अंदाज में यह जिक्र है कि खनन परियोजना के ईर्द-गिर्द तालाब या नदी नहीं है। सड़कों और खदानों पर जल छिड़काव से लोगों को मिल रहे पानी की मात्रा पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। कुछ दूरी पर बहने वाली साल नदी और यहां तक कि अरब सागर पर पड़ने वाले असर के बारे में चर्चा की गई। लेकिन पहाड़ियों से निकलकर खेतों को सींचने वाली जलधाराओं का कोई जिक्र नहीं है। दक्षिणी गोवा का क्यूपेम तालुका। शांतादुर्गा मंदिर के सामुदायिक भवन की सारी कुर्सियां भर चुकी हैं। कुछ ही देर में शक्ति बॉक्साइट खदान के मामले में जन-सुनवाई शुरू होने वाली है। तभी फुसफुसाहट शुरू हो जाती है। मंदिर समिति को मंदिर प्रांगण में जनसुनवाई पर आपत्ति है। जनसुनवाई टाल दी जाती है। भीड़ छंट जाती है। इस बार भी तीस दिन पहले नोटिस देने के नियम को तोड़ा गया। महज दो दिन पहले पंचायत ने लोगों को बॉक्साइट परियोजना के खिलाफ अपनी आपत्ति दर्ज करने के लिए बुलाया था। धान की खेती वाले गोवा के इस इलाके में बॉक्साइट खदान के विस्तार की योजना है और इसकी क्षमता एक लाख से बढ़ाकर दस लाख टन की जानी है। बॉक्साइट की खुदाई अब 26 हेक्टेयर से बढ़ाकर 826 हेक्टेयर क्षेत्र में की जानी है।

खोदते-खोदते खो देंगे गोवा
Posted on 04 Feb, 2013 03:27 PM ग्रामीणों की सिर्फ एक ही मांग है कि खदान को बंद किया जाए। मैंने न
Mining
चीन की बढ़ती मांग से उपजा संकट
Posted on 04 Feb, 2013 03:11 PM अगर हम यह मान लें कि लौह-अयस्क की कीमत 50 डॉलर प्रति टन है, तब भी
बुंदेलखंड की नदियों पर मंडरा रहा संकट
Posted on 28 Jun, 2012 02:21 PM चंबल, नर्मदा, यमुना और टोंस आदि नदियों की सीमाओं में बसने वाला क्षेत्र बुंदेलखंड तेजी से रेगिस्तान बनने की दिशा में अग्रसर है। बुंदेलखंड की धड़कन मानी जाने वाली बेतवा नदी के साथ हो रही छेड़-छाड़ से जल संकट बढ़ गया है। जालौन और झांसी में बालू माफिया के कारण सबसे बड़ा संकट बेतवा नदी पर है। झांसी में बजरी की बढ़ती मांग और चढ़ते दामों के चलते अवैध खनन बढ़ गया है। केन, बेतवा, धसान, और पहुज जैसी ज्या
खनन की कमाई
Posted on 23 Apr, 2012 01:26 PM यों तो खनिजों का खनन देश की अहम जरूरत है। लेकिन कुछ दशकों से समूचे देश में अवैध खनन की बाढ़ आ गई है। यह कारोबार नेताओं, अफसरों और माफियाओं की मिलीभगत की वजह से एक संगठित अपराध का रूप ले चुका है। इस मामले की पड़ताल कर रहे हैं। ‘विवेक आनंद’

भारत प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध देश है। भारत में खनन का इतिहास करीब छह हजार साल पुराना है।
धरती धन न अपना
Posted on 03 Mar, 2012 12:37 PM

विकास के इस मॉडल में उद्योगीकरण श्रमिकों के शोषण, कृषि भूमि के विनाश, किसानों के विस्थापन, खनिज संपदा की लूट और

गंगा में खनन पर सरकार झुकी
Posted on 07 Feb, 2012 12:13 PM स्वराज और सुशासन के मुद्दे पर वाहवाही लूट रही खंडूड़ी सरकार खनन के मामले में एक वरिष्ठ मंत्री का नाम सामने आने से बैकफुट पर है। कैबिनेट मंत्री दिवाकर भट्ट का नाम सामने आने के बाद जब विपक्षी दलों और सामाजिक संगठनों ने गंगा में खनन के विरोध पर चल रहे मातृ सदन के आंदोलन का समर्थन शुरू किया तो सरकार को गंगा में खनन रोकना पड़ा। अब सरकार ने गंगा को हुए नुकसान के आंकलन के लिए केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय
अवैध खनन से खोखली होती भूमि
Posted on 13 Jan, 2012 04:27 PM

बरसात में बजरी निकालो और बाकी समय में नदी को प्रदूषित करो, इस दृष्टिकोण को बदलने की आवश्यकता ह

उदयपुर में स्थित झामरकोटरा खनन क्षेत्र का भू-विज्ञानीय अध्ययन
Posted on 23 Dec, 2011 02:56 PM खनिज संसाधन भूगर्भ से निकाले जाने वाले वे पदार्थ हैं जो प्राकृतिक व रासायनिक सहयोग से बनते हैं। खनिज कुछ निश्चित स्थानों पर ही मिलते हैं। भारत में खनिजों का वितरण असमान है। उत्तरी मैदानों में खनिजों की कमी पाई जाती है क्योंकि यहाँ आधार शैलों पर नदियों द्वारा मिट्टी जमा कर दी गई है। हिमालयी क्षेत्रों में भी खनिजों की कमी है एवं इनका खनन मंहगा पड़ता है। यहाँ अधिकतर खनिज पदार्थ प्रायद्वीप भारत में मि
झामरकोटरा खनन क्षेत्र
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