Posted on 09 Mar, 2013 12:28 PMमैली यमुना के पानी से धर्म और आस्था के साथ खिलवाड़ के साथ किसान, जंगली जानवर, परिंदे, पेड़-पौधे सबका अस्तित्व संकट में पड़ गया है। भारतीय किसान यूनियन के सचिव रामचंद्र राजपूत कहते हैं कि यमुना के जहरीले पानी से अब किसानों को केवल ट्यूबवेल का सहारा रह गया है और बदरपुर से संगम तक की लाखों एकड़ ज़मीन पर सिंचाई के मद में लाखों करोड़ों रुपए का खर्च बढ़ गया है। जब से यमुना जी रूठी हैं, तब से हमारा नसीब