Posted on 06 Sep, 2013 11:09 AMअवैध खनन पर चर्चा में अक्सर मज़दूरों की अनदेखी कर दी जाती है। लेकिन विंध्य क्षेत्र की पत्थर खदानों में काम करने वाले आदिवासी मजदूर कुछ दिनों से आंदोलन की राह पर हैं। नेता, नौकरशाही और ठेकेदारों की तिकड़ी ने इन्हें एक तरह से बंधुआ मजदूर बना रखा है। इनकी व्यथा-कथा बयान कर रही हैं सीमा आज़ाद।