Policy matters this week: One-third of the Western Ghats declared eco-sensitive zone, Narmada canals' water to go to industry and the government to construct godowns for food grains under MNREGA.
Posted on 27 Sep, 2013 12:14 PMस्थानीय स्तर से लेकर दुनिया के स्तर तक खनिज और खदानें आज संकटों, संघर्षों, विवादों और घोटालों के केंद्र में हैं। इस स्थिति का तकाजा है कि खनन के बारे में बुनियादी स्तर पर पुनर्विचार किया जाए। धरती की कोख से कितना खनिज निकालें और कब तक, इस खनिज का आखिरकार क्या उपयोग होता है और वह कितना जरूरी है, इसमें किसके हित हैं और किसका नुकसान है, अंधाधुंध खनन के पीछे कौन सी ताक़तें हैं, विकास वृद्धि, भोगवाद, प
Posted on 06 Sep, 2013 11:09 AMअवैध खनन पर चर्चा में अक्सर मज़दूरों की अनदेखी कर दी जाती है। लेकिन विंध्य क्षेत्र की पत्थर खदानों में काम करने वाले आदिवासी मजदूर कुछ दिनों से आंदोलन की राह पर हैं। नेता, नौकरशाही और ठेकेदारों की तिकड़ी ने इन्हें एक तरह से बंधुआ मजदूर बना रखा है। इनकी व्यथा-कथा बयान कर रही हैं सीमा आज़ाद।
Posted on 26 Aug, 2013 03:46 PMदिल्ली और उससे लगे इलाकों में जहां एक तरफ रियल एस्टेट कारोबार का रकबा बढ़ता जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ पहाड़ों और नदियों के तट पर अवैध खनन। राष्ट्रीय हरित पंचाट (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने भी इस पर चिंता जताई है। गौतमबुद्ध नगर सदर की एसडीएम दुर्गा शक्ति नागपाल की इस बाबत सख्ती सपा के कुछ स्थानीय छुटभैयों को अखर गई और उसे निलंबित कर दिया गया। इस घटनाक्रम से अवैध खनन को लेकर चिंता सतह पर आ गई है।